भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय कला महोत्सव में सम्बोधन (HINDI)
आज हम सब राष्ट्रपति निलयम में देश की समृद्ध संस्कृति और ‘विविधता में एकता’ का उत्सव मना रहे हैं। हम यहां पूर्वोत्तर भारत की अनूठी कला-संस्कृति को जीवंत रूप में देख रहे हैं। मुझे यहां के pavilions में उत्कृष्ट हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य कलाओं का प्रदर्शन देखने को मिला। पूर्वोत्तर के GI उत्पादों से लेकर असम के माजुली मास्क, त्रिपुरा के रिगनाई कपड़ा, अरुणाचल प्रदेश के मोंपा वस्त्र और मिजोरम के पुंचेई कपड़ा, प्रत्येक उत्पाद अपने आप में अनूठा है। नागालैंड के कारीगरों द्वारा नेटल यार्न की hand-spinning, मणिपुर के lotus silk निकालने की प्रक्रिया, मेघालय की खेनेग कढ़ाई और सिक्किम की थंगका पेंटिंग को