भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का IIT-ISM धनबाद के 45वें दीक्षांत समारोह में संबोधन
धनबाद : 01.08.2025

IIT-ISM धनबाद के दीक्षांत समारोह के अवसर पर आप सब के बीच आना मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। मैं सभी उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बहुत-बहुत बधाई देती हूँ। मैं आज Doctor of Science (Honoris Causa) से सम्मानित होने पर डॉक्टर पी. के. मिश्रा जी को हार्दिक बधाई देती हूँ।
प्रिय विद्यार्थियो,
यह दीक्षांत समारोह आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस अवसर पर आपकी अनेक वर्षों की मेहनत और संघर्ष तथा उपलब्धियों का सम्मान किया जा रहा है। दीक्षांत समारोह जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक भी है। यह अवसर आपके लिए अपने माता-पिता, शिक्षकों और उन सब लोगों का आभार प्रकट करने का भी है जिन्होंने जीवन के हर मोड़ पर आपका साथ दिया और मार्गदर्शन किया। मैं सभी विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और IIT-ISM की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएँ देती हूँ।
इस दिन आप अपने जीवन की एक नई यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह यात्रा नौकरी, उच्च शिक्षा, नवाचार या उद्यमिता - किसी भी दिशा में हो सकती है। IIT-ISM के विद्यार्थियों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि आप एक विश्व-स्तरीय संस्थान से शिक्षा प्राप्त करके, अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर सकते हैं।
प्रिय विद्यार्थियो,
IIT-ISM धनबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से उपाधि प्राप्त करना आप सब विद्यार्थियों के लिए गर्व और सम्मान की बात है। यह संस्थान भारत के शैक्षणिक और तकनीकी इतिहास में एक विशिष्ट स्थान रखता है। आपके संस्थान के पास लगभग 100 वर्षों की गौरवशाली विरासत है। खनन और भूविज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित विशेषज्ञ तैयार करना इसकी स्थापना का उद्देश्य था। समय के साथ इस संस्थान ने अपने शैक्षणिक दायरे को व्यापक बनाया है और अब यह विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा तथा अनुसंधान का एक अग्रणी केंद्र बन गया है।
IIT-ISM धनबाद ने तकनीकी विकास और नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि IIT Dhanbad ने ऐसा ecosystem विकसित किया है जहाँ शिक्षा और नवाचार का उद्देश्य लोगों की ज़रूरतों से और देशवासियों की आकांक्षाओं के साथ जुड़ा हुआ है।
मुझे बताया गया है कि IIT-ISM धनबाद में जनजातीय समाज के विकास के लिए Centre of Excellence कार्यरत है। यह centre, Eklavya Model Residential schools में डिजिटल साक्षरता, कौशल विकास और रोजगार-केन्द्रित प्रशिक्षण के माध्यम से झारखंड के जनजातीय युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहा है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि IIT-ISM Foundation कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से वंचित वर्गों की महिलाओं को सशक्त बनने का प्रयास कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार करना है। मैं ऐसे सभी प्रयासों के लिए IIT-ISM के सभी भागीदारों को हार्दिक बधाई देती हूँ। भारत 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है। आपको इस विकास यात्रा का अग्रदूत बनना है। विकसित भारत का अर्थ है एक ऐसा राष्ट्र जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर, गरिमा और बेहतर जीवन स्तर प्राप्त हो। आपकी शिक्षा केवल तकनीकी उत्कृष्टता तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए। आपकी शिक्षा और जीवन का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण से भी जुड़ा होना चाहिए। आपके ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज, देश और विश्व की वास्तविक समस्याओं का समाधान करने के लिए होना चाहिए।
देवियो और सज्जनो,
किसी राष्ट्र का विकास उसके सभी वर्गों और क्षेत्रों के लोगों के विकास में निहित है। विकास यात्रा में कोई भी व्यक्ति पीछे नहीं छूटना चाहिए। देश के सम्पूर्ण विकास में IIT-ISM की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्कृष्ट इंजीनियर और शोधकर्ता तैयार करने के साथ-साथ करुणामय, संवेदनशील और उद्देश्यपूर्ण professionals का निर्माण भी इस संस्थान को करना है। अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने और bright young minds को मार्गदर्शन देने की आपकी प्रतिबद्धता के माध्यम से ही हमारे देश का भविष्य आकार ले रहा है।
आज देश और विश्व में जलवायु परिवर्तन और संसाधनों की कमी से लेकर digital disruption और सामाजिक असमानता तक, अनेक जटिल और तेजी से बदलती हुई चुनौतियाँ हैं। ऐसी स्थिति में IIT-ISM जैसे संस्थान का मार्गदर्शन और भी अधिक महत्वपूर्ण है। आपको यह सुनिश्चित करना है कि यह संस्थान नए और स्थाई समाधान खोजने में अग्रणी भूमिका निभाए।
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। अनेक क्षेत्रों में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इस विकास में IIT और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। IIT संस्थान न केवल गुणवत्तापूर्ण इंजीनियरिंग शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि अनुसंधान, नवाचार और startup culture को भी बढ़ावा देते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि यहां के विद्यार्थी और शोधकर्ता cutting-edge technologies पर कार्य कर रहे हैं। इन संस्थानों के alumni देश और विदेश में तकनीकी क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। भारत की सबसे बड़ी शक्ति हमारा विशाल मानव संसाधन है। देश में युवा जनसंख्या अधिक है। तकनीकी शिक्षा की बढ़ती पहुंच और डिजिटल कौशल का प्रसार भारत को तकनीकी महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर कर रहा है। भारत की शिक्षा प्रणाली को और अधिक व्यावहारिक, नवाचार-केंद्रित और industry-friendly बनाने से देश के युवाओं की प्रतिभा को सही दिशा मिलेगी और उन्हें वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए R&D को बढ़ावा देने के साथ-साथ start-ups को प्रोत्साहन और patent culture को बढ़ावा देना होगा। शिक्षा में inter-disciplinary दृष्टिकोण अपनाना भी अत्यंत आवश्यक है, जिससे विद्यार्थी समग्र सोच विकसित कर सकें और जटिल समस्याओं के रचनात्मक समाधान खोज सकें।
प्रिय विद्यार्थियो,
मैं आप सब से कहना चाहूँगी कि आप अपने ज्ञान को केवल व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित न रहने दें, बल्कि जनहित का माध्यम बनाएँ। इसका उपयोग एक मज़बूत और अधिक न्यायपूर्ण भारत के निर्माण के लिए करें — जहाँ आगे बढ़ने के अवसर सबके लिए उपलब्ध हों। इसका उपयोग Green India के निर्माण के लिए भी करें—जहाँ विकास प्रकृति की कीमत पर नहीं, बल्कि उसके साथ सामंजस्य बनाकर हो।
आप भविष्य में जो कुछ भी करें, उसमें आपकी बुद्धिमत्ता के साथ-साथ सहानुभूति और उत्कृष्टता के साथ-साथ नैतिकता भी झलकनी चाहिए। केवल नवाचार नहीं, करुणा से प्रेरित नवाचार दुनिया को बेहतर बनाता है।
भारत आज जिस ऐतिहासिक परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है, आप उसके साक्षी ही नहीं, बल्कि निर्माता हैं। मेरी मंगल कामना है कि आपने जो शिक्षा प्राप्त की है, वह आपके विचारों को विस्तार दें, आपके उद्देश्य को उन्नत बनाएँ और आपको मानवता की सेवा करने के लिए सशक्त बनाए। आप सभी के उज्ज्वल और सार्थक भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ और आशीर्वाद।
धन्यवाद,
जय हिंद!
जय भारत!