भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2023 बैच के सहायक सचिवों के साथ मुलाकात के अवसर पर संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 15.04.2025
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IAS के माध्यम से, देश की सेवा करने का अवसर अर्जित करने के लिए मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देती हूं। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा लोक- सेवकों की चयन प्रक्रिया में ऊंचे स्थान प्राप्त करने के लिए मैं आप सबकी सराहना करती हूं।
आपको Officers के अधिकारों और civil servants के कर्तव्यों को ध्यान में रखना है। लोक-सेवक के कर्तव्य आपके उत्तरदायित्व हैं, आपके अधिकार उन कर्तव्यों को पूरा करने का माध्यम हैं।
अधिकार के साथ विनम्रता और सहजता बनाए रखना कठिन होता है। संस्कृत भाषा की एक प्राचीन कहावत आप सबके लिए खास तौर से प्रासंगिक है:
नमन्ति फलिनो वृक्षाः
नमन्ति गुणिनो जनाः
अर्थात - फलों से भरे हुए पेड़ झुक जाते हैं। उसी तरह सद्गुणों से सम्पन्न व्यक्ति विनम्र होते हैं।
Dear officer trainees,
Technology, विशेषकर Information Technology के प्रभाव से Governance पर बहुत बड़ा असर पड़ा है। Technology के उपयोग से Direct Benefit Transfer जैसे बड़े कार्य किए गए हैं जिनमें Total Transparency और Zero Leakage सुनिश्चित किया गया है। अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में आप सब Technology की सहायता से ऐसी व्यवस्थाएं स्थापित करें जो पारदर्शी हों, जिन पर लोगों का विश्वास बढ़े।
अपने कार्य क्षेत्र में लोगों के बीच पहुंचकर, उनकी जरूरतों को समझना बहुत जरूरी होता है। आप अपने क्षेत्र की जमीनी-स्तर की आवश्यकताओं को स्वयं जाकर देखें और समझें।
लोग digitally connect हो रहे हैं। उनकी आकांक्षाएं बढ़ रही हैं। प्रशासकों की जवाबदेही के बारे में वे जागरूक हो रहे हैं। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान प्रशासकों और प्रजा के बीच दूरी बनाए रखने की व्यवस्था स्थापित की गई थी। स्वाधीन भारत के नागरिक प्रजा नहीं हैं, वे fellow-citizens हैं। आप सब अपने fellow-citizens के साथ निकटता बनाएं और स्थानीय प्रयासों में उनकी भागीदारी बढ़ाएं।
गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्त होना हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य है। हमें अपने democratic republic की संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार Imperial तथा Feudal मानसिकता से जुड़ी छोटी से छोटी परंपराओं को भी समूल समाप्त कर देना है। इस राष्ट्रीय प्रयास में आप सब को भागीदारी करनी है। जनता द्वारा चुने गए जन-प्रतिनिधियों के पीछे जो लोक-शक्ति होती है उसका आदर करना आप सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुझे भी जन- प्रतिनिधि के रूप में जन-सेवा का अवसर मिला था। जिन अधिकारियों ने सम्मान और धैर्य के साथ, मेरे द्वारा उठाए गए जन-हित के मुद्दों पर संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य किया उनके प्रति कृतज्ञता की भावना आज भी मेरे हृदय में विद्यमान है। मैं चाहूँगी कि आप जन-प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किये गए जन हित के मुद्दों का समाधान करें। आपके द्वारा स्थानीय और राज्य स्तर पर किए जाने वाले विकास और जन-कल्याण के कार्य राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होंगे।
आप सबने असाधारण संकल्प तथा कड़ी मेहनत से IAS Officer बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है। इससे आपके निजी जीवन में एक transformative change आया है। अब उससे भी अधिक दृढ़ संकल्प और निष्ठा के साथ अनगिनत लोगों के जीवन में transformative changes लाने का अवसर आपके सामने है। आपकी सेवा का क्षेत्र और अधिकार इतने व्यापक हैं कि आप अपनी पहली posting में ही अनेक देशवासियों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं। वंचित वर्गों के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए आप सबको विशेष प्रयास करने चाहिए। जिन लोगों के जीवन को आप बेहतर बनाएंगे वे आपको हमेशा याद रखेंगे। मैं चाहूंगी कि आप अपनी career journey के दौरान होने वाली postings के स्थानों पर कुछ समय के बाद जरूर जाएं और अपने कार्यों के दूरगामी परिणाम देखें।
