‘लोक लेखापरीक्षा के माध्यम से सुशासन और जवाबदेही को प्रोत्साहन’ विषय पर 27वें महालेखापरीक्षा सम्मेलन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1.सबसे पहले मैं, इस सम्मेलन से मुझे जोड़ने के लिए नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षा तथा उनके कार्यालय को हार्दिक धन्यवाद देना चाहूंगा। मुझे 27वें महालेखापरीक्षा सम्मेलन में उपस्थित होकर खुशी हो रही है। मैं आरंभ में ही भारत की लेखापरीक्षा संस्थान को बधाई देता हूं जिसका 150 से ज्यादा लंबा इतिहास है।
आजीविका सुरक्षा संबंधी एसोचैम शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण
1. मुझे आज ‘आजीविका सुरक्षा : 1.3बिलियन भारतीयों के लिए परिकल्पना को साकार करना’ विषय पर शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने तथा कुछ समय पूर्व इस विषय पर प्रतिवेदन की प्रथम प्रति प्राप्त करने के लिए यहां उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। आरंभ में मैं हमारे समाज को व्यापक दायरे को छूने वाले इस मुद्दे पर इस सम्मेलन के आयोजन के लिए देश के एक अग्रणी उद्योग संघ एसोचैम की सराहना करता हूं।
स्कोप असाधारण पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण
मुझे वर्ष 2012-13का स्कोप असाधारण पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर आपके बीच उपस्थित होकर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है।
2. मैं, पर्यावरण उत्कृष्टता और सतत विकास; कॉरपोरेट शासन; कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व और प्रतिसंवेदना; अनुसंधान और विकास तथा प्रौद्योगिकी विकास और नवान्वेषण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सम्मानित करने हेतु ऐसे समारोहों के आयोजन के लिए लोक उद्यम विभाग तथा लोक उद्यमों संबंधी स्थायी सम्मेलन की सराहना करता हूं।
भूटान में ‘भारत-भूटान संबंधों’ पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
महामहिम,ल्योन्छेन सेरिंग तोबगे, भूटान के प्रधानमंत्री,
महामहिमगण,
देवियो और सज्जनो,
सबसे पहले मैं महामहिम, प्रधानमंत्री को उनके स्वागत के शब्दों के लिए धन्यवाद देता हूं।
49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण
प्रख्यात हिंदी कवि डॉ. केदारनाथ सिंह को भारतीय साहित्य में असाधारण योगदान के लिए 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए जाने के शुभ अवसर पर आज आपके बीच उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने के लिए उन्हें बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि वह आने वाले वर्षों में हिंदी साहित्य को समृद्ध करते रहेंगे।
54वें एनडीसी पाठ्यक्रम के सदस्यों तथा राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के कर्मचारियों द्वारा भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1.सबसे पहले, मैं राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के54वें एनडीसी पाठ्यक्रम, जिसमें सिविल सेवाओं,सशस्त्र सेनाओं के अधिकारी तथा विदेशी मित्र देशों के अधिकारी शामिल हैं,में भाग ले रहे प्रतिभागियों के साथ अपने कुछ विचार बांटने का अवसर देने के लिए राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के प्रति गहरा आभार प्रकट करता हूं। मैं राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में आप सभी का स्वागत करता हूं।
‘‘परिवर्तन दूत के रूप में महिलाएं’’ विषय पर 20वें न्यायमूर्ति सुनंदा भंडारे स्मृति व्याख्यान के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे इस संध्या 20वें न्यायमूर्ति सुनंदा भण्डारे स्मृति व्याख्यान देने के लिए यहां उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। स्वर्गीय न्यायमूर्ति भण्डारे महिला अधिकारों की संरक्षक थीं। उन्होंने अपने पेशे और पिछड़ों के प्रति चिंता के संबंध में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया। 52 वर्ष की आयु में उनकी असमय मृत्यु से एक महान और समृद्ध जीवनवृत्त का दुखद अंत हो गया।
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा ‘जवाहरलाल नेहरू और आधुनिक भारत का निर्माण’ विषय पर जवाहरलाल नेहरू स्मृति व्याख्यान
मुझे जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जन्म-जयंती के अवसर पर आयोजित46वां जवाहरलाल नेहरू स्मृति व्याख्यान देते हुए सम्मान का अनुभव हो रहा है। मैं इस निमंत्रण के लिए जवाहरलाल नेहरू स्मृति फंड की अध्यक्षा,श्रीमती सोनिया गांधी तथा इसके न्यासियों के प्रति आशा व्यक्त करता हूं।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे आज वृंदावन में आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। मैं ऐसी अद्वितीय परियोजना की संकल्पना के लिए इस्कॉन को बधाई देता हूं। मैं समझता हूं कि वृंदावन चंद्रोदय मंदिर,जिसकी आधारशिला इस वर्ष 16 मार्च को रखी गई थी,भगवान श्रीकृष्ण की महिमा और काल को पुनसर्जित करने वाली स्थापत्यकला की एक भव्य रचना है। इससे प्रत्येक वर्ष वृंदावन में एकत्र होने वाले हजारों श्रद्धालुओं को आध्