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स्वामी विवेकानंद सभागार उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मेरे लिए कथक केंद्र में ‘विवेकानंद समभागार’के उद्घाटन में भाग लेना सचमुच सौभाग्यशाली है। मैं इस अवसर पर श्री महेश शर्मा,संस्कृतिक मंत्रालय, श्री एन.पी.

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर माननीय राष्ट्रपति का संदेश

spप्यारे देशवासियो:

1. हमारी स्वतंत्रता की 69वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर मैं देश विदेश में रह रहे अपने सभी बहनों और भाइयों को हार्दिक बधाई देता हूं।

भारत चैम्बर ऑफ कामर्स के कार्यालय भवन ‘भारत चैम्बर्स’ के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मैं इस कार्यालय भवन,जिसमें भारत चैम्बर ऑफ कामर्स का आवास होगा,के उद्घाटन के अवसर पर सचमुच बहुत प्रसन्न हूं। मैं आपको अपना कार्यालय भवन होने की बधाई देता हूं। भारत चैम्बर ऑफ कामर्स भारत के सबसे पुराने चैम्बरों में से एक है जिसका इतिहास1900वर्ष पुराना है जब इसे विशेष समुदाय से संबंधित एक एसोसिएशन ऑफ मर्चेंट्स के रूप में गठित किया गया था।

म्यामां संघीय गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम यू हितन क्याउ एवं दाओ सू सू ल्विन के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

म्यामां संघीय गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम यू हितन क्याउ,

दाओ सू सू ल्विन,

महामहिमगण,

देवियो और सज्जनो,

मुझे भारत की यात्रा पर आए महामहिम राष्ट्रपति, दाओ सू सू ल्विन और आपके विशिष्ट शिष्टमंडल का स्वागत करने पर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

महामहिम,

ग्रीष्म सत्र के पासिंग आउट परेड को देखने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन

spआफिसर्स ट्रेंनिंग अकादमी के आसपास के सुंदर क्षेत्र में आपके बीच प्रमुख कमांडर के रूप में उपस्थित होने में और इस परेड को देखने में मुझे बेहद प्रसन्नता हुई जिसमें भारतीय सेना के प्रमाणित अधिकारियों के रूप में आपके जीवन की एक नई सुबह निहित है।

जनकपुर में नागरिक अभिनंदन के दौरान संबोधन

उप-प्रधान मंत्री, बिमलेन्द्र निधि,

मंत्री, श्री जीबन बहादुर शाही,

माननीय संसद सदस्य,

जनकपुर नगरपालिका के मुख्य कार्यकारी पुण्य प्रसाद लुइंटेल,

विशिष्ट अतिथिगण,

देवियो और सज्जनो

जनकपुर की इस प्राचीन नगरी के लोगों ने जिस गर्मजोशी से मेरा स्वागत और सत्कार किया है,उससे मैं अभिभूत हूं। जनकपुर की इस धरती पर आकर मुझे प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। देवी सीता की इस नगरी जनकपुर है,जो भारत और नेपाल दोनों में समान रूप से आदरणीय है,आकर मैं प्रसन्न हूं।

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