भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जनजातीय समागम में सम्बोधन (HINDI)
आज 15 नवंबर के दिन, पूरे देश में मनाए जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देती हूं।
आज 15 नवंबर के दिन, पूरे देश में मनाए जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देती हूं।
आज आप सबके बीच यहां सिक्किम में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। पूर्वी हिमालय क्षेत्र में स्थित सिक्किम भारत के सबसे सुंदर प्रदेशों में से एक है। विश्व के तीन सबसे ऊंची चोटियों में से एक कंचनजंगा यहीं पर हैं,जिसे इस क्षेत्र की देवी के रूप में पूजा जाता है। मैं देवी को प्रणाम करते हुए सिक्किम की जनता की प्रगति और खुशहाली की कामना करती हूं।
राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पहली बार आप सब के बीच यहां असम में आकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है।
असम के भाई-बहनो के स्नेह और उत्साहपूर्ण स्वागत के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं।
आज इस कार्यक्रम में आने से पहले मुझे मां कामाख्या देवी के मंदिर में जाकर उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला। मैं मां कामाख्या देवी से असम के भाई-बहनो सहित सभी देशवासियों की प्रगति और समृद्धि की कामना करती हूं।
मुझे आज पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ के दीक्षांत समारोह तथा शताब्दी-वर्ष-समापन-समारोह में भाग लेकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। आज degree प्राप्त करने वाले आप सभी विद्यार्थियों को मैं बधाई देती हूं। Medal प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं विशेष बधाई देती हूं।
इस अवसर पर मैं आप सबके माता-पिता और अभिभावकों को भी बधाई देना चाहती हूं जो आपकी अब तक की यात्रा में आपके संबल रहे हैं। इस दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए मैं संकाय सदस्यों, कॉलेज प्रशासन, और सक्रिय योगदान देने वाले अन्य सभी लोगों की सराहना करती हूं।
राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पहली बार आप सब के बीच यहां त्रिपुरा में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।
भारत की राष्ट्रपति के रूप में, जब मैंने विभिन्न राज्यों की यात्राएं आरम्भ की तो मैंने चाहा कि मैं शीघ्र ही पूर्वोत्तर क्षेत्र की यात्रा करूं। मुझे प्रसन्नता है कि आदि शक्ति के आशीर्वाद से मुझे अपनी आरंभिक यात्राओं में ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में आने का सुअवसर मिला है। मेरी यह यात्रा एक नए राष्ट्रीय दृष्टिकोण और पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रति मेरे भावनात्मक अनुराग से प्रेरित है।
गुजरात के सबसे पुराने और सबसे बड़े इस विश्वविद्यालय में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। गांधी जी और सरदार पटेल के सपनों के अनुसार वर्ष 1949 में स्थापित यह विश्वविद्यालय अनेक मानकों पर गुजरात और पूरे देश में अग्रणी स्थान रखता है। गुजरात विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व की बात है कि न केवल भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी बल्कि भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रम के जनक, डॉक्टर विक्रम साराभाई, ISRO के पूर्व-प्रमुख, डॉक्टर के. कस्तूरी रंगन और भारत के गृह मंत्री, श्री अमित शाह भी इस university के पूर्व छात्र रह चुके हैं।
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार आप सबके बीच यहाँ गुजरात में आकर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। आप सभी की कुशलता के लिए प्रार्थना करती हूं।
इस कार्यक्रम में आने से पहले मुझे साबरमती आश्रम में कुछ समय बिताने का अवसर मिला। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन और आदर्श आज मानवता के लिए और भी अधिक प्रासंगिक है।
नमस्कार!
आप सभी को गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!
आज सुबह ही महात्मा गांधी के स्मारक-स्थल राजघाट पर मैंने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी। गांधी जी की याद से जुड़े किसी भी स्मारक-स्थल पर जाना एक तीर्थ यात्रा जैसा होता है। उनके विचार शाश्वत हैं। सत्य और अहिंसा की तरह स्वच्छता पर भी उनका आग्रह था। उनके जन्मदिन को ‘स्वच्छ भारत दिवस’ के रूप में मनाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
1. 'स्वच्छ भारत मिशन' से जुड़े इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आप सबके बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले शहरों के नागरिकों, सफाई-मित्रों तथा स्थानीय प्रशासन को बधाई देती हूं।
68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में पुरस्कृत सभी विजेताओं को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। भारतीय सिनेमा को असाधारण योगदान देने वाली आशा पारेख जी को ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ दिये जाने परमैं उन्हें विशेष तौर पर बधाई देती हूं। आशा पारेख जी ने दर्शकों का असीम प्रेम अर्जित किया। उनकी पीढ़ी की हमारी बहनों ने अनेक बंधनों के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई। आशा जी का सम्मान, अदम्य महिला शक्ति का सम्मान भी है।
फिल्म का निर्माण टीम-वर्क तथा कठिन परिश्रम के बल पर ही संभव हो पाता है। इसलिए पुरस्कृत फिल्मों की टीम के सभी सदस्यों को मैं बधाई देती हूं।