भारत की राष्ट्रपति ने अंगोला के राष्ट्रपति की मेजबानी की

भारत सभी अफ्रीकी देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी और स्थायी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति भवन : 03.05.2025

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 3 मई, 2025 को राष्ट्रपति भवन में अंगोला गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री जोआओ मैनुअल गोंसाल्वेस लोरेंसो का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया।

भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर राष्ट्रपति जोआओ लोरेंसो का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा ऐतिहासिक है और उपयुक्त समय पर हुई है, क्योंकि इस वर्ष भारत और अंगोला राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

राष्ट्रपति ने अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता संभालने के लिए राष्ट्रपति जोआओ लोरेंसो को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने की पहल की थी, तथा उन्होंने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि इस महत्वपूर्ण बहुपक्षीय मंच पर अब अफ्रीका की आवाज सुनी जा रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, अंगोला सहित अफ्रीकी देशों के साथ मित्रता का एक विशेष बंधन साझा करता है। उन्होंने कहा कि हम भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन जैसी अपनी पहलों के माध्यम से सभी अफ्रीकी देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी और स्थायी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।

राष्ट्रपति ने अफ्रीका में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता को बढ़ावा देने में अंगोला द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।

राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद मानवता के सामने एक संकट बना हुआ है तथा इसके सभी रूपों तथा अभिव्यक्तियों की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए नृशंष आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति लोरेंसो द्वारा सहानुभूति तथा समर्थन की प्रबल अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद किया।

राष्ट्रपति ने अंगोला में भारतीय समुदाय की भी सराहना की, जो सांस्कृतिक तथा आर्थिक रूप से हमारे दोनों देशों के बीच संपर्क सेतु का काम करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया के विकासशील देशों के हितों तथा आकांक्षाओं के लिए अग्रणी आवाज रहा है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत और अंगोला न केवल दोनों देशों के लोगों की प्रगति और कल्याण के लिए, बल्कि व्यापक वैश्विक दक्षिण क्षेत्र के लिए भी मिलकर कार्य करना जारी रखेंगे।

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