भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में संबोधन(HINDI)

गांधीनगर : 28.02.2025
Download : Speeches भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में संबोधन(HINDI)(950.12 KB)

आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हृदय से बधाई देती हूं। पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की मैं विशेष सराहना करती हूं। उच्च शिक्षा के लिए आपने Forensic Sciences का क्षेत्र चुना इसके लिए मैं आप सभी विद्यार्थियों और आपके अभिभावकों की प्रशंसा करती हूं।

प्यारे विद्यार्थियो,

आप सबने लीक से हटकर अपने शिक्षण और कार्यक्षेत्र का चयन किया है। इस क्षेत्र का महत्व निरंतर बढ़ रहा है।

आज एक ओर आपकी औपचारिक शिक्षा-दीक्षा के एक चरण का अंत हो रहा है, तो दूसरी ओर आपकी जीवन-यात्रा के आगामी चरण का शुभारंभ हो रहा है। इस मंगलमय अवसर पर मैं आप सभी विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। आप सभी विद्यार्थी-गण, न्याय पर आधारित विकसित भारत के निर्माता की भूमिका निभाने जा रहे हैं। आप सब विश्व स्तर पर सुशासन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की क्षमता रखते हैं।

देवियो और सज्जनो,

यह विश्वविद्यालय दुनिया में अपने तरह का एकमात्र उच्च शिक्षण संस्थान है। देश के सभी हिस्सों से विद्यार्थी यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि 15 देशों के लगभग 70 विद्यार्थियों ने आज उपाधियाँ प्राप्त की हैं। अपराध पर नियंत्रण पाना, अपराधियों में पकड़े जाने और दंडित होने का भय होना, तथा नागरिकों में न्याय मिलने का विश्वास होना सुशासन की पहचान है। इस विश्वविद्यालय को और यहां के विद्यार्थियों को देश के सुशासन में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान देना है।

हमारे देश में न्याय पर आधारित समाज व्यवस्था को सबसे अच्छा माना गया है। विरासत और विकास के संगम के द्वारा हम एक ऐसे विकसित भारत का निर्माण कर रहे हैं जो न्याय पर आधारित होगा। पिछले कुछ वर्षों में गृह मंत्रालय ने forensic sciences की भूमिका को मजबूत बनाने तथा इस क्षेत्र में सुविधाओं और क्षमता के विकास से जुड़े अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं। शिक्षा मंत्रालय ने भी forensic sciences के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समुचित योगदान दिया है। आपका विश्वविद्यालय इस प्रगति का प्रभावशाली उदाहरण है। मैं इन प्रयासों से जुड़े गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय तथा इस विश्वविद्यालय के लोगों को साधुवाद देती हूं। आपके कुलपति डॉक्टर जे.एम. व्यास जी ने forensic sciences के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है और पद्मश्री से सम्मानित हुए हैं। उनके कुशल नेतृत्व में इस विश्वविद्यालय का विकास और आप सबका शिक्षण आगे बढ़ रहा है, यह बहुत प्रसन्नता की बात है।

मुझे बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय द्वारा Forensic Science के विभिन्न क्षेत्रों में Civil Services, IPS, Defence, Vigilance, Health-care, Finance & Banking और न्यायपालिका में कार्यरत लगभग 30 हजार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

प्यारे विद्यार्थियो,

यह कहा जा सकता है कि महिलाओं में संवेदनशीलता के साथ-साथ न्याय- प्रियता तथा वंचित वर्गों का पक्ष लेने की भावना अधिक प्रबल होती है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या अधिक है। यह देखकर मुझे विशेष प्रसन्नता हुई है कि स्वर्ण- पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या 85 प्रतिशत से अधिक है। हमारी बेटियों के इस शानदार प्रदर्शन में मुझे संवेदनशील न्याय-व्यवस्था पर आधारित विकसित भारत की तस्वीर दिखाई देती है।

