‘लोकतंत्र और शासन’ विषय पर उच्च शैक्षणिक तथा अनुसंधान संस्थानों को भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुख, अन्य उच्च शैक्षणिक तथा अनुसंधान संस्थानों के अध्यक्ष,संकाय सदस्य;मेरे प्यारे विद्यार्थियो:
उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुख, अन्य उच्च शैक्षणिक तथा अनुसंधान संस्थानों के अध्यक्ष,संकाय सदस्य;मेरे प्यारे विद्यार्थियो:

नमस्कार!
सबसे पहले मैं, आप सभी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करता हूं। मैं आपको एक प्रमुख अखिल भारतीय सेवा,भारतीय वन सेवा में शामिल होने के लिए बधाई देता हूं। यह आपकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रतीक है। भारतीय वन सेवा में शामिल होकर आपने अपनी पेशेवर आजीविका की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। यह केवल शुरुआत है तथा आपके सामने सरकार में33 से 35 वर्षों का उपलब्धिपूर्ण तथा चुनौतीपूर्ण सेवाकाल है।

प्यारे देशवासियो :
हमारी स्वतंत्रता की 67वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर,मैं आपका और दुनिया भर में सभी भारतवासियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। मैं हमारी सशस्त्र सेनाओं,अर्ध-सैनिक बलों तथा आंतरिक सुरक्षा बलों के सदस्यों को विशेष बधाई देता हूं। हाल ही में ग्लासगो में संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने वाले और सम्मान पाने वाले सभी खिलाड़ियों को भी मैं बधाई देता हूँ।
मित्रो :
मुझे जम्मू विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर आज आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी स्नातक विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे आने वाले वर्षों में अपनी चुनी हुई आजीविका में अत्यंत श्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।

मुझे आज स्मारक डाक टिकटों के इस सेट को जारी करने पर अत्यंत प्रसन्न्ता हो रही है।
मुझे डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा आयोजित किए जा रहे वर्ष 2014का पांचवां डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्मृति व्याख्यान देकर प्रसन्नता हो रही है। मुझे यह सम्मान प्रदान करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत तथा आयोजकों के प्रति आभारी हूं।
शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर आज आपके बीच उपस्थित होने पर मुझे खुशी हुई है। मैं उन सभी शिक्षकों को अपनी हार्दिक बधाई देता हूं जो अपने सराहनीय कार्य तथा राष्ट्र की सेवा के लिए पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं। आज 05 सितम्बर का दिन देश के एक महान दार्शनिक, विचारक, विद्वान और शिक्षाविद भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म जयंति है। बहुत वर्ष पहले उन्होंने बोधगम्य विचार व्यक्त किए थे:

• मुझे किंग्स कॉलेज,लंदन और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग,स्कॉटलैंड के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों से मिलने के लिए इस शाम आपके बीच उपस्थित होकर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है। भारत और यूनाइटेड किंग्डम,एक दीर्घ परम्परा और इतिहास तथा बहुआयामी संबंधों से जुड़े हुए हैं। आज शाम आपकी यहां उपस्थिति दोनों देशों के बीच सद्भावना और विश्वास की महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति है।
देवियो और सज्जनो,