भारत की राष्‍ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Kashmir University के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

श्रीनगर : 11.10.2023
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भारत की राष्‍ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Kashmir University के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

आज उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी students को मैं बधाई देती हूं। Medal winners की मैं खास तौर से तारीफ करती हूं।

आप सब के बीच यहां आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मैं बहुत सी universities में convocations तथा अन्य अनेक समारोहों में गई हूं। मैं आप सबसे यह कहना चाहूंगी कि इतने खूबसूरत campuses में तालीम हासिल करने का और तालीम देने का मौका मिलना खुश-किस्मती की बात है। Kashmir University पर हज़रतबल की रहमत हमेशा बनी रहती है और बनी रहेगी।

Kashmir University के students ने देश की सेवा करते हुए इस University का नाम रोशन किया है। ऐसे मशहूर विद्यार्थियों की लंबी list है और सब का नाम लेना मुमकिन नहीं है। हाल के दौर में श्री गुलाम नबी आज़ाद जी को पद्म भूषण तथा प्रोफेसर चमन लाल सप्रू जी और प्रोफेसर के.एन. पंडिता जी को पद्मश्री से नवाजा गया है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इस यूनिवर्सिटी के तीन NSS volunteer students ने 2023 के Republic Day Parade में हिस्सा लिया था। उन तीनों students की मैं तारीफ करती हूं। उनमें से एक student, किफ़ायतुल्ला मलिक को मैंने 29 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में NSS Award प्रदान किया। समाज सेवा के जरिए लोगों की मदद करने वाले ऐसे नौजवानों की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। कश्मीर के जिम्मेदार नौजवानों पर पूरे देश को गर्व है। मैं चाहूंगी कि Kashmir University के young students पढ़ाई के साथ-साथ social service में बढ़-चढ़कर भागीदारी करें। ऐसा करके आप सब students सामाजिक बदलाव लाने में कामयाब होंगे और देश के सामने मिसाल पेश करेंगे।

मुझे Kashmir University की Brain Gain की पहल ने प्रभावित किया है। मुझे बताया गया है कि विदेशों में बहुत अच्छी universities में काम कर रहे scientists को Kashmir University में Ramanujan Fellows, Ramalingaswamy Fellows और Inspire Faculty Fellows के रूप में चुना गया है और Assistant Professor या Scientist की बराबरी के ओहदों पर काम करने के मौके दिए गए हैं। ऐसे 11 fellows यहां काम कर रहे हैं।

चंद्रयान मिशन के जरिए high science at low cost की शानदार मिसाल पेश करने वाले हमारे देश में science और technology में अच्छा काम करने के अवसर बढ़ते रहेंगे।

मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि Kashmir University में girl students की संख्या 55 percent है। Gold medals और prizes जीतने वालों की कुल संख्या में लगभग 65 percent लड़कियां हैं। मैंने ध्यान दिया कि आज 21 toppers, stage पर आए। उनमें लड़कियों की संख्या 17 है, जो कि दो-तिहाई से अधिक है। मैं यहां बैठी सभी बेटियों को दिल से मुबारकबाद देती हूं, उन्हें दुआएं देती हूं। ये होनहार बेटियां हमारे देश की तस्वीर भी हैं और तकदीर भी। हमारे देश की महिलाएं और लड़कियां अपनी काबिलियत के दम पर यह साबित कर रही हैं कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ 2023 के जरिए भविष्य में देश की leadership में और बड़ी भागीदारी निभाने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं। यह अधिनियम women-led development की ओर एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। कल्हण की ‘राज-तरंगिणी’ में खास अहमियत पाने वाली यशोवती, अमृत-प्रभा और सुगंधा देवी जैसी असाधारण महिलाओं के इस क्षेत्र की बेटियां women-led development को बहुत आगे बढ़ाएंगी, यह मेरा विश्वास है।

