भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

जमशेदपुर : 29.12.2025

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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

नमस्कार! जोहार!

झारखंड के प्रमुख औद्योगिक केंद्र में स्थित, राष्ट्रीय महत्व के इस संस्थान में, आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। पिछले 65 वर्षों से यह संस्थान, विज्ञान और तकनीकी के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके लिए मैं इस संस्थान से जुड़े सभी पूर्व और वर्तमान विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासकों की सराहना करती हूँ।

मैं आज के दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देती हूं। दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करना कई वर्षों की आपकी मेहनत का परिणाम है। यह आपकी उपलब्धियों का उत्सव मनाने और भविष्य के लिए नए संकल्प लेने का अवसर है। आज का दिन अपने माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर भी है जिनके सहयोग और मार्गदर्शन से आपको यह सौभाग्य मिला है।

मैं इस समारोह में मानद उपाधि से सम्मानित हुए स्वामी गोविंद देव गिरि जी और रबीन्द्र कुमार बेहरा जी को हार्दिक बधाई देती हूँ।

प्रिय विद्यार्थीगण,

NIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा प्राप्त करना अपने आप में एक उपलब्धि है। इस क्षेत्र में उपलब्ध प्रचुर प्राकृतिक संसाधन एवं सुप्रसिद्ध उद्यम, NIT जमशेदपुर को और भी विशेष बनाते हैं। आपके पास अवसर है कि इस परिवेश का लाभ उठाते हुए अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग देश तथा समाज के व्यापक हित में करें। मुझे यह बताया गया है कि NIT जमशेदपुर में ऐसा इकोसिस्टम विकसित किया गया है जो शिक्षा और नवाचार को लोगों की जरूरतों तथा देशवासियों की आकांक्षाओं के साथ जोड़ता है।

सरकार के प्रयासों से परंपरागत क्षेत्रों के साथ-साथ defence, space और atomic energy जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्र भी युवाओं को उद्यम स्थापित करने के अवसर प्रदान कर रहे हैं। तकनीकी रूप से सक्षम आप जैसे युवा इन अवसरों का उपयोग करके न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार सृजन कर सकते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस संस्थान में Centre for Innovation and Incubation Council की स्थापना की गई है। मैं आशा करती हूँ कि यह Council विद्यार्थियों में innovation और start-up संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।

देवियो और सज्जनो,

वर्तमान समय में जितनी तेज गति से तकनीकी बदलाव हो रहे हैं, उस गति से शायद ही पहले के किसी काल-खंड में हुए हों। इन बदलावों से जहां एक ओर नए- नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर नई चुनौतियाँ भी उत्पन्न हो रही हैं। तकनीकी विकास से शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, संचार और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हो रहे हैं। लेकिन, आधुनिक तकनीकों का दुरुपयोग करके साइबर अपराध में वृद्धि हो रही है और E-Waste से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है। NIT जमशेदपुर जैसे महत्वपूर्ण हितधारकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे आधुनिक तकनीकों का सामान्य-जन और समाज पर पड़ने वाले कुप्रभावों के नियंत्रण और समाधान में भागीदारी करेंगे। वे न केवल समाधान खोजेंगे, बल्कि अन्य संस्थाओं और उद्योग जगत के साथ सहयोग करके उन समाधानों को 'सतत और स्थाई समाधान' में बदलेंगे।

हमारे सामने कई ऐसी चुनौतियाँ हैं जिनका सामना करने के लिए multi- stakeholder approach के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए sustainable energy development या waste management के लिए engineers द्वारा technology का विकास तो किया जा सकता है, लेकिन उस technology को आर्थिक और सामाजिक रूप से व्यावहारिक बनाने में अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और उद्योग जगत की अहम भूमिका होती है।

देवियो और सज्जनो,

शिक्षण संस्थाएं केवल शिक्षा और उपाधि प्रदान करने के केंद्र ही नहीं हैं, बल्कि वे शोध के प्रमुख केंद्र हैं तथा राष्ट्र की बौद्धिक प्रयोगशालाएं भी हैं। यहां पर देश के भविष्य की सोच आकार लेती है। NIT जैसे संस्थानों में शिक्षित engineers को ऐसे nation-builders की भूमिका निभानी चाहिए जो तकनीकी-विकास को मानव-कल्याण का माध्यम बनाएँ। किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान की प्रतिष्ठा केवल उनकी रैंकिंग या प्लेसमेंट से नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि वह संस्थान और उसके विद्यार्थी समाज और राष्ट्र के लिए किस प्रकार योगदान दे रहे हैं।

वर्ष 2047 तक, हमने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में Research, Innovation और Start-ups culture को बढ़ावा देना तथा युवाओं को skilled workforce के रूप में विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत सरकार Research, Innovation, Start-ups को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। NIT जैसे अग्रणी संस्थानों को research और innovation पर और अधिक ध्यान देना चाहिए। आपके इस योगदान के बल पर भारत एक ‘Knowledge Super Power’ के रूप में स्थापित हो सकेगा।

प्रिय विद्यार्थीगण,

विकसित भारत का सपना केवल ऊँची इमारतों या शक्तिशाली अर्थव्यवस्था के निर्माण से पूरा नहीं होगा, बल्कि एक ऐसे समाज के निर्माण से होगा जिसमें अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के पास भी अवसर की समानता और गरिमापूर्ण जीवन जीने की सुविधा हो। आपकी शिक्षा और ज्ञान को तभी सफल माना जाएगा जब उसका लाभ जन-सामान्य तक पहुंचे। जब आप संवेदनशीलता के साथ तकनीकी कौशल का प्रयोग करेंगे, तब आप इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे। आपको याद रखना चाहिए कि बिना करुणा के किया गया आविष्कार केवल एक मशीन विकसित कर सकता है, लेकिन करुणा से प्रेरित नवाचार समाज के लिए एक वरदान सिद्ध होता है।

भविष्य में आपके सामने कई चुनौतियाँ आएंगी। उस समय आपका चरित्र बल और आपके नैतिक मूल्य ही आपके सबसे प्रभावी मार्गदर्शक होंगे। आपको मेरी सलाह है कि सफलता को केवल बड़े पैकेज या ऊंचे पद से न मापें, बल्कि इस आधार पर उसका आकलन करें कि आपके ज्ञान या कार्य से कितने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।

मैं आप सब के अत्यंत उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ। मुझे विश्वास है कि आप अपनी प्रतिभा और परिश्रम से न केवल अपना और अपने परिवार का, बल्कि समाज और राष्ट्र का भी गौरव बढ़ाएंगे। आप सब भारत को एक समावेशी और समृद्ध राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित करने में अपना योगदान देंगे। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

धन्यवाद,
जय हिंद!
जय भारत!

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