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भारतीय प्रबंध संस्थान के चतुर्थ दीक्षांत समारोह के अववसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

1.मुझे आज भारतीय प्रबंध संस्थान, रायपुर के चतुर्थ वार्षिक दीक्षांत समारोह के लिए आपके बीच उपस्थित होकर गौरव का अनुभव हो रहा है।

मित्रो, देवियो और सज्जनो,

शिक्षा से जीवन समृद्ध होता है, चिंतन परिष्कृत होता है, नए विचारों का प्रसार होता है तथा मानवीय क्षमता में वृद्धि होती है। शिक्षा भविष्य में विकास को बढ़ावा देगी इसलिए यह जरूरी है कि हम कुशल तथा सक्षम मानवशक्ति को ऐसी भारी संख्या में तैयार करें जो हमारे देश की तीव्र आर्थिक प्रगति को संचालित कर सके तथा गरीबी, अभाव तथा पिछड़ेपन से छुटकारा दिलाने में हमें सक्षम बना सके।

मिज़ोरम विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1.आज मिज़ोरम विश्वविद्यालय के इस दसवें दीक्षांत समारोह में आपके बीच उपस्थित होना तथा आपको संबोधित करना मेरे लिए प्रसन्नता का अवसर है। मुझे इस अवसर का उपयोग मिज़ोरम की यात्रा करने के लिए करके भी खुशी हुई है जो भारत के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद मेरे लिए पहला अवसर है। आपके राज्य और विश्वविद्यालय में अपना स्वागत करने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।

प्राचीन सेमिनारी, कोट्टायम पर स्मारक डाक टिकट जारी करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1.मुझे कोट्टायम की प्राचीन सेमिनारी के 200 वर्ष पूर्ण होने पर स्मारक डाक टिकट जारी करने पर अत्यंत प्रसन्नता हुई। प्राचीन सेमिनारी की स्थापना केरल में मौजूद मालंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च ने की थी जिस राज्य को विभिन्न धर्मों के सह-अस्तित्व तथा सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है। इस सेमिनारी तथा ऑर्थोडॉक्स चर्च ने इस उद्देश्य की प्राप्ति में अपनी भूमिका निभाई जिसके कारण इस राज्य

अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री मोहम्मद अशरफ गनी के सम्मान में आयोजित राजभोज के अवसर पर माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण

spमहामहिम,

श्री मोहम्मद अशरफ गनी,

अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के राष्ट्रपति,

विशिष्ट अतिथिगण,

महामहिम, भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आपका तथा आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुझे इस बात की विशेष खुशी है कि आपने राष्ट्रपति भवन में ठहरकर हमें सम्मान प्रदान किया है।

‘राष्ट्रीय एजेंडे में भागीदारी’ विषय पर राष्ट्रीय कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1.राष्ट्रीय कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में आपके बीच उपस्थित होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सर्वप्रथम, मैं भारतीय उद्योग परिसंघ को देश में एक सुदृढ़, सतत् कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व अभियान का निर्माण करने पर केंद्रित इस वार्षिक कॉन्क्लेव के आयोजन हेतु बधाई देता हूं। मैं राष्ट्रीय कॉरपोरेट शासन प्रतिष्ठान की भी सराहना करता हूं जिसके साथ भारतीय उद

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

spमुझे62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के अवसर पर आपके बीच उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च सरकारी मान्यता के अनुरुप गहरे सम्मान का प्रतीक है। मैं 62वें राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के सभी विजेताओं का स्वागत करता हूं और बधाई देता हूं। आपने भारत को गौरवान्वित किया है और एक बार फिर सिनेमा को वैश्विक मंच पर

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का रसियन डिप्लोमेटिक एकेडमी में प्रमुख व्याख्यान

spमुझे आज रसियन मिनिस्ट्री ऑफ फारेन अफेयर्स की डिप्लोमेटिक एकेडमी में आकर खुशी का अनुभव हो रहा है। सबस पहले मैं अकादमी को मुझे मानद डॉक्टरेट प्रदान कर सम्मानित करने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। जहां यह मेरे लिए गौरव की बात है वहीं मैं इसे भारत के प्रति रूसी जनता के स्थाई स्नेह की अभिव्यक्ति के रूप में भी देखता हूं। इसी के साथ,यह हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों की प्रग

भारतीय और रूसी विश्वविद्यालयों की बैठक में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1.भारत और रूस के कुछ सर्वोत्तम शिक्षा संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले शिक्षाविदों के समूह के बीच उपस्थित होकर मुझे खुशी हो रही है। वर्तमान ज्ञान संपन्न समाजों में जहां नवान्वेषण विकास, प्रगति और समृद्धि का आधार है, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपका प्रत्येक संस्थान भारत और रूस के राष्ट्रीय विकास में प्रमुख सहभागी है।

उत्तराखण्ड विधान सभा के विशेष सत्र में भारत के माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण

spउत्तराखंड विधान सभा के इस विशेष सत्र में, इस सुंदर राजधानी नगरी देहरादून में उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। मुझे आज आपके बीच यहां आने के लिए आमंत्रित करने हेतु मैं उत्तराखण्ड विधान सभा के माननीय अध्यक्ष,श्री गोविंद कुंजवाल को धन्यवाद देता हूं।

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