भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का साहित्यिक सम्मिलन में सम्बोधन (HINDI)
साहित्य पर केन्द्रित इस सम्मिलन में आप सबके बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।
विद्यार्थी जीवन से ही मुझमें साहित्य और साहित्यकारों के प्रति आदर और कृतज्ञता का भाव रहा है। समय के साथ, साहित्य के प्रति विशेष सम्मान का यह भाव और अधिक गहरा होता गया है। मैं साहित्यकारों से मिलती रही हूं। मेरी इच्छा थी कि राष्ट्रपति भवन में अनेक साहित्यकारों का आगमन हो। इस आयोजन के लिए मैं संस्कृति मंत्रालय और साहित्य अकादेमी की हृदय से सराहना करती हूं।