विश्व मलयाली महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे मलयालम के महापर्व विश्व मलयाला महोत्सवम् के लिए ‘ईश्वर के अपने देश’ केरल में आकर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है।

मुझे मलयालम के महापर्व विश्व मलयाला महोत्सवम् के लिए ‘ईश्वर के अपने देश’ केरल में आकर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है।

आज आप सबके बीच आकर केरल के विधान मंडलों के 125वर्षीय समारोहों में भाग लेकर मुझे बहुत सम्मान का अनुभव हो रहा है।

केरल विधान सभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
आज आप सबके बीच आकर केरल के विधान मंडलों के 125वर्षीय समारोहों में भाग लेकर मुझे बहुत सम्मान का अनुभव हो रहा है।

मुझे राष्ट्रीय नवान्वेषण परिषद की दूसरी वार्षिक ‘जन रिपोर्ट’ प्राप्त करके प्रसन्नता हो रही है। विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तियों को लेकर इस परिषद का गठन, अगले दशक को भारत के नवान्वेषण दशक के रूप में स्वरूप देने की सरकार की संकल्पना को साकार करने के लिए किया गया था।

स्वामी विवेकानंद ने कहा था, ‘‘सभी राष्ट्र, महिलाओं को समुचित सम्मान प्रदान करके महान बने हैं। जिस देश और राष्ट्र ने महिलाओं को सम्मान नहीं दिया है वह कभी समृद्ध नहीं बना है।’’
मुझे, इन चार संगठनों को, जिनके कार्यों को आज सम्मानित किया जा रहा है, डॉ. दुर्गाबाई देशमुख महिला विकास पुरस्कार प्रदान करके प्रसन्नता हो रही है।
12वें राज्य निर्माण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ की नई राजधानी रायपुर में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।
राष्ट्रपति के पद पर आसीन होने के बाद मेरी यह छत्तीसगढ़ की पहली यात्रा है। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मुझे इस नए और तेजी से प्रगतिशील राज्य की जीवंत साहित्यिक तथा अकादमिक बिरादरी के विभिन्न लोगों से मिलने का अवसर मिल रहा है।

मुझे, रायपुर हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल के उद्घाटन के अवसर पर रायपुर आकर बहुत खुशी हो रही है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि रायपुर हवाई अड्डे का नाम संत/दार्शनिक तथा स्वपनद्रष्टा स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखा गया है। कोलकाता के बाद स्वामी जी ने अपने जीवन के सबसे अधिक वर्ष रायपुर में ही बिताए थे। इस वर्ष उनकी 100वीं जन्म जयंती है तथा हमने हाल ही में भारत में न

आज, दक्ष शिल्पकारों तथा बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार, शिल्पगुरु पुरस्कार तथा संत कबीर पुरस्कार प्रदान करने के लिए, आप सबके बीच आना मेरे लिए प्रसन्नता का अवसर है।

मुझे, मध्यस्थता पर राष्ट्रीय ‘जिला स्तरीय’ संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है, जिनका विषय, ‘संस्थागत स्तर पर मध्यस्थता को सशक्त करने में जिला न्यायपालिका की भूमिका’ है।

मुझे, आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस समारोह में आपके बीच उपस्थित होकर बहुत गौरव की अनुभूति हो रही है। एक महान स्वप्नदर्शी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, विद्वान, पंथ-निरपेक्ष विचारक, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् तथा भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।