भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का एम्स गोरखपुर के दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

गोरखपुर : 30.06.2025

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एम्स गोरखपुर के पहले दीक्षांत समारोह के विशेष अवसर पर आप सबके बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आज उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मैं बधाई देती हूँ। स्वर्ण पदक विजेताओं को मैं विशेष बधाई देती हूँ। आज का यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं, शिक्षा, सेवा और समर्पण के मूल्यों के प्रति निष्ठा व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। मैं एम्स गोरखपुर के सभी doctors, nurses, संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और कर्मचारियों को इस दीक्षांत समारोह के आयोजन की बधाई देती हूँ।

एम्स का नाम सुनते ही मन में विश्वस्तरीय इलाज, उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा, आधुनिक तकनीक और समर्पित डॉक्टरों की एक छवि उभरती है। एम्स संस्थान भारत की चिकित्सा क्षमता के प्रतीक हैं। यहाँ हर मरीज को उम्मीद की नई किरण दिखाई देती है। एम्स ने भारत में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में उच्चतम मानक स्थापित किए हैं। चाहे वह सर्जरी की नई तकनीक हो, early diagnostics के उपकरण हों, या फिर आयुष और allopathy के समन्वय से बीमारियों का इलाज – एम्स ने नवाचार को अपनी कार्यशैली का हिस्सा बनाया है। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि देश का पहला एम्स स्थापित करने का जो उद्देश्य था, उसे पूरा करने में सभी एम्स संस्थान सफल रहे हैं।

एम्स संस्थान आज गुणवत्ता, सेवा और नवाचार के केंद्र बन गए हैं। एम्स गोरखपुर इस परंपरा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है। इस संस्थान ने बहुत कम समय में शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह संस्थान हर वर्ग के नागरिकों के लिए सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। चाहे कोई गरीब हो, ग्रामीण हो या शहरी नागरिक – इस संस्थान में सबके लिए समान गुणवत्ता का इलाज उपलब्ध है। मुझे बताया गया है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, सीमावर्ती बिहार और नेपाल के लोगों के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के केंद्र के रूप में एम्स गोरखपुर प्रसिद्ध हो रहा है।

इस अवसर पर मैं सभी doctors से कहना चाहूँगी कि चिकित्सा लोगों की सेवा करने के साथ-साथ देश की सेवा का माध्यम भी है। डॉक्टरों का समाज और देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे केवल रोग का इलाज नहीं करते, बल्कि एक स्वस्थ समाज की नींव भी रखते हैं। जब देश के नागरिक स्वस्थ होते हैं, तो उनकी कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है, और वे राष्ट्र की उन्नति में भागीदार बन सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टरों की सेवाएं ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में भी उपलब्ध हों।

देवियो और सज्जनो,

गोरखपुर और देश के अन्य स्थानों पर एम्स की स्थापना इस उद्देश्य से की गई है कि देश के हर कोने में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हों। आज पूरे देश में अनेक एम्स कार्यरत हैं जिनके द्वारा स्थानीय लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं, साथ ही स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में रोजगार और शिक्षा के अवसर भी बढ़े हैं।

विदेशों से भी मरीज भारत में इलाज के लिए आते हैं, क्योंकि यहाँ इलाज न केवल सुलभ है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण भी है। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने में एम्स जैसे संस्थानों की निर्णायक भूमिका रही है। भारत में इलाज का खर्च अन्य कई देशों की तुलना में बहुत कम है, जिसके कारण विदेशों से भी लोग इलाज के लिए यहां आते हैं। एम्स की पारदर्शिता, नैतिकता और अनुसंधान आधारित इलाज प्रणाली ने इसे वैश्विक मंच पर एक प्रतिष्ठित संस्थान बना दिया है। मुझे विश्वास है कि एम्स गोरखपुर सहित देश के सभी एम्स संस्थान भारत को एक वैश्विक चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

प्यारे विद्यार्थियो,

एक डॉक्टर का व्यवहार भी मरीज की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है। एक संवेदनशील डॉक्टर न केवल दवा से बल्कि अपने व्यवहार से भी मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद करता है। साक्ष्य दर्शाते हैं कि सहानुभूतिपूर्ण देखभाल से मरीज की हालत में तेजी से सुधार होता है। इसी तरह डॉक्टर के धैर्य और समर्पण की भावना समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करती है, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं। डॉक्टर्स को अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है लेकिन ‘empathy’ के महत्व को समझना आवश्यक है। मैं medical education से जुड़े सभी हितधारकों से भी अपील करूंगी कि भावी डॉक्टर्स को शुरुआत से ही एक ऐसा ecosystem प्रदान किया जाए जिसमें वे अपने कौशल के साथ-साथ doctor patient communication, role of empathy in healing और trust building जैसे विषयों के बारे में भी जानें और अपनी कार्य शैली में अपनाएं। अपने career और जीवन मैं यह हमेशा याद रखें कि चिकित्सा केवल एक profession नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है। आप जहाँ भी कार्य करें, करुणा और ईमानदारी को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाएं।

Technology in medicine के बारे में तो आप सब जानते हैं। आज हम देख रहे हैं कि Telemedicine, AI in diagnostics, robotic surgeries, wearable health tech जैसी तकनीकें चिकित्सा सेवा को बेहतर बना रही हैं। मुझे बताया गया है कि एम्स के द्वारा robot-assisted surgeries और AI-based cancer detection का उपयोग किया जा रहा है, जो चिकित्सा नवाचार के लिए भारत की तत्परता को दर्शाता है। AI-driven healthcare में ethics, data privacy और human touch बनाए रखने पर भी विचार करना आवश्यक है।

प्यारे विद्यार्थियो,

आप आज जिस मुकाम पर पहुँचे हैं, वह आपकी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। लेकिन आपकी सफलता में आपके माता-पिता और आपके शिक्षकों की भूमिका को आप कभी नहीं भूलेंगे, ऐसी मैं आशा करती हूँ।

साथ ही, मैं आप सभी से अपेक्षा करती हूँ कि आप अपने ज्ञान का उपयोग केवल अपने career में आगे बढ़ने के लिए न करें। आप समाज के उन वर्गों के लिए भी कार्य करें जिन्हें चिकित्सा सेवाओं की सर्वाधिक आवश्यकता है। कई ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्रों में वंचित समुदायों के लिए अब भी उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। मुझे विश्वास है कि आप इस बारे में विचार करेंगे और ऐसे क्षेत्रों और लोगों के लिए अच्छे स्वास्थ्य-सेवा की दिशा में कार्य करेंगे।

मैं आशा करती हूँ कि आप सब अपने कार्यों से एम्स गोरखपुर और देश का नाम रोशन करेंगे। आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी अनंत शुभकामनाएँ।

धन्यवाद।
जय हिन्द!
जय भारत!

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