भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गुजरात विधान सभा में ‘राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन’ के उद्घाटन के अवसर पर संबोधन

गांधीनगर : 13.09.2023

डाउनलोड : भाषण भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गुजरात विधान सभा में ‘राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन’ के उद्घाटन के अवसर पर संबोधन(हिन्दी, 1.26 मेगा बाइट)

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गुजरात विधान सभा में ‘राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन’ के उद्घाटन के अवसर पर संबोधन

गुजरात की इस पावन भूमि पर आना मेरे लिए सदैव एक सुखद अनुभूति होती है। मुझे इस बात की और भी अधिक प्रसन्नता है कि लोकतन्त्र के इस मंदिर में, मैं आपको संबोधित कर रही हूँ। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि श्री भूपेंद्रभाई पटेल जी ने मुख्यमंत्री के रूप में आज दो साल पूरे किए हैं। मै उनको हार्दिक बधाई देती हूँ और कामना करती हूँ कि वे गुजरात की जनता की सेवा निरंतर करते रहें।

गुजरात का हजारों साल का गौरवशाली इतिहास रहा है। कर्मठ, प्रतिभाशाली और उद्यमी निवासियों के बल पर गुजरात का भविष्य भी अत्यंत उज्ज्वल है। सबसे विशेष बात यह है कि गुजरात ने हमेशा भारत और भारतवासियों के भविष्य के साथ अपने भविष्य को देखा है। प्रसिद्ध कवि उमाशंकर जोशी के शब्दों में:

हूँ गुर्जर भारतवासी

झंखों पल-पल सहुजन, मंगल मन मारूं उल्लासी

हूँ गुर्जर भारतवासी

यह कविता गुजरात की आत्मा की पुकार है।

जब वर्ष 1960 में गुजरात राज्य की स्थापना हुई, उसके बाद से इस विधान सभा ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस सदन ने हमेशा समाज के हित में कार्य किया है। समय-समय पर इस विधान-सभा ने अनेक सराहनीय कदम उठाये हैं। गुजरात पंचायत विधेयक, 1961 और गुजरात अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अधिनियम, 1961 ने local self-government और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगतिशील व्यवस्था स्थापित की है। गुजरात विधान-सभा द्वारा infrastructure में निवेश और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए Gujarat Infrastructure Development Act, 1999 पारित किया गया। पिछले दो दशकों के दौरान भी, इस सदन ने कृषि, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पशुधन, सार्वजनिक सेवा विषयों पर अनेक दूरदर्शी कानून बनाए हैं। गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2003, गुजरात राजकोषीय दायित्व अधिनियम, 2005, गुजरात (नागरिकों का सार्वजनिक सेवा संबंधी अधिकार) अधिनियम 2013 और गुजरात जैविक कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम, 2017 जैसे कुछ उदाहरण हैं जो इस सदन की दूरगामी सोच को परिलक्षित करते हैं।

आज E-Assembly का उद्घाटन एक ऐसा ही महत्वपूर्ण कदम है। National e-Vidhan Application (NeVA) के जरिये यह विधान सभा एक Digital House में बदल जाएगी। इस application के जरिये इस सदन के सदस्य, देश के संसद और अन्य विधान सभाओं और विधान परिषदों के best practices को देख सकते हैं, उन्हें अपना सकते हैं। अपने-आप में यह एक अत्यंत प्रगतिशील परिवर्तन है। इस परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए मैं भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय, गुजरात विधान सभा और गुजरात सरकार के सभी संबद्ध व्यक्तियों को हार्दिक बधाई देती हूँ।

मुझे विश्वास है कि “one nation one application” के लक्ष्य से प्रेरित यह कदम गुजरात विधान सभा के काम-काज में और अधिक गति और पारदर्शिता लाएगा। साथ ही, सदन की पूरी प्रक्रिया paperless होने से पर्यावरण की सुरक्षा भी हो सकेगी। मुझे यह जानकर बहुत ही प्रसन्नता हुई है कि गुजरात विधान सभा सचिवालय ने प्रशिक्षण सामग्री गुजराती भाषा में भी उपलब्ध कराई है और इस भवन में ही ‘नेवा’ सेवा केंद्र के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। 

माननीय सदस्यगण,

इस धरती के अनेक सपूतों ने अपनी प्रतिभा के बल पर भारत का नाम दुनिया भर में ऊंचा किया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने न सिर्फ भारत के स्वतंत्रता-संग्राम को विलक्षण नेतृत्व प्रदान किया, अपितु संपूर्ण विश्व को भी एक नयी राह दिखाई। उनके द्वारा दिया गया सत्य और अहिंसा का मूल-मंत्र विश्व शांति के लिए आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। हम लौह-पुरुष सरदार पटेल को देश के एकीकरण में उनके अहम योगदान के लिए सदैव स्मरण करते हैं। आज जब हम चंद्रयान मिशन-3 की सफलता का उत्सव मना रहे हैं, तब गुजरात के एक और सपूत भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले, डॉक्टर विक्रम साराभाई का स्मरण स्वत: ही हो जाता है। श्री मोरारजी देसाई ने एक स्वतन्त्रता सेनानी और बाद में भारत के प्रधान मंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की भी जन्म और कर्म भूमि गुजरात ही रही है, जिनके कुशल नेतृत्व में हमारा देश मजबूती से प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। 

