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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा ‘आधुनिक विश्व की चुनौतियां : भारतविद्या के माध्यम से समाधान’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे आज महाभारत और भगवद् गीता की इस भूमि में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुझे ‘आधुनिक विश्व की चुनौतियां : भारतविद्या के माध्यम से समाधान’ विषय पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करके विशेष खुशी हो रही है।

सरसरी तौर पर, यह विषय कुछ लोगों को अप्रासंगिक लग सकता है। परंतु यह आधुनिक समय के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है तथा यह आज की बहुत सी समस्याओं का समाधान सुझा सकता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय आमतौर पर संगोष्ठी के लिए इतने जटिल तथा चुनौतीपूर्ण विषय का कम ही चयन करती है। मैं कुलपति तथा उनकी टीम को इस निर्णय के लिए बधाई देना चाहूंगा।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 10वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के लिए यहां आकर खुशी हो रही है। मैं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनके जीवन के इस यादगार दिन के लिए बधाई देता हूं। देश में इंजीनियरी की शिक्षा प्रदान करने के 50 वर्ष पूर्व करने पर मैं इस संस्थान को बधाई देता हूं।

अखिल भारतीय प्रबंधन एसोसिएशन के भारत प्रबंधन पुरस्कार 2013 प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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सबसे पहले मैं इस अवसर पर सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देना चाहूंगा। भारत प्रबंधन पुरस्कार 2013 के इस खुशी के मौके पर आपके बीच आकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। यह ऐसे प्रतिष्ठत कारपोरेट पुरस्कार हैं जो विभिन्न व्यक्तियों तथा संगठनों द्वारा भारतीय व्यापार प्रबंधन में विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करते हैं।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, जिसे ‘जनता का विश्वविद्यालय’ भी कहा जा सकता है, के 26वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के लिए यहां आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

आदिमजाति शिक्षा आश्रम के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे आदिमजाति शिक्षा आश्रम के हीरक जयंती समारोहों में आप लोगों के बीच आकर प्रसन्नता हो रही है, जो मणिपुर के जनजातीय समुदाय के कल्याण और विकास के लिए समर्पित एक सम्माननीय संस्थान है। मुझे इस आश्रम में आकर बहुत गौरव का अनुभव हो रहा है, जिसकी नींव 1953 में हमारे देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.

इन्टरनेशनल फेडरेशन फॉर ट्रेनिंग एंड डिवेलेपमेंट आर्गनाइजेशन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे इन्टरनेशनल फेडरेशन फॉर ट्रेनिंग एंड डिवेलेपमेंट आर्गनाइजेशन द्वारा ‘‘नई व्यावसायिक व्यवस्था में उन्नत संगठनों के लिए क्षमता’’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि इन्टरनेशनल फेडरेशन फॉर ट्रेनिंग एंड डिवेलेपमेंट आर्गनाइजेशन मानव संसाधन पेशेवरों का विश्वव्यापी नेटवर्क है तथा यह वैयक्तिक विकास,

उत्कल विश्वविद्यालय के 45वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे, उत्कल विश्वविद्यालय के 45वें दीक्षांत समारोह के लिए यहां आकर तथा प्रख्यात शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा विद्यार्थियों को संबोधित करके बहुत प्रसन्नता हो रही है। कटक में एक किराए के भवन में 1943 में शुरू हुआ यह विश्वविद्यालय आज पूर्वी क्षेत्र में उच्च शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। इस समय विश्वविद्यालय में 27 स्नातकोत्तर विभाग, दो विधि कॉलेज, ए

चतुर्थ सार्वजनिक क्षेत्र दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे चतुर्थ सार्वजनिक क्षेत्र दिवस के अवसर पर आपके बीच आकर बहुत खुशी हो रही है, जो कि हमारे देश की आर्थिक प्रगति में सार्वजनिक क्षेत्र की बहुमूल्य साझीदारी को मान्यता प्रदान करने का अवसर है। आज जब हम उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कुछ चुनिंदा केंद्रीय सार्वज्निक क्षेत्र के उद्यमों को पुरस्कृत कर रहे हैं, यह समय सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता

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