कोई भी न्याय व्यवस्था तभी मजबूत मानी जाएगी जब वह सही अर्थों में समावेशी हो। समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर और वंचित वर्गों के लोगों के लिए, forensic evidence पर आधारित निष्पक्ष और त्वरित न्याय उपलब्ध कराना आपका लक्ष्य होना चाहिए। आप सभी को अंत्योदय की भावना के साथ कार्य करना चाहिए ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक समय से न्याय पहुंच सके तथा आर्थिक सीमाओं के कारण कोई व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे।

Justice Delivery System में आप सबकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। न्याय प्रक्रिया में आपका योगदान सुनिश्चित करने के लिए हाल के वर्षों में सरकार ने अनेक प्रगतिशील कदम उठाए हैं।

एक जुलाई, 2024 का दिन भारत की न्याय व्यवस्था के इतिहास में एक बहुत महत्वपूर्ण बदलाव के लिए याद किया जाएगा। उस दिन से, स्वाधीनता के पहले से चले आ रहे दंड विधान की जगह, न्याय को केंद्र में रखकर बनाए गए तीन नए कानून लागू किए गए। इन कानूनों में अपराध की जांच और साक्ष्य से जुड़े बदलाव किए गए हैं। जिन अपराधों में दंड की अवधि सात वर्ष या उससे अधिक है उन मामलों में अपराध-स्थल पर forensic expert द्वारा जाकर जांच करना अब अनिवार्य हो गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अनुसार सभी राज्यों में समयबद्ध तरीके से forensic facilities विकसित की जाएंगी। अनेक statutes में time-bound forensic examination को अनिवार्य कर दिया गया है।

Forensic examination को अनिवार्य बनाने तथा evidence को मजबूत बनाने के लिए अनेक बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य वैज्ञानिक और स्पष्ट साक्ष्यों के आधार पर न्याय प्रक्रिया में आने वाले व्यवधानों को कम करना और तेज गति से न्याय सुलभ कराना है।

इन बदलावों के फलस्वरूप, forensic experts की आवश्यकता बड़े पैमाने पर बढ़ रही है। आपके विश्वविद्यालय की स्थापना, देश में forensic sciences experts की आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई है। आप सबके education और training के उपयोग के लिए अनेक नए अवसर पैदा हो रहे हैं। आप सबके लिए रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं। आपको अपने विशेष ज्ञान का उपयोग करने के नए-नए मौके मिलने जा रहे हैं।

आपके विश्वविद्यालय के पास अनेक consultancy assignments आते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आप में से अनेक विद्यार्थियों को case examination का अनुभव भी हो रहा है। यह एक अमूल्य अनुभव है जो आपके career में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।

न्याय प्रक्रिया में विलंब के अनेक कारणों में एक कारण यह भी रहा है कि forensic facilities में बड़ी संख्या में आने वाले exhibits का विश्लेषण और परीक्षण शीघ्रता से करना संभव नहीं हो पाता है। Forensic facilities की संख्या में वृद्धि करने के साथ-साथ आप जैसे forensic experts की संख्या में वृद्धि होना भी आवश्यक है।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि देश में forensic sciences eco- system को विस्तृत और सुदृढ़ बनाने के लिए mission-mode में time- bound तरीके से कार्य किया जा रहा है।

देवियो और सज्जनो,

Technology, विशेषकर digital technology तथा artificial intelligence के क्षेत्रों में तेजी से हो रहे विकास के कारण एक तरफ तो forensic sciences experts की क्षमता बढ़ रही है तो दूसरी ओर अपराधियों को भी नए-नए तरीके सूझ रहे हैं। अपराधियों से अधिक तेज, तत्पर और सजग रहकर ही हमारे policing, prosecution और criminal justice delivery system से जुड़े लोग अपराध पर नियंत्रण रखने तथा न्याय सुलभ कराने में सफल हो सकते हैं।

मैं आशा करती हूं कि National Forensic Sciences University के योगदान से हमारे देश में सुदृढ़ forensic system का विकास होगा, conviction rate में वृद्धि होगी तथा अपराधी भारत में अपराध करने से डरेंगे। इसी आशा के साथ मैं सभी विद्यार्थियों को पुनः बधाई देती हूं और आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की मंगल-कामना करती हूं।

धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!

Subscribe to Newsletter

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
The subscriber's email address.