भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सफाई-मित्र सम्मेलन में सम्बोधन (HINDI)
श्री महाकालेश्वर की दैवी ज्योति से प्रकाशित तथा पावन शिप्रा नदी के आशीर्वाद से सिंचित इस धरती को मैं सादर नमन करती हूं। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को अवन्तिका कहा जाता था। पवित्र ‘द्वादश-ज्योतिर्लिंग-स्तोत्रम्’ में प्रार्थना की जाती है:
अवन्ति-कायां विहिता-वतारम्
वन्दे महाकाल-महा-सुरेशम् ।
अर्थात
अवन्तिका में अवतार लेने वाले ... देवाधिदेव महाकाल की हम वंदना करते हैं।