दक्ष शिल्पकारों को वर्ष 2012, 2013 और 2014 के शिल्पगुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1. उत्कृष्ट दक्ष शिल्पकारों को वर्ष 2012, 2013 और 2014के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार और शिल्पगुरु पुरस्कार प्रदान करने के लिए आज आपके बीच उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए एक सुखद अवसर है।

Iमुझे यहां ऊर्जा-उत्सव ‘उमंग2015’में आपके बीच इस ऊर्जात्मक और उत्साहित वातावरण,जो कि आपके बढ़-चढ़कर भागीदारी द्वारा तैयार किया गया है,आने में खुशी है। सर्वप्रथम मैं, दिल्ली के शिक्षा विभाग, टाटा कंपनी समूह और राष्ट्रपति सचिवालय के इस नवोन्मेष कार्यक्रम के लिए प्रशंसा करता हूं।
1. मैं कर्नाटक के केंद्रीय विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर बहुत खुश हूं। यह विश्वविद्यालय वर्ष 2009 में आरंभ किए गए 16केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। ये विश्वविद्यालय बहुधा देश के पिछड़े क्षेत्रों में स्थापित किए गए थे ताकि लोगों को उच्चतर शिक्षा सुलभ कराई जा सके।
मैं आज इस ऐतिहासिक अवसर पर यहां आकर प्रसन्न हूं। जैसा कि हम जानते हैं कि नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ मैन्टल हेल्थ एण्ड न्यूरोलोजिकल साईंसिज अथवा निमहैन्स को मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए जाना जाता है। 1850से इसकी आरंभिक यात्रा से, निमहैन्स, आज राष्ट्रीय महत्त्व के अग्रणी संस्थान के रूप में विकसित हो गया है। नीमहन्स ने निषेध और पुनर्वास के साथ देखभाल को
1. एआई-भीमवरम में आज वेदपाठशाला का उद्घाटन करना मेरा सौभाग्य है। मुझे विश्वास है कि वेदपाठशाला वैदिक ज्ञान,वाचिक परंपराओं तथा हमारी विरासत के प्रोत्साहन केंद्र के रूप में उभरेगा। मैं वैदिक शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लाभ के लिए वेदपाठशाला खोलने की पहल के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को बधाई देता हूं।
1. मुझे, भारतीय आर्थिक संघ के 98वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर आज आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हुई है। भारतीय आर्थिक संघ के साथ मेरा एक लंबा संबंध रहा है,इसलिए जब मुझे वर्तमान सत्र के उद्घाटन के लिए डॉ.