भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव ‘आदि महोत्सव’ के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधन

जनजातीय गौरव वर्ष के दौरान आयोजित ‘आदि महोत्सव 2025’ का शुभारंभ करते हुए मुझे विशेष प्रसन्नता हो रही है।
जनजातीय गौरव वर्ष के दौरान आयोजित ‘आदि महोत्सव 2025’ का शुभारंभ करते हुए मुझे विशेष प्रसन्नता हो रही है।
कतर राष्ट्र के अमीर, महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी की भारत की दूसरी राजकीय यात्रा पर राष्ट्रपति भवन में उनका और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
महामहिम,
बिहार की इस पुण्यभूमि को मैं सादर नमन करती हूं। भारतीय अध्यात्म का केंद्र रही यह भूमि, माता सीता, भगवान महावीर और भगवान बुद्ध की पावन स्थली है। महात्मा गांधी ने भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की प्रेरणा भी यहीं से ली। यही भूमि देश के प्रथम राष्ट्रपति आदरणीय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्म-भूमि है।
आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। हम सब के ऊपर देवाधिदेव महादेव की कृपा बनी रहे तथा हमारा देश और समाज प्रगति के पथ पर आगे बढ़े, यही मेरी प्रार्थना है।
यहां उपस्थित सभी नव-विवाहित दम्पतियों को मैं अपना आशीर्वाद देती हूं और उनके सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हूं। आपको परिणय सूत्र में बांधने और आपके जीवन में खुशी का यह अवसर उत्पन्न करने के लिए मैं, श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी और श्री बागेश्वर धाम जन सेवा समिति की सराहना करती हूं।
आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हृदय से बधाई देती हूं। पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की मैं विशेष सराहना करती हूं। उच्च शिक्षा के लिए आपने Forensic Sciences का क्षेत्र चुना इसके लिए मैं आप सभी विद्यार्थियों और आपके अभिभावकों की प्रशंसा करती हूं।
प्यारे विद्यार्थियो,
आप सबने लीक से हटकर अपने शिक्षण और कार्यक्षेत्र का चयन किया है। इस क्षेत्र का महत्व निरंतर बढ़ रहा है।
Visitor’s Awards के सभी विजेताओं को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। यह पुरस्कार Innovation, Research तथा Technology Development के क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मुझे आशा है कि हमारे देश में उच्च शिक्षा से जुड़े लोग इन क्षेत्रों में अनेक नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।
भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े इस अत्यंत महत्वपूर्ण Conference के सफल आयोजन के लिए मैं शिक्षा मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान जी को, उनकी पूरी टीम को, सभी प्रतिभागियों को तथा आयोजन के लिए सक्रिय योगदान देने वाले राष्ट्रपति सचिवालय के सभी लोगों को बधाई देती हूं।
इस Conference के लिए चुने गए विषयों पर हुए विचार-मन्थन का सारांश सुनकर मैं कह सकती हूं कि उच्च-शिक्षा से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण आयामों पर उपयोगी निष्कर्ष निकले हैं। इस समापन सत्र में संक्षिप्त प्रस्तुतियां करने वाले विशेषज्ञों तथा विस्तार से गहन विमर्श करने वाले उनकी टीमों के सभी सदस्यों की मैं सराहना करती हूं।
आज भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता के इस महोत्सव के दूसरे संस्करण के शुभारंभ के अवसर पर मैं आप सब को बधाई देती हूँ। यह हम सब के लिए प्रसन्नता का विषय है कि राष्ट्रपति भवन में देश के दक्षिणी राज्यों की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की झलक सब लोग देख पाएंगे। साथ ही उनके हस्त-शिल्प, हस्त-करघा, लोक-नृत्य, लोक-गीत, खान- पान तथा वहाँ के प्रतिभाशाली कलाकारों और कारीगरों को भी करीब से जानने का अवसर हम सभी को मिलेगा। मैं केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी और उनकी पूरी टीम की इस प्रयास में भागीदारी के लिए सराहना करती हूँ।
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से महिलाओं को, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। यह दिवस, महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने, उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और महिला-पुरु
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह में आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। आपकी यह उपलब्धि न केवल आपके लिए बल्कि आपके परिवार, आपके अध्यापकगण और इस विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व का विषय है। मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि आज Ph.D.