building-logo

राष्ट्रपति संपदा में वाई-फाई सुविधा आरंभ किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण

1.मुझे, वाई-फाई सेवा के शुभारंभ के इस महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रपति संपदा के आवासियों के बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। सर्वप्रथम, मैं इस विशिष्ट परियोजना की संकल्पना और कार्यान्वयन के लिए श्रीमती ओमिता पॉल के नेतृत्व में राष्ट्रपति सचिवालय की टीम तथा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की टीम को भी बधाई देता हूं।

हिज मेजेस्टी स्वीडन नरेश द्वारा आयोजित राजभोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण


योर मेजेस्टीज,

योर रॉयल हाइनेसेज,

महामहिमगण,

देवियो और सज्जनो,

1. योर मेजेस्टी, आपके सहृदयतापूर्ण शब्दों के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। भारत के राष्ट्रपति की स्वीडन की पहली राजकीय यात्रा पर आना वास्तव में सम्मान की बात है। मुझे और मेरे शिष्टमंडल के शानदार स्वागत तथा सम्मानजनक आतिथ्य की मैं अत्यंत सराहना करता हूं।

उपसाला विश्वविद्यालय, स्वीडन में ‘‘टैगोर और गांधी : क्या विश्व शांति के लिए उनकी समसामयिक प्रासंगिकता है?’’ विषय पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

spउपसाला विश्वविद्यालय में आकर भारत के राष्ट्रकवि और साहित्य के लिए प्रथम गैर यूरोपीय नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर तथा भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी की समसामयिक प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रकट करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

बेलारूस के राष्ट्रपति द्वारा उनके सम्मान में दिए गए मध्याह्न राजभोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण


महामहिम, श्री एलेक्जेण्डर वी लुकाशेन्को, बेलारूस गणराज्य के राष्ट्रपति,

बेलारूस तथा भारतीय शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यगण,

विशिष्ट देवियो और सज्जनो,

भारत से बेलारूस की पहली यात्रा पर मिंस्क आने पर मुझे वास्तव में बहुत खुशी हो रही है।

महामहिम, मैं आपके स्वागत के विनम्रतापूर्ण शब्दों के लिए तथा मुझे और मेरे शिष्टमंडल को प्रदान किए गए शानदार आतिथ्य के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। हमने आपके खूबसूरत, हरे-भरे तथा आतिथ्यपूर्ण देश की यात्रा का भरपूर आनंद लिया है। बेलारूस की जनता की सादगी,गर्मजोशी तथा प्यार का अनुभव वास्तव में एक आनंददायक अनुभूति है।

बेलारूस स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा प्रोफेसर की मानद उपाधि प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का स्वीकृति अभिभाषण

बेलारूस के माननीय शिक्षा मंत्री,श्री एम.ए. झूरावकोव,

बेलारूस राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के अध्यक्ष,श्री एस.वी. आब्लामेयको,

इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य और शैक्षिक समुदाय के विशिष्ट सदस्यगण,

विशिष्ट अतिथिगण,

आज आपके बीच उपस्थित होना वास्तव में एक सौभाग्य की बात है। मैं, उनके सहृदयतापूर्ण शब्दों के लिए अध्यक्ष,श्री एस.वी. आब्लामेयको का धन्यवाद करता हूं। मैं उनके हार्दिक उद्गारों का प्रत्युत्तर देते हुए तथा आज मुझे प्रदान किए गए उच्च सम्मान के लिए अपना धन्यवाद व्यक्त करते हुए अपनी बात आरंभ करना चाहूंगा।

संयुक्त व्यापार परिषद बैठक में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

spबेलारूस के गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, एलेक्जेंडर लुकाशेन्को,

विशिष्ट व्यापार प्रतिनिधिगण,

देवियो और सज्जनो,

मुझे भारत और बेलारूस के प्रमुख व्यापार प्रतिनिधियों कीसभा को संबोधित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

डॉ. डी.वाई. पाटिल विद्यापीठ के छठे दीक्षांत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण


मुझे डॉ. डी.वाई. पाटिल विद्यापीठ के छठे दीक्षांत समारोह के लिए आपके बीच उपस्थित होने का अवसर मिलने पर वास्तव में बहुत खुशी हो रही है। यह हमारे देश के उच्च शिक्षा के मानचित्र पर एक महत्त्वपूर्ण शिक्षा केंद्रों में से एक है।

मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण


1. मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के उद्घाटन करने के ऐतिहासिक अवसर पर यहां उपस्थित होना मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। यह देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से है। मुझे मैसूर की यात्रा करने का अवसर प्राप्त करके भी प्रसन्नता हुई है। अपनी पृष्ठभूमि में चामुंडी पर्वत श्रृंखला के साथ इस शहर में जगह-जगह पर सुंदर महल और आकर्षक भारत-अरबी इमारतें स्थित हैं।

कर्नाटक वाणिज्य और उद्योग चैंबर परिसंघ के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

1. कर्नाटक वाणिज्य और उद्योग चैंबर परिसंघ के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने के लिए इस सायं आपके बीच उपस्थित होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं आप सभी को अब तक की यात्रा तथा इस महत्वपूर्ण पड़ाव तक पहुंचने पर बधाई देता हूं। मैं समझता हूं कि 1916 में सर एम.विश्वेश्वरैया द्वारा इस परिसंघ की स्थापना मैसूर वाणिज्य चैंबर के तौर पर की थी। आज यह कर्नाटक के उद्योग,व्यापार तथा सेवा क्षेत्र का एक प्रमुख संगठन है।

समाचार पत्रिका के लिए सदस्यता लें

सदस्यता का प्रकार
वह न्यूज़लेटर चुनें जिसकी आप सदस्यता लेना चाहते हैं।
सब्सक्राइबर का ईमेल पता