मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1. मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के उद्घाटन करने के ऐतिहासिक अवसर पर यहां उपस्थित होना मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। यह देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से है। मुझे मैसूर की यात्रा करने का अवसर प्राप्त करके भी प्रसन्नता हुई है। अपनी पृष्ठभूमि में चामुंडी पर्वत श्रृंखला के साथ इस शहर में जगह-जगह पर सुंदर महल और आकर्षक भारत-अरबी इमारतें स्थित हैं।

24वां सरस्वती सम्मान प्रदान करने के अवसर पर आज यहां उपस्थित होना मेरे लिए बहुत प्रसन्नता की बात है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को मेरे साथी सांसद तथा कई दशक पुराने मित्र माननीय डॉ. एम. वीरप्पा मोइली को प्रदान करने का सौभाग्य मिलने पर मुझे विशेष प्रसन्नता हो रही है। मैं डॉ. मोईली से सफल राजनीतिक जीवन के साथ-साथ प्रचुर लेखन के द्वारा साहित्य के योगदान के लिए बधाई देता हूं।
उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुख, अन्य शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों के अध्यक्षगण,प्यारे विद्यार्थियो,
प्यारे देशवासियो :
महामहिमगण,
महामहिम, राष्ट्रपति जेम्स एलेक्स मिशेल,
आज की शाम मुझे उन विशिष्ट उपलब्धि प्राप्तकर्ताओं से मिलने के लिए यहां उपस्थित होने पर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है,जिन्होंने‘30 वीमेन इन पावर’पुस्तक में योगदान दिया है।
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