जिस तरह भारत ने G20 को leadership दी है, उसकी पूरी दुनिया में तारीफ़ हुई है। Kashmir University में G20 से जुड़ा Youth20 Consultation हुआ। उस Y20 Consultation में Biodiversity, Disaster Management, Green Energy और Water Resources जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और Sustainability के रास्ते सुझाए गए। नौजवानों को Sustainable Development से जोड़ने के उस program के लिए University की टीम की मैं तारीफ करती हूं।

Sustainable Development का सबक कश्मीर की विरासत का हिस्सा है। यहां की एक कहावत है “अन् पोशि तेलि, येलि वन् पोशि” यानि तभी तक अन्न रहेगा जब तक वन रहेंगे। कुदरत की सौगातों को बचा कर रखने की यह सीख अनमोल है। कुदरत ने कश्मीर को बेपनाह खूबसूरती दे रखी है। फ़ारसी शायरी में ठीक ही कहा गया है कि अगर ज़मीन पर फ़िरदौस कहीं है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है। धरती की इस जन्नत को बचाए रखने की ज़िम्मेदारी हम सभी की है और नौजवान पीढ़ी को खास तौर से ये ज़िम्मेदारी निभानी है। Himalayan Eco-system को बचाकर रखने में Kashmir University की टीम को भी सजग रहना होगा। मुझे बताया गया है कि glaciology, bio-diversity conservation तथा Himalayan Ice-Core Laboratory से जुड़े काम यहां अलग-अलग stages पर हैं। मुझे यकीन है कि ऐसे सभी क्षेत्रों में आप सब तेज रफ्तार से काम करेंगे।

Dear students,

आपकी यूनिवर्सिटी के emblem में motto भी लिखा हुआ है। उसमें एक तरफ उपनिषद के तीन शब्द हैं और दूसरी तरफ कुरान-शरीफ की आयत का एक हिस्सा है। उन दोनों का मतलब एक ही है – हम अंधकार से प्रकाश की ओर चलें; ज़ुलमात या अंधेरों से नूर या रोशनी की ओर चलें। इन अमर संदेशों में सबक भी है और दुआ भी, शिक्षा भी है और प्रार्थना भी। तालीम की रोशनी की ओर, अमन-चैन के उजाले की ओर हमारे नौजवान जितना आगे बढ़ेंगे, उतना ही आगे हमारा देश बढ़ेगा। जिस समाज और देश के नौजवान Development और Discipline का रास्ता पकड़ते हैं, वह समाज तथा देश तरक्की और खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ता है।

National Education Policy में Indian Knowledge Systems पर ज़ोर दिया गया है। हमारे नौजवानों को Indian Knowledge Systems के बारे में अच्छी जानकारी दी जाए तो उन्हें एक से बढ़कर एक प्रेरक उदाहरण मिलेंगे। आज से लगभग 1200 साल पहले श्रीनगर शहर को झेलम नदी की बाढ़ और तबाही से बचाने के लिए सुय्या नाम के expert ने जो काम किया था उसे आज की भाषा में hydraulic engineering कह सकते हैं। उन्होंने झेलम नदी, जिसे तब वितस्ता कहा जाता था, के बहाव को कई जगहों पर मोड़ दिया था। तत्कालीन साहित्य में उल्लेख मिलता है कि नदियों को सुय्या वैसे ही नचाते थे जैसे संपेरा सांप को नचाता है। आप जब झेलम के बहाव को देखते हैं तो यह बात बिलकुल सही दिखाई देती है। Water Resource Management के ऐसे प्राचीन उदाहरण पूरे देश में पाए जाते हैं। ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में हमारे देश के पास अनमोल खजाने हैं जो इस देश की मिट्टी में फले-फूले हैं। ऐसे organically grown knowledge systems को आज के हालात में फिर से इस्तेमाल करने के तरीके खोजना academic world की ज़िम्मेदारी है।

मैं एक बार फिर सभी students को मुबारकबाद देती हूं और medal winners को शाबासी देती हूं। मैं दुआ करती हूं कि आप सभी students खूब तरक्की करें और ऐसे नेक काम करें जिससे आपके परिवार, University और देश का नाम रोशन हो।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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