building-logo

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का वर्ष 2021 और 2022 के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कारो की प्रस्तुति के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का वर्ष 2021 और 2022 के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कारो की प्रस्तुति के अवसर पर सम्बोधन

आज अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर, दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के लिए आपके बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

आज हरियाणा के निवासियों ने जिस उत्साह के साथ मेरा स्वागत किया है उसके कारण, राष्ट्रपति के रूप में, आपके राज्य की मेरी पहली यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी।

आज ही कुरुक्षेत्र में गीता-यज्ञ की पूर्णाहुति तथा ‘अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव’ में भाग लेकर मुझे देश की प्राचीन और महान विरासत से जुड़ने का अवसर मिला। उसके बाद NIT कुरुक्षेत्र के दीक्षांत समारोह के दौरान आधुनिक technology को योगदान देने वाली नई पीढ़ी के साथ थोड़ा समय बिताने का अवसर भी मुझे मिला। आज के दोनों समारोह हरियाणा की समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा और सराहनीय आधुनिक विकास के प्रतीक कहे जा सकते हैं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का National Institute of Technology, Kurukshetra के 18वें दीक्षांत समारोह तथा DIAMOND JUBILEE CELEBRATIONS के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

आज आप सभी के बीच इस सुंदर कैम्पस में आकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई है। शिक्षा से मेरा आत्मीय संबंध है। अपना सार्वजनिक जीवन शुरू करने से पहले मैंने एक विद्यालय में अध्यापन कार्य भी किया था। शिक्षा से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में आकर मुझे विशेष प्रसन्नता होती है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव-2022 में सम्बोधन

कुरुक्षेत्र में, अत्यंत पावन ब्रह्म-सरोवर के तट पर आयोजित, इस अंतरराष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव में शामिल होकर मुझे आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है। यह लोक-मान्यता मुझे रोमांचित करती है कि इसी क्षेत्र में, सरस्वती नदी के तट पर, वेदों और पुराणों को लिपिबद्ध किया गया था। इसे मैं भगवान श्री कृष्ण का वरदान मानती हूं कि राष्ट्रपति के रूप में, हरियाणा की अपनी पहली यात्रा को, मुझे इस धर्म-क्षेत्र से आरंभ करने का अवसर प्राप्त हुआ है। महाभारत के वन-पर्व में इस क्षेत्र की तुलना स्वर्ग से की गई है:

ये वसन्ति कुरुक्षेत्रे ते वसन्ति त्रिविष्टपे

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन में सम्बोधन

मध्य प्रदेश में आयोजित इस महिला केन्द्रित सम्मेलन में आकर, यहां की महिला विभूतियों, वीरांगना दुर्गावती, अहिल्या बाई होल्कर, वीरांगना अवन्ती बाई और रानी कमलापति जैसी महान महिलाओं का स्मरण होना स्वाभाविक है। उनकी वीरता और उत्कृष्ट शासन की गाथाएं देश के इतिहास, विशेषकर मध्य प्रदेश के इतिहास के गौरवशाली अध्याय हैं। हमारे आधुनिक लोकतन्त्र को दिशा प्रदान करने वाली महिलाओं में मध्य प्रदेश की सुपुत्री श्रीमती सुमित्रा महाजन जी का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। भारत के और मध्य प्रदेश के विकास में, ऐसी असंख्य महिलाओं का अमूल्य योगदान रहा है। आज के इस महिला सम्मेलन के आरंभ में, मैं मध्य प्रदेश त

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मध्य प्रदेश में नागरिक अभिनन्दन समारोह के अवसर पर सम्बोधन

राष्ट्रपति बनने के बाद मध्य प्रदेश की मेरी यह पहली यात्रा है। आज आप सबके स्नेह और स्वागत से मैं अभिभूत हूं। मैं राज्य के लगभग साढ़े आठ करोड़ निवासियों को धन्यवाद देती हूं और उन सभी की समृद्धि की मंगल कामना करती हूं। आज के इस आयोजन के लिए मैं राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल जीऔरमुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को धन्यवाद देती हूं।

भारतीय संस्कृति और देश की विकास यात्रा में मध्य प्रदेश के लोगों ने अमूल्य योगदान दिया है। मैंपुण्य-सलिला मांनर्मदा के जल से सिंचित इस पावन धरती को नमन करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जनजातीय समागम में सम्बोधन

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जनजातीय समागम में सम्बोधन

आज 15 नवंबर के दिन, पूरे देश में मनाए जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का नागरिक अभिनन्दन समारोह तथा कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और राष्ट्र को समर्पित करने के अवसर पर सम्बोधन

आज आप सबके बीच यहां सिक्किम में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। पूर्वी हिमालय क्षेत्र में स्थित सिक्किम भारत के सबसे सुंदर प्रदेशों में से एक है। विश्‍व के तीन सबसे ऊंची चोटियों में से एक कंचनजंगा यहीं पर हैं,जिसे इस क्षेत्र की देवी के रूप में पूजा जाता है। मैं देवी को प्रणाम करते हुए सिक्किम की जनता की प्रगति और खुशहाली की कामना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का India Water Week - 2022 के उद्घाटन समारोह में सम्बोधन

आज मुझे 7th India Water Weekका उद्घाटन करके हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मुझे खुशी है कि पांच दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञ,जल जैसे समसामयिक मुद्दे पर चर्चा करेंगे और इसके संरक्षण के उपाय सुझाएंगे। मैं इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी, उनके सहयोगियों और उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना करती हूं।

समाचार पत्रिका के लिए सदस्यता लें

सदस्यता का प्रकार
वह न्यूज़लेटर चुनें जिसकी आप सदस्यता लेना चाहते हैं।
सब्सक्राइबर का ईमेल पता