भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत के अवसर पर संबोधन।
मैं, आज इस कार्यक्रम में शामिल होकर और मेघालय के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के साथ बातचीत करके प्रसन्न हूँ। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी यात्राओं के दौरान, मैंने महिलाओं के कई स्वयं सहायता समूहों से मुलाकात और बातचीत की है। इन बातचीतों के दौरान, मैंने पाया कि जब से उन्होंने कमाना और अपने परिवारों के लिए आर्थिक योगदान देना शुरू किया है, तब से वे सब अपने जीवन से अधिक खुश और अधिक संतुष्ट हैं। ऐसे स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों की महिलाओं ने अपना एक नया स्वरूप पाया है।