भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा मद्रास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संबोधन।

मुझे आज यहां मद्रास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर खुशी हो रही है। मैं, पदक विजेताओं और आज स्नातक होने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। मैं इस अवसर पर गौरवान्वित माता-पिता, अभिभावकों और संकाय सदस्यों को भी बधाई देती हूं, जो उनके लिए भी खुशी का क्षण है।
भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा पुदुच्चेरी में नागरिक अभिनंदन और परियोजनाओं के वर्चुअल उद्घाटन में संबोधन

भारत के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से मुझे, पुदुच्चेरी की अपनी पहली यात्रा की उत्सुकता थी। मुझे यहां आकर बहुत आनंद का अनुभव हो रहा है। पुदुच्चेरी के लोगों द्वारा गर्मजोशी से किया गया स्वागत मुझे स्मरण रहेगा।
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का FESTIVAL OF LIBRARIES के उद्घाटन समारोह में सम्बोधन

पुस्तकों और पुस्तकालयों से जुड़े लोगों के इस समागम में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी आयोजकों और प्रतिभागियों की सराहना करती हूं। आप सब अत्यंत महत्वपूर्ण उद्देश्यों को प्राप्त करने के संकल्प के साथ यहां उपस्थित हुए हैं।
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का National Federation of the Blind के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर सम्बोधन

आज National Federation of the Blind के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे संतोष का अनुभव हो रहा है। मुझे बताया गया है कि यहां देश के अधिकांश राज्यों और Union Territories से लोग उपस्थित हैं। आपकी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प के लिए मैं आपकी सराहना करती हूं।
भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय विदेश सेवा 2022 बैच के प्रोबेशनर्स द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन।

मैं, राष्ट्रपति भवन में आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूं। सकारात्मक ऊर्जा और नए विचारों से भरे युवाओं के साथ बातचीत करके मुझे हमेशा खुशी होती है।
कंबोडिया नरेश महामहिम नोरोडोम सिहामोनी के सम्मान में आयोजित भोज में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण
भारत के लोगों, सरकार, और अपनी ओर से, मैं महामहिम नरेश नोरोडोम सिहामोनी और आपके प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक और सौहार्द पूर्ण स्वागत करती हूं।
भारत की आपकी पहली यात्रा का विशेष महत्व है। आपके दिवंगत पिताजी, महाराज नोरोडोम सिहानोक लगभग छह दशक पहले, इसी राष्ट्रपति भवन परिसर में पधारे थे। उस समय के भारतीय नेतृत्व के साथ उनके विश्वास और दोस्ती के संबंधों ने आज के हमारे घनिष्ठ संबंधों की नींव रखी।
यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि आप वैशाख के शुभ महीने, और अपने जन्म दिन के कुछ ही दिनों बाद, यहां आए हैं। हम कामना करते हैं कि आने वाले वर्ष आपके लिए सुखद और सफल हों।
भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा के दीक्षांत समारोह में संबोधन

मैं, इस दीक्षांत समारोह में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा के प्रतिभावान और ऊर्जावान छात्रों के बीच आकर बहुत खुश हूं।