आपके कार्यों से ही आपकी वास्तविक career story बनेगी। Social-media पर followers की संख्या बढ़ाने से civil servants की image building नहीं होती है। आपकी real social net-worth आपके अच्छे कार्यों से ही निर्धारित होगी।
प्रत्येक लोक-सेवक को honesty of purpose के साथ काम करना चाहिए। हम सबके सामने पर्यावरण-प्रदूषण और climate change की चुनौतियां हैं। अनैतिकता का प्रदूषण और erosion in values भी बहुत ही गंभीर चुनौतियां हैं। निष्ठावान और ईमानदार होने के लिए अलग से कहने की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए। मैंने देखा है कि ईमानदारी, सच्चाई और सादगी के जीवन-मूल्यों पर आगे बढ़ने वाले व्यक्ति ज्यादा सुखी रहते हैं। ईमानदारी के रास्ते पर चलना अधिक लाभदायक भी होता है। Honesty is the most desirable policy in public service. यह अपेक्षा की जाती है कि आप सब जीवन के हर क्षेत्र में integrity और sensitivity के उदाहरण प्रस्तुत करें। ईमानदार, निष्ठावान और संवेदनशील लोगों की अच्छी reputation होती है।
IAS में होने की वजह से आपको समाज में विशेष सम्मान मिलता है। सफल तो आप सब हैं ही। अब अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास आपको करना है। मुझे विश्वास है कि आप सब पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य करके अपने जीवन को सार्थक बनाएंगे। सार्थकता का मार्ग अपनाने से आपको संतोष का अनुभव होगा तथा सफलता भी मिलेगी।
मैं सरदार पटेल द्वारा तब के civil servants के बारे में वर्ष 1949 में संविधान सभा में दिए गए वक्तव्य का उल्लेख करना चाहूंगी। भारत की स्वाधीनता के समय civil servants के योगदान की सराहना करते हुए सरदार पटेल ने उन्हें अपने जैसे स्वाधीनता सेनानियों के समकक्ष बताया था। सरदार पटेल ने civil servants के बारे में कहा था and I QUOTE, “I have worked with them during this difficult period – and I must confess that in point of patriotism, in point of loyalty, in point of sincerity and in point of ability, you cannot have a substitute. They are as good as ourselves…” [UNQUOTE] आप सबसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप civil servants के प्रति सरदार पटेल जैसे राष्ट्र-निर्माता द्वारा व्यक्त की गई प्रशंसा के अनुरूप आचरण और कार्य के उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
Dear officer trainees,
IAS में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। यह एक बहुत अच्छे सामाजिक बदलाव का परिणाम भी है और शुरुआत भी। लेकिन, रूढ़िवादी मानसिकता अभी भी महिलाओं के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करती है। ऊंचे पदों पर कार्य करने वाली महिलाओं को भी पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ता है। पुरुष अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे महिला सहकर्मियों के साथ समता, सम्मान और संवेदनशीलता का व्यवहार करें। Women Led Development को शक्ति प्रदान करने के लिए, मैं महिला अधिकारियों से अनुरोध करूंगी कि आप अपनी अग्रणी भूमिका के प्रति सचेत रहें, स्वयं को किसी भी तरह से कम न समझें। महिला अधिकारियों को मैं विशेष रूप से यह सलाह देना चाहूंगी कि आप समझदारी, धीरज, दृढ़ता यानी firmness और समानता के भाव के साथ आगे बढ़ें।
मैं आप सभी को यह शुभकामना भी देती हूं कि स्वाधीन भारत के अमृत- काल के दौरान आपके अच्छे कार्यों के लिए आपकी और आपके batch की विशेष प्रतिष्ठा बने। मैं आप सबके स्वर्णिम भविष्य की मंगलकामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!