भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का एलबीएसएनए (लबासना) में 125वें प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रहे राज्य सिविल सेवा अधिकारियों द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 18.03.2024

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का एलबीएसएनए (लबासना) में 125वें प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रहे राज्य सिविल सेवा अधिकारियों द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन(हिन्दी, 164.53 किलोबाइट)

भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का एलबीएसएनए (लबासना) में 125वें प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रहे राज्य सिविल सेवा अधिकारियों द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन

प्यारे अधिकारियों,

मैं, आप सबको आपकी पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए बधाई देती हूं। आईएएस अधिकारियों के रूप में, आपकी सेवा को अखिल भारतीय आयाम मिलता है और जिम्मेदारी बहुत अधिक बढ़ जाती है।

मुझे बताया गया है कि आप सब राज्य सरकारों में वरिष्ठ स्तर पर कार्यरत हैं। और मैं समझती हूं कि आप में से अनेक ने 20 साल से अधिक की सेवा पूरी कर ली है। इसका मतलब है कि आपको शासन प्रणालियों और उनकी चुनौतियों की अच्छी जानकारी है। आपमें से प्रत्येक ने अपने राज्य और लोगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आप दूसरों को प्रेरणा देने की स्थिति में हैं। आपके द्वारा उठाए गए हर कदम से उनके आसपास के लोगों को विभाग अथवा संगठन की प्रगति के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरणा मिलनी चाहिए।

प्रिय अधिकारियों,

आईएएस अधिकारियों के रूप में, आपको प्रशासनिक कामकाज और सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर एक अखिल भारतीय दृष्टिकोण विकसित करना है। मुझे बताया गया है कि प्रवेश प्रशिक्षण का उद्देश्य आपको पुनः जानकारी देना और शासन में होने वाले नवीनतम कार्यों के डोमेन के बारे में बताना है। इससे आपको सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के नवीनतम उपकरणों और प्रबंधन कौशल के बारे में पता चलता है जो आपके प्रभावी कार्य-निष्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपका प्रशिक्षण कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी की व्यापक अवधारणाओं और उद्देश्यों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इससे आपको राष्ट्रीय लक्ष्यों को ध्यान में रखने और लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

हमारा देश 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। आपकी कार्यशैली और आपके द्वारा लिए गए निर्णय का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। पिछले लगभग 20 वर्षों में, हमारे आस-पास बहुत कुछ बदल गया है। इन दिनों, तकनीकी रूप से सक्षम और जागरूक नागरिक उनके लिए उपलब्ध सार्वजनिक अथवा निजी, हर सेवा पर नज़र रखते हैं। आजकल एफ़एक्यू यानी बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्नों का समय है, जो अक्सर पूछे जाते हैं और सेवा प्रदाता को सक्रिय रूप से प्रश्नों का उत्तर देना पड़ता है और ग्राहकों को संतुष्ट करना पड़ता है। अधिकारियों को इस बदलती दुनिया में डिजिटल प्रशासन को अपने कार्यों में अपनाना है और तद्नुसार अपनी क्षमताओं को बढ़ाना है। एक कुशल और स्मार्ट प्रशासन के लिए आपको एआई, ब्लॉकचेन और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी नवीनतम तकनीकों का उपयोग करना है।

सहयोग करना और मिलकर चलना आज के समय की मांग है। कम समय अवधि में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए संगठन, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न हितधारकों में आपसी सहयोग आवश्यक है। इसी तरह, समृद्ध और विविध अनुभवों के साथ नए विचारों और नई प्रौद्योगिकियों को जोड़कर ऐसे प्रभावशाली बदलाव लाए जा सकते हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है।

मैं, दो और महत्वपूर्ण कीवर्ड के बारे में बात करना चाहूंगी, जिन्हें किसी भी विकासात्मक कार्य आरंभ करते समय आपको हमेशा ध्यान में रखना है – वे हैं स्थिरता और समावेशिता। चूँकि दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरों का सामना कर रही है, इसलिए यह आवश्यक है कि वे पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए नवीन उपाय करें। विकास का एक और प्रमुख पहलू है-समावेशन, जिसका अर्थ है आपसी भागीदारी को प्रोत्साहित करना और वंचित और हाशिए पर पड़े वर्गों सहित सबकी प्रगति सुनिश्चित करना।

आप सब ने इतने वर्षों में जो कार्य का अनुभव प्राप्त किया है, अगर उसके साथ, आज यहां उपस्थित सभी अधिकारी परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने और उन्हें लागू करते समय इन कीवर्ड को याद रखें, तो मुझे विश्वास है कि आप लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं।

मैं, आप सब के उज्ज्वल भविष्य और शानदार करियर की कामना करती हूँ!

धन्यवाद!  
जय हिन्द!  
जय भारत!

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