भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में नई सुविधाओं के लोकार्पण तथा शिलान्यास के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)
गोरखपुर : 01.07.2025

श्री गोरखनाथ मंदिर से निकली गौरवशाली शाखा-प्रशाखाओं में यह महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी शोभायमान है। मैं सबसे पहले महायोगी श्री गोरखनाथ को सादर प्रणाम करती हूं।
आज इस सभागार सहित, विश्वविद्यालय की नई सुविधाओं का लोकार्पण करके मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। मुझे आशा है कि नए अकादमिक भवन में बेहतर सुविधाओं के उपलब्ध होने से विद्यार्थी तथा शिक्षक, और अधिक उत्साह एवं निष्ठा के साथ आगे बढ़ेंगे।
मानव शरीर को दोषमुक्त बनाने में पंचकर्म की प्रक्रिया बहुत प्रभावी सिद्ध हुई है। इस क्रिया की सहायता से असाध्य रोगों के सफल उपचार के उदाहरण देखे जाते हैं। मैं आशा करती हूं कि नए पंचकर्म केंद्र से अधिकाधिक लोग लाभान्वित होंगे।
New Girls’ Hostel के भवन का शिलान्यास करके मुझे सबसे अधिक खुशी हुई है। मैं class-seven की पढ़ाई पूरी करके वर्ष 1970-71 के session में आठवीं कक्षा और उससे आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने गांव से लगभग 300 किलोमीटर दूर भुवनेश्वर गई। आज से लगभग 55 वर्ष पहले वह दूरी भी बहुत अधिक थी क्योंकि आवागमन के साधन बहुत सीमित हुआ करते थे। मुझसे पहले कोई बालिका मेरे गांव से बाहर पढ़ने नहीं गई थी। सौभाग्य से भुवनेश्वर में मुझे एक Girls’ hostel में रहने की सुविधा मिल गई। अब तो बहुत बदलाव आ चुका है और हमारी बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित कर रही हैं। लेकिन, आज भी अनेक बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बेटियों के लिए सुरक्षित आवास का न होना उनकी उच्च शिक्षा की यात्रा में अवरोध तो होता ही है, उनकी शिक्षा रुक भी सकती है। इसलिए, आपके विश्वविद्यालय द्वारा New Girls’ Hostel की स्थापना का निर्णय महिलाओं की उच्च शिक्षा को बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा ही सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है। इसलिए, आप का यह कदम नारी-सशक्तीकरण की दिशा में एक अमूल्य पहल है। इसके लिए मैं आप सबकी हृदय से सराहना करती हूं।
देवियो और सज्जनो,
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत परोपकार और जन-हितैषी लक्ष्यों के लिए कार्य करने वाले निजी उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मुझे यह बताया गया है कि गोरखपुर और आस-पास के क्षेत्र में उच्च शिक्षण को योगदान देने वाला यह पहला निजी विश्वविद्यालय है। उच्च शिक्षा को अग्रणी योगदान देने के लिए मैं गोरक्षपीठ तथा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सराहना करती हूं।
विगत 29 मई को देश में महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। आज से लगभग 700 वर्ष पहले महाराणा प्रताप ने राष्ट्र-गौरव के लिए त्याग और पराक्रम का जो आदर्श प्रस्तुत किया था वह सभी देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। महाराणा प्रताप के आदर्शों से प्रेरित सभी संस्थानों में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना सहज ही प्रसारित होती है, यह मेरा विश्वास है।
मैं आशा करती हूं कि इस विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी professional education पर आधारित उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ आध्यात्मिकता तथा राष्ट्र-प्रेम के आदर्शों को अपने आचरण में ढालेंगे। यह संस्थान महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की परंपरा से जुड़ा हुआ है। उनकी महती परंपरा के अनुरूप गोरक्षपीठ तथा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद से जुड़े सभी संस्थानों के सभी व्यक्तियों को, विशेषकर युवाओं को जन-सेवा, शिक्षा तथा भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति अगाध श्रद्धा के साथ कार्य करना चाहिए।
मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोविन्द जी ने इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि स्थापना के बाद केवल चार वर्षों में ही आपके विश्वविद्यालय ने अपनी विकास यात्रा में प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। यह संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा एवं रोजगारपरक शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया है।
इस विकास यात्रा में उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री एवं इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, योगी आदित्यनाथ जी का अमूल्य दिशा-निर्देश एवं संबल आप सबको उपलब्ध रहा है। इस विश्वविद्यालय की अनेक उपलब्धियों के लिए मैं योगी जी को तथा यहां की पूरी टीम को हार्दिक बधाई देती हूं।
देवियो और सज्जनो,
इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित medical college तथा आयुर्वेद college एवं चिकित्सालयों के जरिए allopathy और आयुर्वेद की शिक्षा तथा चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार, आप सबने चिकित्सा पद्धतियों की समग्रता को रेखांकित किया है।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि 650 bed की सुविधा से युक्त श्री गोरक्षनाथ Medical College Hospital and Research Centre द्वारा निकट भविष्य में ही 1800 bed का एक नया चिकित्सालय स्थापित किया जाएगा। मुझे बताया गया है कि यहां के आयुर्वेद चिकित्सालय में 200 bed की सुविधा उपलब्ध है।
यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि इस विश्वविद्यालय ने professional education एवं चिकित्सा के अलावा कृषि-अनुसंधान, ग्राम-विकास, उद्यमिता-प्रोत्साहन तथा वनस्पति-अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर-राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। मैं आशा करती हूं कि इन प्रयासों के ठोस परिणाम निकट भविष्य में ही दिखाई देने लगेंगे।
देवियो और सज्जनो,
जब उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल और अधिक स्वस्थ और सुशिक्षित होगा तब पूरा उत्तर प्रदेश और तेजी से समग्र प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा। जब देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य तेजी से विकास-पथ पर आगे बढ़ेगा तब पूरा भारत प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित करेगा। हम सब दृढ़ संकल्प के साथ विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते रहें, इसी कामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!