भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गोंडवाना विश्वविद्यालय, गढ़चिरौली, महाराष्ट्र के 10वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

गढ़चिरौली : 05.07.2023
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श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

गोंडवाना विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर आज आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। राष्ट्रपति बनने के बाद महाराष्ट्र की यह मेरी पहली यात्रा है। महाराष्ट्र की इस पावन धरती पर आकर मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। यह मेरे लिये विशेष प्रसन्नता का विषय है कि महाराष्ट्र की इस यात्रा का मेरा पहला कार्यक्रम युवा पीढ़ी से जुड़ा यह दीक्षांत समारोह है।

मैं इस विश्वविद्यालय में आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। आज स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों को मैं विशेष रूप से बधाई देती हूं। यह प्रसन्नता की बात है कि डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में 45 प्रतिशत छात्राएं हैं और 61 प्रतिशत से अधिक स्वर्ण पदक छात्राओं ने जीते हैं। मैं सभी छात्राओं को हार्दिक बधाई देती हूँ। ये छात्राएं विशेष बधाई की हकदार हैं क्योंकि इनसे प्रेरणा लेकर अन्य छात्राएं भी आगे बढ़ेंगी। महिला सशक्तीकरण और महिलाओं के नेतृत्व में होने वाले विकास की दिशा में हमारी बेटियों की ये उपलब्धियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

प्यारे विद्यार्थियो,

दीक्षांत समारोह का दिन केवल आप के लिए ही नहीं बल्कि सभी प्राध्यापकों और आपके माता-पिता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण एवं हर्ष और उल्लास का दिन है। मैं आपके माता-पिता और अभिभावकों को भी बधाई देती हूं। उन्होंने जीवन के हर मोड़ पर आपका साथ दिया है और आपकी सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई है। मैं गोंडवाना विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और यहाँ की पूरी टीम को भी बधाई देती हूँ जिनकी कड़ी मेहनत के फलस्वरुप     
आज आप अपने लक्ष्य को हासिल कर पाए हैं। आज आप सबको विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और उन सभी लोगों के प्रति भी आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी मदद की।

मुझे बताया गया है कि गोंडवाना विश्वविद्यालय द्वारा समावेशी, कम खर्चीली और उपयोगी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सराहनीय कदम उठाए गए हैं। इस विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को भी जोड़ा गया है। ज्ञान-विज्ञान, जीवन के प्रति तर्क-संगत दृष्टिकोण, व्यावसायिक कौशल और नैतिक मूल्यों के आधार पर विद्यार्थियों को समग्र रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। ऐसी शिक्षा के बल पर यहाँ के विद्यार्थी इस क्षेत्र और पूरे देश के सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार हो रहे हैं। इस विश्वविद्यालय की गतिविधियां समतामूलक educational eco-system का निर्माण करने, multi-disciplinary research को बढ़ावा देने और sustainable livelihood के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करने पर केंद्रित हैं। यह प्रसन्नता की बात है कि गोंडवाना विश्वविद्यालय इस क्षेत्र की वन संपदा, खनिज संसाधनों, जनजातीय समुदायों की कला और स्थानीय संस्कृति के समुचित संरक्षण तथा विकास के लिए कार्यरत है।

देवियो और सज्जनो,

किसी भी समाज के विकास के लिए, विशेषकर जनजातीय समाज और वंचित वर्ग की स्थिति को बदलने के लिए शिक्षा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस विश्वविद्यालय द्वारा इस क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में उन्हें सक्षम बनाने के लिए उनकी शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इस विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के विद्यार्थी भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और आज लगभग 3200 जनजातीय समाज के विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई हैं। जनजातीय समुदाय और पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए शिक्षा के माध्यम से नए अवसर प्रदान करने के लिए मैं विश्वविद्यालय की सराहना करती हूँ। Experiential learning को बढ़ावा देने के लिए, गोंडवाना विश्वविद्यालय ने Talley, Bamboo Craft और Forest Management जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। विश्वविद्यालय में जनजातीय अनुसंधान केंद्र भी कार्यरत है जहां स्थानीय दृष्टि से उपयोगी विषयों पर अनुसंधान किया जाता है।

देवियो और सज्जनो,

समय-समय पर मैं जनजातीय समाज के लोगों से मिलती रहती हूँ। मैं उनकी बातें सुनती हूँ तो पता चलता है कि वे लोग भी आगे बढ़ना चाहते हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। मैं PVTG यानि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के सदस्यों से भी मिलती रही हूँ। पिछले महीने उनको मैंने राष्ट्रपति भवन में भी आमंत्रित किया था। उन समुदायों से सभी देशवासी बहुत कुछ सीख सकते हैं। प्रकृति के साथ प्यार भरा रिश्ता बना कर जीवन जीने की उनकी कला अद्भुत है। हम सब को उनके साथ मिलकर उनके समग्र विकास के लिए कार्य करना है।

देवियो और सज्जनो,

ग्राम सभा सदस्यों के लिए Capacity Building Program, जनजातीय समुदायों को समर्थ बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने तथा University at the Doorstep जैसे नए और समावेशी प्रयास विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के Incubation Centre ने अनेक start-ups को सहायता प्रदान की है। मैं शिक्षा, ज्ञान के सृजन तथा नवाचार के इन सभी प्रयासों के लिए विश्वविद्यालय की टीम को बधाई देती हूँ।

प्यारे विद्यार्थियो,

आप सब सौभाग्यशाली हैं कि आपको नई सोच और ऊर्जा से युक्त इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला है। विद्यार्थियों सहित, विश्वविद्यालय समुदाय से वैश्विक समस्याओं के अध्ययन और उनके समाधान की अपेक्षा की जाती है। Climate Change तथा Environmental Degradation जैसे गंभीर विषयों पर विचार विमर्श करना एवं पारंपरिक ज्ञान और नवीनतम टेक्नोलॉजी, नवाचार और अनुसन्धान के माध्यम से ऐसी समस्याओं का समाधान निकालना आप सबका कर्त्तव्य है। इस कर्तव्य का निर्वहन करने हेतु आप सभी में पर्याप्त योग्यता और क्षमता विद्यमान है।

मैं आप सभी युवाओं से यह कहना चाहती हूँ कि जीवन में कुछ बनने और अपने सपनों को पूरा करने के साथ-साथ आप सब इस विश्वविद्यालय और अपने क्षेत्र से जुड़ाव बनाए रखिए। समाज और देश के समावेशी विकास में आप सब युवाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

प्यारे विद्यार्थियो,

आज आप सभी के चेहरों पर ख़ुशी और आँखों में नयी उड़ान के सपने होना स्वाभाविक है। यह खुशी, ये सपने और खुद पर भरोसा, आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे। अपनी प्रतिभा और कौशल का भरपूर उपयोग करके आप सबको सफलता के नए अध्याय लिखने हैं। रास्ते में कठिनाइयां तो जरूर आएंगी, लेकिन आपको डटकर उनका सामना करना है। चुनौतियों का सामना करके आप अपने लक्ष्य तक अवश्य पहुंच सकेंगे। मुझे विश्वास है कि आप जीवन में आगे बढ़ते हुए देश-विदेश में अपनी पहचान बनाएंगे और इस विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे।

अंत में, मैं एक बार फिर सभी विद्यार्थियों और पदक विजेताओं को बधाई देती हूं और आप सभी के स्वर्णिम भविष्य की मंगल-कामना करती हूं।     
धन्यवाद!     
जय हिन्द!     
जय भारत!

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