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मॉरिशस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री राजकेश्वर प्रयाग के सम्मान में आयोजित राज-भोज में राष्ट्रपति जी का अभिभाषण

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महामहिम राजकेश्वर प्रयाग, मॉरिशस गणराज्य के राष्ट्रपति,

श्रीमती अनीता प्रयाग,

विशिष्ट अतिथिगण,

भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आपका तथा आपके विशिष्ट शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आप भारत के बहुत पुराने मित्र हैं तथा भारत और मॉरिशस के बीच नजदीकी संबंधों के प्रबल समर्थक हैं।

11वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे 11वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन व्याख्यान के लिए आपके बीच उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। आज का दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसी दिन 98 वर्ष पहले, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे।

जनगणना पदक प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

जनगणना कर्मियों को उनके असाधारण और उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘जनगणना पदक’ तथा ‘सम्मान पत्र’ प्रदान करने के लिए यहां आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। यह जनगणना 2011 के संचालन के कार्य में लगे हुए सभी लोगों के कठोर परिश्रम का ही परिणाम है कि इस संस्थान के इतिहास के पन्नों में एक और शानदार अध्याय जुड़ गया है।

‘न्यायिक सुधारों में ताजा रुझान : एक वैश्विक परिदृश्य’ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे, आज ‘न्यायिक सुधारों में ताजा रुझान : एक वैश्विक परिदृश्य’ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर यहां आकर प्रसन्नता हो रही है। यह संगोष्ठी भारतीय अंतरराष्ट्रीय विधि फाउंडेशन द्वारा आयोजित की गई है। मैं आयोजकों को सही समय पर यह विषय चुनने के लिए बधाई देता हूं।

सीआईआई—आईटीसी सततता पुरस्कार 2012 प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp110413आज मकर सक्रांति के पावन दिन, सीआईआई—आईटीसी सततता पुरस्कार-2012 प्रदान करने के लिए आप सबके बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं आयोजकों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे भारतीय उद्योगों के प्रमुखों की इस महती सभा में भाग लेने का अवसर दिया।

कृषि कर्मण पुरस्कारों के वितरण के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे, आज खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य के लिए राज्य सरकारों को वर्ष 2011-12 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार वितरित करने के लिए यहां उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2011-12 में जो रिकार्ड उत्पादन हुआ वह देश के 18 राज्यों के समस्त फसल क्षेत्र के 2/3 क्षेत्र से प्राप्त हुआ था जो कि काफी विस्तृत क्षेत्र है। यह वास्तव में एक प्रशंसनीय शानदार उपलब्धि है।

10वें ज्ञान सहस्राब्दि शिखर सम्मेलन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे, एसोचैम द्वारा ‘असाधारण रोगों का उपचार : नवान्वेषणों का आदान-प्रदान’ विषय पर आयोजित 10वें ज्ञान सहस्राब्दि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। मैं एसोचैम को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नवान्वेषणों को बढ़ाने की जरूरत पर, इस समयानुकूल शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए बधाई देता हूं।

एशिया प्रशांत नेत्र-विज्ञान अकादमी की28वीं कांग्रेस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण


मुझे, आज एशिया प्रशांत नेत्र-विज्ञान अकादमी की 28वीं कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। मैं अकादमी और अखिल भारतीय नेत्र-विज्ञान सोसायटी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे पूरे विश्व से यहां एकत्रित नेत्र रोग विशेषज्ञों के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया।

यह सम्मेलन, लगभग 28 वर्ष के अंतराल के बाद, दूसरी बार भारत में आयोजित किया जा रहा है। भारत में इसका आयोजन अखिल भारतीय नेत्र-विज्ञान सोसायटी के निष्ठावान प्रयासों का परिणाम है जो ए पी आई ओ के साथ मिलकर कार्य कर रही है। मैं उन्हें इस प्रयास के लिए बधाई देता हूं।

बंगाल इंजीनियरी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिबपुर के 15वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे, बंगाल इंजीनियरी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिबपुर के 15वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर आपके बीच उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

1856 में, कलकत्ता इंजीनियरी कॉलेज के रूप में दस विद्यार्थियों और तीन संकाय सदस्यों के साथ स्थापित इस विश्वविद्यालय ने एक लम्बी यात्रा तय की है। विगत 157 वर्षों के दौरान, यह विश्वविद्यालय एक ऐसे अग्रणी संस्थान के रूप में विकसित हो गया है जिसके पूर्व विद्यार्थियों ने भारत में और विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मेधा को सिद्ध किया है और न केवल अपना बल्कि अपने संस्थान का नाम भी रोशन किया है।

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