भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर सम्बोधन (HINDI)

नई दिल्ली : 27.06.2025

Download : Speeches भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर सम्बोधन (HINDI)(136.18 KB)
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर सम्बोधन (HINDI)

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम देश की अर्थव्यवस्था के एक मजबूत स्तम्भ हैं। इनकी सफलता के उत्सव के इस कार्यक्रम में आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मैं यहां उपस्थित और देशभर में फैले MSMEs से जुड़े सभी लोगों को अंतर्राष्ट्रीय MSME दिवस की हार्दिक बधाई देती हूं। इस समारोह को आयोजित करने और MSMEs को सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए मैं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री, श्री जीतन राम मांझी जी और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देती हूं।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम न केवल देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, बल्कि वे जमीनी स्तर पर नवाचार को भी बढ़ावा देते हैं। ये उद्यम रोजगार सृजन के साथ-साथ सामाजिक समावेश को भी संबल प्रदान करते हैं। एक अनुमान के अनुसार, MSME क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र में 36 प्रतिशत और निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान रहा है। यह क्षेत्र कृषि के बाद देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजनकर्ता भी है।

MSMEs भारत की विकास यात्रा का एक प्रेरणादायी अध्याय है। देश के स्थायी आर्थिक विकास के लिए एक सुदृढ़ MSME eco-system न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि अनिवार्य भी है। हमारे demographic dividend का सबसे अधिक उपयोग इन्ही उद्यमों में हो रहा है। इन उद्यमों में अपेक्षाकृत कम पूंजी की लागत पर रोजगार के अधिक अवसर पैदा होते हैं। इन उद्यमों के विषय में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनके माध्यम से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार पैदा होते हैं। इस तरह MSME क्षेत्र के उद्यम, कमजोर वर्गों के सशक्तीकरण और विकास के विकेन्द्रीकरण के जरिए समावेशी विकास में मदद करते हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि MSME sector देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लेकिन इस sector के सम्मुख कई चुनौतियाँ भी हैं इनमें प्रमुख हैं वित्त की समस्या, बड़ी corporations से प्रतिस्पर्धा, latest technology की कमी, raw material और skilled manpower की कमी, limited market और delayed payment की समस्या।

पिछले कुछ वर्षों में MSMEs के महत्व और उनकी समस्याओं को समझते हुए भारत सरकार ने कई नीतिगत पहल किए हैं। वर्ष 2025 के बजट में MSME के लिए वर्गीकरण मानदंडों को संशोधित किया है। MSME क्षेत्र के दायरे को बढ़ाया गया है जिससे वे अपनी पात्रता खोने की किसी आशंका के बिना अपना विस्तार कर सकें। सूक्ष्म और लघु उद्यमों, स्टार्ट-अप्स और बेहतर रूप से संचालित निर्यातक MSMEs के लिए गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता बढ़ाई गई है। इन उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम अपनी वार्षिक खरीद आवश्यकताओं का कम से कम 35 प्रतिशत सूक्ष्म और लघु उद्यमों से खरीदें। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों का skill development किया जा रहा है और loan तथा market तक उनकी पहुँच आसान बनाई जा रही है। सरकार के प्रयासों से पंजीकृत MSME की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है।

मुझे विश्वास है कि आज शुरू किया गया Online Dispute Resolution Portal विलंबित भुगतान के मामलों में त्वरित सुनवाई और निर्णय के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

देवियो और सज्जनो,

आप सब जानते हैं कि United Nations ने वर्ष 2025 के लिए “Enhancing the role of MSMEs as drivers of sustainable growth and innovation” को MSME दिवस के विषय के रूप में चयनित किया है। यह थीम हमारे देश के MSMEs के लिए भी अत्यंत प्रासंगिक है। पूरे देश में MSMEs का फैलाव और करोड़ों लोगों का रोजगार के लिए इस क्षेत्र से जुड़ाव इसे sustainable growth में महत्वपूर्ण बनाता है। इस क्षेत्र का विकास महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम है। यह प्रसन्नता की बात है कि MSME sector में हाल के वर्षों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी देश के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। मैं युवा बेटियों से अपील करूंगी कि वे सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं का लाभ उठाते हुए उद्यम स्थापित करें और आत्मनिर्भर बनें। आज विश्व, पर्यावरण के संकट और तेजी से बदल रही technology से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहा है। भारत climate change और sustainability लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध है, जिसमें 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कमी लाना और अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करना शामिल है। MSMEs भारत के आर्थिक विकास, रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। लेकिन वे ऊर्जा खपत और उत्सर्जन के एक बड़े हिस्से के लिए भी जिम्मेदार हैं। MSME sector में green technology को बढ़ावा देना समय की मांग है। इससे न केवल MSMEs की sustainability and competitiveness बढ़ेगी बल्कि देश को climate संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता भी मिलेगी।

MSMEs के sustainability के लिए innovation बहुत जरूरी है। सरकार विभिन्न माध्यमों से start-up और innovation की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। DRDO जैसे संस्थानों द्वारा MSMEs को technology transfer, innovation और research के लिए fund जैसी सहायता दी जा रही है जिससे वे रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में योगदान दे सकें। ये प्रयास न केवल रोजगार उत्पन्न करेंगे बल्कि रक्षा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर भी बनाएँगे।

यह प्रसन्नता का विषय है कि MSME क्षेत्र में innovation को बढ़ावा देने और युवा उद्यमियों को अपने विचारों को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आज हैकाथॉन 5.0 का शुभारंभ किया गया है। मैं युवाओं से अपील करूंगी कि वे इस पहल में बढ़चढ़ कर भाग लें और अपने ideas से देश को समृद्ध बनाएं।

मेरा मानना है की MSMEs को grassroots innovation को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार वे आस-पास के क्षेत्र में स्थानीय समस्याओं के लिए, स्थानीय संसाधनों पर आधारित सस्ता समाधान उपलब्ध करा सकते हैं। उदाहरण के लिए नारियल के छिलकों से सुंदर कलाकृतियां, हस्तशिल्प और उपयोगी उत्पाद बनाए जाते हैं, पूर्वोत्तर राज्यों में बांस का इस्तेमाल करके पवन-चक्कियाँ बनाई जाती हैं, स्थानीय जड़ी-बूटियों का उपयोग करके औषधियाँ बनाई जाती हैं। ऐसे ही अन्य उद्यम विकसित किए जाने चाहिए जो आस-पास के समाज और पर्यावरण के लिए लाभदायक सिद्ध होते हैं।

देवियो और सज्जनो,

हम भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति तभी संभव होगी जब इस देश का हर घटक इस विकास यात्रा में शामिल हो। MSME इस समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसलिए मैं देश के MSME से जुड़े सभी लोगों से अपील करती हूं वे विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभाएँ। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

धन्यवाद,
जय हिन्द!
जय भारत!

Subscribe to Newsletter

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
The subscriber's email address.