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भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह में अभिभाषण

Rashtrapati Bhavan : 13-11-2015

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भारतीय समुदाय के विशिष्ट सदस्यो,

1. मुझे येरुसलम के इस पवित्र शहर में आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। पहले भारतीय राष्ट्रपति के रूप में इज़राइल की राजकीय यात्रा करना मेरे लिए एक सौभाग्य है। मेरे साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री,श्री थावर चंद गहलोत और भारतीय संसद के दोनों सदनों के माननीय सांसदों का बहु-दलीय शिष्टमंडल है। इज़राइल में हमारे आगमन के बाद से हमें इज़राइल के लोगों की मित्रता,सौहार्द और आतिथ्य ने गहराई से प्रभावित किया है।

2. मैं, भारत की जनता की ओर से आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएं लाया हूं। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि हम इस अवसर की प्रतीक्षा कर करते रहे हैं आपका समुदाय भारतीय विभिन्न वर्गों के समान है। आप यहां पर छात्रों,देखभाल करने वालों, पेशेवरों और कारोबारियों के रूप में हैं;आप में से कुछेक यूएनडीओएफ में कार्य कर रहे हैं। मैं इज़राइल में भारतीय यहूदी समुदाय को विशेषकर जानना चाहता हूं जो भारत को प्यार करता है। मैं येरुसलम के800 वर्ष पुराने भारतीय आश्रम का विशेष उल्लेख करना चाहूंगा और शेख नज़र हसन अंसारी को श्रद्धांजलि देना चाहूंगा।

3. मित्रो,भारत अपने विशाल डायसपोरा पर बहुत गर्व करता है। भारतीय पूरे विश्व में न केवल समर्पित पेशेवर और परिश्रमी कारोबारियों बल्कि आदर्श नागरिक के रूप में भी सफल हैं। वे उस समाज में योगदान के लिए गौरवान्वित हैं जिसमें वे रहते हैं और कार्य करते हैं; फिर भी वे और उनकी युवा पीढ़ियां अपने हृदय में भारतीयता को बरकरार रखते हैं और अपनी मातृभूमि को बेहद प्यार करते हैं। इसके लिए मैं आप सबकी सराहना करता हूं।

4. मित्रो,भारत ने इज़राइल को सदैव एक अनमोल साझीदार के रूप में देखा है। वास्तव में,भारत के लिए समग्र रूप से पश्चिम एशिया और खाड़ी सदैव प्राथमिकता रहे हैं। हमारे इन भू-भागों और लोगों के साथ न केवल प्राचीन और सभ्यतात्मक संबंध रहे हैं बल्कि आज भी लगभग70 लाख भारतीय वहां रहकर कार्य करते हैं। इस भाग के देश ऊर्जा,हाइड्रोकार्बन और खनिज क्षेत्र में भारत के प्रमुख साझीदार हैं। हम इन पर विशेष ध्यान देते रहेंगे और हमारे परस्पर लाभ के लिए इनसे निकट सहयोग और सशक्त साझीदारी का प्रयास करते रहेंगे।

5. यह भारत के लिए सुनहरे अवसरों का दौर है। एक अनूठा बदलाव हो रहा है। देश द्रुत आर्थिक विकास के नए युग की दहलीज पर है। भारत सरकार की अनेक नवीनतम पहल ने अभी से परिणाम दर्शाने शुरू कर दिए हैं तथा उन्होंने प्रमुख क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पैदा किया है। भारत को एक निवेश और विनिर्माण गंतव्य बनाने के लिए‘भारत में निर्माण’,भारत को डिजीटल रूप से सशक्त समाज में परिवर्तित करने के लिए‘डिजिटल इंडिया’कार्यक्रम; ‘स्मार्ट सिटीज़’, ‘स्वच्छ भारत’और ‘स्वच्छ गंगा अभियान’भारत सरकार के कुछ ऐसे अग्रणी कार्यक्रम हैं। केवल पिछले एक वर्ष में भारत सरकार ने‘जन-धन योजना’के अंतर्गत लगभग 140 मिलियन बैंक खाते खोलने के लिए हमारे लोगों को प्रोत्साहि करने में सफल रही है।

देवियो और सज्जनो,

6. विदेशी संबंधों के क्षेत्र में,मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि सरकार ने भारत के संबंध को उसके पड़ोसी और विश्व के सभी मित्र देशों के साथ प्रगाढ़ किया है। अगस्त में,भारत-प्रशान्त द्वीप सहयोग मंच, जयपुर में आयोजित किया गया था; इस महीने के अंत में भारत नई दिल्ली में तृतीय भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के आयोजन में अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों का अब तक का सबसे विशाल समूह का आयोजन करेगा। भारत आर्कटिक परिषद और प्रशांत गठबंधन से लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद,जिसमें भारत ने स्थायी सदस्यता की तर्कसंगत दावेदारी की है,जैसे विविध मंचों में बढ़ी हुई भूमिका निभाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सहित बहुस्तरीय संगठनों में समान विचारों वाले देशों के साथ कार्य कर रहा है। भारत की क्षमता की गूंज अब पुरजोर है। हमारे मित्रों का दायरा बढ़ गया है। भारत के समावेशी आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के प्रयासों ने अनेक विकासशील देशों का मार्ग प्रशस्त किया है।

7. मैं इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत-इज़राइल की क्षमता पर जोर देना चाहूंगा। हमारी भावी साझीदारी में नवान्वेषण और अनुसंधान की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उत्कृष्ट भारत विश्वविद्यालयों के प्रख्यात कुलपति मेरे साथ इस यात्रा पर आए हैं। उनके विश्वविद्यालय इज़राइल विश्वविद्यालयों से घनिष्ठ आदान-प्रदान की उम्मीद करते हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे परिश्रमी विद्यार्थी इज़राइल में भारत को गौरवान्वित करेंगे।

मित्रो,

8. मैं आपके बीच बहुत से भारतीय यहूदी समुदाय के सदस्यों को देखता हूं। आपने भारत और इज़राइल में अपनी उपलब्धियों द्वारा अपने आपको विशिष्ट बनाया है। मुंबई में आपने व्यवसाय,शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान दिया है। कोलकाता में,मैगन डेविड सिनेगोग और यहूदी छात्र स्कूल ऐतिहासिक स्थल हैं। मैं1968 का स्मरण करता हूं,जब पूर्व प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी ने सिनेगोग की400वीं वर्षगांठ में भाग लिया था और एक स्मारक डाक टिकट जारी की थी। मुझे ज्ञात है कि इज़राइल में सभी चार यहूदी समुदाय,इज़राइल में, भारतीय यहूदियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए एकजुट हुए हैं। मैं इस पहल के लिए आपकी सराहना करता हूं और आपकी सफलता की कामना करता हूं।

9. अपनी बात समाप्त करने से पहले मैं इज़राइल की मैत्रीपूर्ण जनता का धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने यहां भारतीय समुदाय को स्वागत योग्य और महत्त्वपूर्ण महसूस करवाया। हम दोनों देश प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं,ठीक वैसे ही, जैसे फलदार पेड़ की दो शाखाएं। भारत आने वाले वर्षों में हमारे दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग की उम्मीद करता है।

10. इन शब्दों के साथ,मैं इस स्वागत के लिए भारत के राजदूत को और आप सभी को धन्यवाद देता हूं। मैं आप में से प्रत्येक को आपके अच्छे स्वास्थ्य,प्रगति और अनेक गौरवपूर्ण उपलब्धियों के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

ईश्वर की आप पर कृपा रहे। जय हिंद।

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