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भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का‘स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिकता’ विषय पर आयोजित ग्लोबल समिट 2024 में सम्बोधन (HINDI)

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का‘स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिकता’ विषय पर आयोजित ग्लोबल समिट 2024 में सम्बोधन (HINDI)

‘स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिकता’ विषय पर आयोजित इस ग्लोबल समिट में आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। जिस संस्था का लक्ष्य है: “स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन”, उसके द्वारा इस विषय पर ग्लोबल समिट का आयोजन सर्वथा उचित है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान एवम् डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मैं विशेष शुभकामनाएं देती हूं। मुझे बताया गया है कि आज M. Phil. उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। मैं आशा करती हूं कि आने वाले समय में अन्य पाठ्यक्रमों में भी छात्राओं की समुचित भागीदारी होगी।

देवियो और सज्जनो,

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

आज इस दीक्षांत समारोह में आप सब के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह ख़ुशी की बात है कि विश्वविद्यालय की स्थापना के 60वें वर्ष को हीरक-जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। मैं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। सभी पदक विजेताओं को मैं विशेष बधाई देती हूं। वे सभी शिक्षकगण, माता-पिता, अभिभावकगण भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने आपको आगे बढ़

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सफाई-मित्र सम्मेलन में सम्बोधन (HINDI)

श्री महाकालेश्वर की दैवी ज्योति से प्रकाशित तथा पावन शिप्रा नदी के आशीर्वाद से सिंचित इस धरती को मैं सादर नमन करती हूं। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को अवन्तिका कहा जाता था। पवित्र ‘द्वादश-ज्योतिर्लिंग-स्तोत्रम्’ में प्रार्थना की जाती है:

अवन्ति-कायां विहिता-वतारम्   

वन्दे महाकाल-महा-सुरेशम् ।

अर्थात

अवन्तिका में अवतार लेने वाले ... देवाधिदेव महाकाल की हम वंदना करते हैं।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का MNIT के 18वें दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

आज के दीक्षांत समारोह में उपाधि और पदक पाने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। आपकी इस सफलता में आपकी मेहनत और लगन के साथ-साथ आपलोगों के माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों के सहयोग और मार्गदर्शन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। मैं उनकी भी सराहना करती हूं। आज मैंने जो 20 स्वर्ण पदक दिए हैं उनमें से 12 पदक हमारी बेटियों ने प्राप्त किए हैं जबकि उपाधि प्राप्त करने वाले कुल विद्यार्थियों में लगभग 29 प्रतिशत ही बेटियां हैं। पदक विजेताओं में बेटियों का यह अनुपात इस बात का प्रमाण है कि अगर उन्हें समान अवसर दिए जाएं तो वे अपेक्षाकृत अधिक उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। मुझे बताया गया है कि

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 8 th India Water Week - 2024 के उद्घाटन समारोह में सम्बोधन (HINDI)

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 8 th India Water Week - 2024 के उद्घाटन समारोह में सम्बोधन (HINDI)

यह आयोजन, भारत सहित, पूरे विश्व-समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जल-संसाधन के क्षेत्र से जुड़े देश-विदेश के प्रतिभागियों को प्रभावी मंच प्रदान करने के लिए मैं जल-शक्ति मंत्रालय की पूरी टीम की सराहना करती हूं। आप सभी प्रतिभागियों ने पूरी मानवता से जुड़े एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर चिंतन-मंथन करने के लिए उत्साह दिखाया है। इसके लिए मैं आप सबकी प्रशंसा करती हूं। मुझे बताया गया है कि जल-संसाधन के विभिन्न आयाम

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Symbiosis International Deemed University के दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

आज Symbiosis International deemed University के दीक्षांत समारोह में आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। सर्वप्रथम मैं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देती हूं। आज स्वर्ण पदक पाने वाले सभी विद्यार्थी विशेष बधाई के पात्र हैं। मैं ‘Prof. Dr. S.B.

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का श्री वारणा महिला सहकारी उद्योग समूह के स्वर्ण जयंती समारोह में सम्बोधन (HINDI)

आज श्री वारणा समूह के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आप सब को संबोधित करके मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस अवसर पर वारणा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान देने के लिए मैं इस समूह से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं। मैं वारणा समूह के संस्थापक श्री विश्वनाथराव कोरे उर्फ तात्यासाहेब कोरे जी को आदर के साथ याद करती हूं जिनकी दूरदर्शिता और मेहनत से वारणा घाटी की बंजर भूमि आज हरी-भरी है। यह बहुत ही खुशी की बात है कि उनके पौत्र श्री विनय विलासराव कोरे जी, तात्यासाहेब के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

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