बंगाल इंजीनियरी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिबपुर के 15वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे, बंगाल इंजीनियरी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिबपुर के 15वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर आपके बीच उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।
1856 में, कलकत्ता इंजीनियरी कॉलेज के रूप में दस विद्यार्थियों और तीन संकाय सदस्यों के साथ स्थापित इस विश्वविद्यालय ने एक लम्बी यात्रा तय की है। विगत 157 वर्षों के दौरान, यह विश्वविद्यालय एक ऐसे अग्रणी संस्थान के रूप में विकसित हो गया है जिसके पूर्व विद्यार्थियों ने भारत में और विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मेधा को सिद्ध किया है और न केवल अपना बल्कि अपने संस्थान का नाम भी रोशन किया है।





