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भारत चीन संबंधः ‘जनता की भागीदारी में आठ कदम’ र्शीषक पर पेकिंग विश्वविद्यालय, चीन में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1.मैं आपके स्वागत भरे शब्दों के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। उच्च शिक्षा के इस सुविख्यात संस्थान में आने पर मुझे बड़ी प्रसन्नता है। पेकिंग विश्वविद्यालय अपने विद्वानों के पांडित्य और उत्साहपूर्ण नेतृत्व के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। मैं इसके प्रबंधन और संकाय के सदस्यों से मिलने और आपको,जो चीन के भावी नेता हैं,और ऊर्जा और आत्मविश्वास विखेरती आपकी खुली मुस्कान स्थान को देख

भारत-घाना व्यापार मंच समारोहों में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मुझे यहां आकर प्रसन्नता हुई है। घाना भारत का एक विश्वसनीय मित्र है। हमारे दोनों देशों का एक जैसा राजनीतिक इतिहास रहा है और आज विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमारी अपनी जनता के प्रति साझी संकल्पना है। भारत घाना की मैत्री को महत्वपूर्ण मानता है तथा घाना के सतत विकास और प्रगति के लक्ष्य प्राप्त करने में साझीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

देवियो और सज्जनो,

भारत घाना कोफी अन्नान सेंटर फॉर एक्सीलेंस में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. आईसीटी में कोफी अन्नान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में व्याख्या करना मेरे लिए एक आनंददायक अनुभूति है। मेरे साथ यहां भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री माननीय डॉ.

कोटे डी आइवर के राष्ट्रपति द्वारा स्वागत भाषण के प्रत्युत्तर में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मेरे लिए आपके सुंदर देश में भारत के किसी प्रमुख द्वारा पहली राजकीय यात्रा करना सचमुच बड़ा सम्मानजनक है। मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को आपके द्वारा दिए गए हार्दिक स्वागत और हमारे पहुंचने के बाद दिए गए आतिथ्य कौशल से मैं बहुत प्रसन्न हुआ हूं।

भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का नामिमिया गणराज्य के संसद को संबोधन

spमैं नामिबिया की यात्रा करके बहुत प्रसन्न हूं जो एक ऐसा देश है प्राकृतिक संपदा से भरपूर हैं,संसाधनों से युक्त है,जिसे समुद्र का मर्मस्पर्श प्राप्त है और जहां बहादुर निवास करते हैं। इस अवसर को पाकर मैं नामिबिया की जनता के नेताओं और प्रतिनिधियों के इस भव्य सदन को संबोधित करके सचमुच बड़ा सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

नामिबिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित स्वागत राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा संबोधन

1. मेरे और मेरे सहयोगियों के लिए इस प्रकार का सौहार्द और आतिथ्य आयोजित करने में सचमुच मुझे गौरव का अनुभव हो रहा है। इस राजभोज में नामिबिया के राष्ट्रपति के अभिभाषण को भारत और नामिबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाएगा। मैं स्वयं को स्वैपो के संस्थापकों और नामिबिया के नेताओं की इस उपस्थिति के द्वारा सौभाग्यशाली समझता हूं जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया बल्कि महत्वपूर्ण योगदान भी दिया ताकि नामिबिया की जनता और सरकार राष्ट्रमंडल में अपना आधिकारिक स्थान प्राप्त कर सकें।

महामहिम,

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