माननीय सदस्यगण,

गुजरात अनेक मानकों पर देश के अग्रणी राज्यों में है। यह एक Leading manufacturing hub भी है और देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य भी है। Startup eco-system की दृष्टि से यह प्रमुख राज्यों में से एक है। उर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को बढ़ावा देने में भी गुजरात का योगदान महत्वपूर्ण है। Roof Top Solar Power Generation और Wind Energy Production में भी गुजरात अग्रिम पंक्ति के राज्यों में है।

किसी भी राज्य की आर्थिक उन्नति में उसके मानव संसाधन की अहम भूमिका होती है। मानव संसाधन के विकास के लिए जनता को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था, गुणवत्ता-पूर्ण शिक्षा, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि गुजरात सरकार ने इन विषयों पर भरपूर ध्यान दिया है। सरकार के प्रयासों से Girl education, teacher student ratio, enrolment ratio और retention rate में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। त्रि-स्तरीय स्वास्थ्य व्यवस्था द्वारा ग्रामीण जनता को भी उचित और त्वरित चिकित्सा सेवा प्रदान की जा रही है। जिसके फलस्वरूप maternal mortality ratio और infant mortality rate में उल्लेखनीय कमी आई है। पिछले दो दशकों के दौरान गुजरात में विद्युत- सुधार में और जल संचयन तथा आपूर्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। यही कारण है कि आज राज्य में बिजली की समस्या नहीं है और गुजरात की जनता को पीने का पानी घर पर ही उपलब्ध हो रहा है। यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि इस राज्य ने न सिर्फ मनुष्यों, बल्कि पशुओं के कल्याण के लिए भी प्रयास किए हैं।

गुजरात की प्रगति देखकर हार्दिक प्रसन्नता होती है। लेकिन एक बात की ओर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ, वह है इस सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व। आज जब महिलाएं हरेक क्षेत्र में, चाहे वह science & technology हो, defence या sports हो, उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं तो राजनीति में भी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए। मैं पूरे देश में शिक्षण संस्थानों में जाती हूँ और छात्राओं से मिलती हूँ। मैंने उनकी आँखों में आगे बढ़ने और देश तथा समाज के लिए कुछ करने की ललक देखी है। अगर उन्हें उचित अवसर दिया जाए, तो वो पुरुषों से कंधे से कन्धा मिलाकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकती हैं। देश के समग्र विकास के लिए आधी आबादी की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

माननीय सदस्यगण,

जलवायु परिवर्तन और global warming के विपरीत प्रभाव और उससे होने वाले नुकसान को पूरा विश्व महसूस कर रहा है। इस संकट का सामना करने के लिए नई दिल्ली में, भारत की अध्यक्षता में, G20 समूह के देशों ने वर्ष 2030 तक green house gases के उत्सर्जन को 43 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य तय किया है। यह संकल्प बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि कुल उत्सर्जन के 80 प्रतिशत में G20 देशों का ही योगदान है। पर्यावरण प्रदूषण में fossil fuels के उपयोग की अहम भूमिका होती है। इसलिए ऊर्जा के new और renewable स्रोतों को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। ये स्रोत न केवल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण हैं। यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि G20 Summit के दौरान भारत ने Global Biofuels Alliance बनाने की घोषणा की है जिसमें अमेरिका और ब्राजील समेत 19 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं। पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए, International Solar Alliance के बाद यह भारत के नेतृत्व में उठाया गया एक और महत्वपूर्ण कदम है। गुजरात जैसे innovative और ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को बढ़ावा देने वाले राज्य के लिए यह एक अच्छा अवसर है।

माननीय सदस्यगण,

अंत में, एक बार फिर मैं आप सभी को ई-विधान के शुभारम्भ के लिए हार्दिक बधाई देती हूँ। Technology लोगों के जीवन को सुगम बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। ई-विधान आपको अपने क्षेत्र की जनता से जुड़े रहने में और भी मदद करेगी। मुझे विश्वास है कि आप technology का उपयोग करते हुए अपने क्षेत्र के लोगों की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे। संसदीय मर्यादाओं और गरिमा को निभाते हुए आप सब इस सदन में जन-कल्याण के विमर्श का नया मानदंड स्थापित करेंगे, ऐसी मेरी कामना है। आपका यह प्रयास न सिर्फ गुजरात को और अधिक संपन्न राज्य बनाने में, बल्कि भारत को भी वर्ष 2047 तक एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने में अहम होगा।

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत! 
जय जय गर्वी गुजरात!

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