विदेशों के साथ मैत्री हेतु सांस्कृतिक और शैक्षिक व्यक्तियों/श्रेष्ठ व्यक्तियों के लिए चाइनीज पीपल्स एसोसिएशन और भारत के राजदूतावास द्वारा संयुक्त रूप से स्वागत समारोह पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1.मैं चीन के विशिष्ट सांस्कृतिक और अग्रणी शैक्षिक व्यक्तियों के एकत्रित समूह को संबोधित करने में अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

1.मैं आपके स्वागत भरे शब्दों के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। उच्च शिक्षा के इस सुविख्यात संस्थान में आने पर मुझे बड़ी प्रसन्नता है। पेकिंग विश्वविद्यालय अपने विद्वानों के पांडित्य और उत्साहपूर्ण नेतृत्व के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। मैं इसके प्रबंधन और संकाय के सदस्यों से मिलने और आपको,जो चीन के भावी नेता हैं,और ऊर्जा और आत्मविश्वास विखेरती आपकी खुली मुस्कान स्थान को देख
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1. भारत के किसी भी राष्ट्रपति की घाना गणराज्य की प्रथम राजकीय यात्रा करना वास्तव में मेरा सौभाग्य है। मेरे साथ सांसदों का एक शिष्टमंडल आया है जो हमारे देश के विविध क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
1. मुझे यहां आकर प्रसन्नता हुई है। घाना भारत का एक विश्वसनीय मित्र है। हमारे दोनों देशों का एक जैसा राजनीतिक इतिहास रहा है और आज विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमारी अपनी जनता के प्रति साझी संकल्पना है। भारत घाना की मैत्री को महत्वपूर्ण मानता है तथा घाना के सतत विकास और प्रगति के लक्ष्य प्राप्त करने में साझीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है।
1. आईसीटी में कोफी अन्नान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में व्याख्या करना मेरे लिए एक आनंददायक अनुभूति है। मेरे साथ यहां भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री माननीय डॉ.
1. मेरे लिए आपके सुंदर देश में भारत के किसी प्रमुख द्वारा पहली राजकीय यात्रा करना सचमुच बड़ा सम्मानजनक है। मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को आपके द्वारा दिए गए हार्दिक स्वागत और हमारे पहुंचने के बाद दिए गए आतिथ्य कौशल से मैं बहुत प्रसन्न हुआ हूं।
1. भारत के किसी राष्ट्रपति की पहली राजकीय यात्रा पर इस सुंदर देश अबिदजान, पर्ल ऑफ वेस्ट अफ्रीका में आकर मैं बहुत प्रसन्न हूं।
मैं नामिबिया की यात्रा करके बहुत प्रसन्न हूं जो एक ऐसा देश है प्राकृतिक संपदा से भरपूर हैं,संसाधनों से युक्त है,जिसे समुद्र का मर्मस्पर्श प्राप्त है और जहां बहादुर निवास करते हैं। इस अवसर को पाकर मैं नामिबिया की जनता के नेताओं और प्रतिनिधियों के इस भव्य सदन को संबोधित करके सचमुच बड़ा सम्मानित महसूस कर रहा हूं।