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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

बाबा बैद्यनाथ के क्षेत्र में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। इस पुण्य भूमि पर स्थित झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आकर मुझे विशेष हर्ष का अनुभव हो रहा है। मैं आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ। आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मैं विशेष बधाई देती हूँ। मैं सभी वि

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी आदिवासी महिलाओं के सम्मेलन में सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी आदिवासी महिलाओं के सम्मेलन में सम्बोधन

जनजातीय महिलाओं के सशक्तीकरण के इस महत्वपूर्ण आयोजन में आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। माही, सोम, और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित बेणेश्वर धाम की यह भूमि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। राजस्थान वीरों की भूमि है। यह इंद्रधनुषी संस्कृति की भूमि है। ‘पधारो म्हारे देस’की अतिथि सत्कार की भावना यहां की पहचान है। 

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पोर्ट ब्लेयर में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पोर्ट ब्लेयर में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

जिस स्नेह और उत्साह के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया है उसके लिए मैं यहां के प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी निवासियों को धन्यवाद देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का विविधता का अमृत महोत्सव के अवसर पर अभिभाषण

आज यहां उपस्थित North East के शिल्पकारों, कलाकारों, प्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। North East की जो झलक आप सबने अपने stalls और प्रयासों के जरिए प्रस्तुत की है, वह अत्यंत प्रभावशाली है। इन सुंदर प्रस्तुतियों के लिए मैं आप सबकी सराहना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का ICAR - Indian Agricultural Research Institute, New Delhi के 62वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का ICAR - Indian Agricultural Research Institute, New Delhi के 62वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

हरित क्रांति के प्रमुख केंद्र और कृषि के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 62वें दीक्षान्त समारोह में आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता महसूस हो रही है। सर्वप्रथम मैं आज स्नातक हो रहे विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ और आपके स्वर्णिम भविष्य की कामना करती हूँ। मैं आज पुरस्कृत होने

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आदि महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आदि महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधन

जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को प्रदर्शित करने वाले इस ‘आदि महोत्सव’ में आप सब के बीच आकर मैं बहुत खुशी का अनुभव कर रही हूं। आज यहां मुझे विभिन्न राज्यों की जनजातीय संस्कृति और विरासत का एक अनूठा संगम देखने को मिला है। उनकी बोली, भाषा, शिल्प, खान-पान, संगीत और पारंपरिक कला, भारत की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण हैं। मैं इस आयोजन के ल

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 200वां जन्मोत्सव – ज्ञान ज्योति पर्व – स्मरणोत्सव समारोह में संबोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 200वां जन्मोत्सव – ज्ञान ज्योति पर्व – स्मरणोत्सव समारोह में संबोधन

यह मेरा सौभाग्य है कि आज के दिन, महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की जन्म-भूमि, टंकारा में आने का, मुझे अवसर मिला है। स्वामी जी की पावन स्मृति में, सभी देशवासियों की ओर से, मैं उन्हें सादर नमन करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन

मुझे आज सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के इस दीक्षांत समारोह में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी पदक विजेताओं और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। दीक्षांत समारोह का दिन, हर संस्थान के लिए ऐतिहासिक होता है। यह प्रत्येक विद्यार्थी के लिए उसके जीवन का यादगार

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का श्रीमद राजचन्द्र आश्रम, धरमपुर में सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का श्रीमद राजचन्द्र आश्रम, धरमपुर में सम्बोधन

श्रीमद राजचन्द्र आश्रम में आकर मैं एक महान आध्यात्मिक परंपरा के प्रति अपना हार्दिक सम्मान व्यक्त कर रही हूं। श्रीमद राजचन्द्र जी एक महान संत, कवि, दार्शनिक एवं समाज-सुधारक थे। श्रीमद राजचन्द्र जी के व्यापक धर्म-ज्ञान और चारित्रिक बल से महात्मा गांधी भी प्रभावित थे। गाँधी जी ने उनके बारे में लिखा है and I quote “जिसपर मैं मुग्ध हुआ था ...

भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सीएलईए-कॉमनवेल्थ अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल सम्मेलन के समापन समारोह में संबोधन।

भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सीएलईए-कॉमनवेल्थ अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल सम्मेलन के समापन समारोह में संबोधन।

मुझे यहां अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरलों, कानूनी और न्यायिक संस्थान के अन्य सदस्यों और राष्ट्रमंडल देशों के कानूनी विद्वानों की गरिमामयी सभा में आकर प्रसन्नता हो रही है। आप में से अनेक लोग दूर-दूर से आए हैं, और आप सभी ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे, अर्थात् न्याय प्रदान करने में सीमा पार की चुनौतियों पर विचार-मंथन के लिए

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