सुरी विद्यासागर कॉलेज में स्वागत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मैं आज अपने कॉलेज में आकर खुशी और पुरानी यादों से उद्वेलित अनुभव कर रहा हूं जहां मैंने अपनी युवावस्था के बेहतरीन चार साल बिताए थे। ऐसा लगता है मानो यह कल ही की बात है जब वर्ष 1952 में मुझे आईएससी में दाखिला मिला था। मेरी पंजीकरण संख्या थी 5057। उस समय पंजीकरण शुल्क 2/- रुपए था। वर्ष 1953-56 के दौरान मैंने बी.ए.