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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह – 2022 में सम्बोधन (HINDI)

सबसे पहले मैं आज के सभी पुरस्कार विजेताओं, विशेषकर बच्चों को, बहुत-बहुत बधाई देती हूं। साथ ही, अन्य सभी प्रतिभागियों की भी मैं सराहना करती हूं। मैं सभी देशवासियों को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ की बधाई देती हूं और उनसे अनुरोध करती हूं कि वे ऊर्जा-संरक्षण के लिए अपना अधिक से अधिक योगदान दें।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन (HINDI)

देव-भूमि, तपोभूमि और वीर-भूमि उत्तराखंड में आना, मैं अपना सौभाग्य मानती हूं। हिमालय को महाकवि कालिदास ने ‘देवतात्मा’ कहा है। राष्ट्रपति के रूप में, हिमालय के आंगन, उत्तराखंड में, आप सब के अतिथि-सत्कार का उपहार प्राप्त करके, मैं स्वयं को कृतार्थ मानती हूं। इस अभिनंदन-समारोह के उत्साह-पूर्ण आयोजन के लिए, राज्यपाल, श्री गुरमीत सिंह जी, मुख्य मंत्री, श्री पुष्कर सिंह धामी जी, तथा उत्तराखंड के एक करोड़ से अधिक निवासियों को मैं धन्यवाद देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का विजयवाड़ा में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन (HINDI)

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का विजयवाड़ा में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

राष्ट्रपति के रूप में आंध्र प्रदेश की अपनी पहली यात्रा के दौरान आपके आमंत्रण और स्नेहपूर्ण अतिथि-सत्कार के लिए आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री बिस्वभूषण हरिचंदन जी, मुख्यमंत्री श्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी जी और आंध्र प्रदेश के लगभग पांच करोड़ निवासियों को मैं धन्यवाद देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का वर्ष 2021 और 2022 के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कारो की प्रस्तुति के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का वर्ष 2021 और 2022 के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कारो की प्रस्तुति के अवसर पर सम्बोधन

आज अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर, दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के लिए आपके बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

आज हरियाणा के निवासियों ने जिस उत्साह के साथ मेरा स्वागत किया है उसके कारण, राष्ट्रपति के रूप में, आपके राज्य की मेरी पहली यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी।

आज ही कुरुक्षेत्र में गीता-यज्ञ की पूर्णाहुति तथा ‘अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव’ में भाग लेकर मुझे देश की प्राचीन और महान विरासत से जुड़ने का अवसर मिला। उसके बाद NIT कुरुक्षेत्र के दीक्षांत समारोह के दौरान आधुनिक technology को योगदान देने वाली नई पीढ़ी के साथ थोड़ा समय बिताने का अवसर भी मुझे मिला। आज के दोनों समारोह हरियाणा की समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा और सराहनीय आधुनिक विकास के प्रतीक कहे जा सकते हैं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का National Institute of Technology, Kurukshetra के 18वें दीक्षांत समारोह तथा DIAMOND JUBILEE CELEBRATIONS के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

आज आप सभी के बीच इस सुंदर कैम्पस में आकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई है। शिक्षा से मेरा आत्मीय संबंध है। अपना सार्वजनिक जीवन शुरू करने से पहले मैंने एक विद्यालय में अध्यापन कार्य भी किया था। शिक्षा से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में आकर मुझे विशेष प्रसन्नता होती है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव-2022 में सम्बोधन

कुरुक्षेत्र में, अत्यंत पावन ब्रह्म-सरोवर के तट पर आयोजित, इस अंतरराष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव में शामिल होकर मुझे आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है। यह लोक-मान्यता मुझे रोमांचित करती है कि इसी क्षेत्र में, सरस्वती नदी के तट पर, वेदों और पुराणों को लिपिबद्ध किया गया था। इसे मैं भगवान श्री कृष्ण का वरदान मानती हूं कि राष्ट्रपति के रूप में, हरियाणा की अपनी पहली यात्रा को, मुझे इस धर्म-क्षेत्र से आरंभ करने का अवसर प्राप्त हुआ है। महाभारत के वन-पर्व में इस क्षेत्र की तुलना स्वर्ग से की गई है:

ये वसन्ति कुरुक्षेत्रे ते वसन्ति त्रिविष्टपे

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