भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अंगोला की संसद में संबोधन (HINDI)
लुआंडा : 10.11.2025
(119.87 KB)इस भव्य संसद सदन और अंगोला के जन-प्रतिनिधियों को संबोधित करना, मेरे लिए अत्यंत गौरव का विषय है — विशेषकर उस ऐतिहासिक अवसर पर जब आप अपनी स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं। संघर्ष से लेकर स्वतंत्रता, शांति स्थापना, और लोकतंत्र तक, अंगोला की यात्रा पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है।
मैं इस अवसर पर अंगोला गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति को भी धन्यवाद देती हूँ, जिनके स्नेहपूर्ण आमंत्रण पर मैं कल अंगोला पहुँची हूँ। मेरे साथ हमारे राज्य मंत्री श्री वी सोमन्ना, तथा हमारे संसद के दो माननीय सदस्य, श्री पी वसावा और श्रीमती डी के अरुणा भी इस यात्रा में सम्मिलित हैं।
माननीया सभापति महोदया,
वर्ष 2025 हमारे दो देशों के संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। इस वर्ष मई में अंगोला के महामहिम राष्ट्रपति ने भारत की सफल राजकीय यात्रा की थी। मेरा यह राजकीय दौरा, भारत के राष्ट्रपति की Angola की पहली यात्रा है।
यह वर्ष भारत और अंगोला के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ है, साथ ही अंगोला अपनी स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मना रहा है। ये दोनों ऐतिहासिक अवसर, हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक गहराई और विस्तार देने की प्रेरणा देते हैं।
माननीया सभापति महोदया, आदरणीय सदस्यगण,
मैं आप सभी को स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ पर 140 करोड़ भारतीयों की ओर से हार्दिक बधाई देती हूँ। यह अवसर हमें अंगोला के उन साहसी और संघर्षशील नागरिकों की याद दिलाता है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए निरंतर प्रयास किया — जैसे भारत ने भी अपने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किया था।
पिछले कुछ वर्षों में अंगोला ने infrastructure और governance को सुदृढ़ करने और कृषि, ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। अंगोला अफ्रीका की आर्थिक प्रगति की कहानी में एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभर रहा है। हम अंगोला की इस यात्रा की सराहना करते हैं — जो innovation, sustainable development और inclusive growth के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
माननीया सभापति महोदया,
भारत और अंगोला के बीच संबंध परस्पर विश्वास, सम्मान, साझा मूल्यों और आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर आधारित हैं। भारत ने अंगोला के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान anti-colonial प्रयासों में निरंतर समर्थन दिया था। आज हमारे संबंध बहुआयामी हैं। हम विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर करीबी भागीदार हैं, और India Africa Forum Summit के framework के तहत भी मिलकर कार्य करते हैं।
हम clean energy और wildlife conservation में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से International Solar Alliance, Global Biofuels Alliance तथा International Big Cats Alliance जैसी पहलों में साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अंगोला के इन पहलों में सम्मिलित होने का हम स्वागत करते हैं।
हमारे दोनों देशों में संसदीय लोकतंत्र हमारी सामाजिक संरचना का आधार है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और अंगोला अफ्रीका के सबसे गतिशील लोकतंत्रों में से एक है। दोनों ही इस विश्वास पर आधारित हैं कि प्रत्येक नागरिक की आवाज मायने रखती है, और शासन का उद्देश्य कुछ लोगों की नहीं, बल्कि सबकी सेवा है।
हम दोनों देशों की संसदों के बीच exchanges, और संसदीय व्यवस्था के सुचारु संचालन से जुड़ी best practices को साझा करने का स्वागत करते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारत की संसद के एक प्रतिनिधिमंडल ने नवम्बर 2023 में लुआंडा में आयोजित Inter- Parliamentary Union सम्मेलन में भाग लिया था।
माननीया सभापति महोदया,
African Union के अध्यक्ष के रूप में, मैं अंगोला की international leadership role की सराहना करती हूँ। वर्ष 2023 में भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान ही African Union को इस समूह का पूर्ण सदस्य बनाया गया था।
वर्ष 2018 में भारत के प्रधानमंत्री ने अफ्रीका के साथ भारत की सहभागिता के दस सिद्धांत प्रस्तुत किए थे। आज मैं इन सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पुनः दोहराती हूँ - जो परस्पर सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं।
माननीया सभापति महोदया,
व्यापार और आर्थिक सहयोग हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी भागीदारी हमारे आर्थिक संबंधों को निरंतर सशक्त बना रही है। किंतु इसके साथ ही digital technology, रक्षा, कृषि और food processing जैसे अनेक नए क्षेत्रों में सहयोग के व्यापक अवसर मौजूद हैं।
आगे बढ़ते हुए, हम इन नई संभावनाओं का लाभ उठाते हुए अपनी आर्थिक साझेदारी को और गहराई देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
माननीया सभापति महोदया,
विश्व की सबसे बड़े लोकतंत्र की महिला राष्ट्रपति होने के नाते, मुझे यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता है कि अंगोला की संसद में महिलाओं का उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व है। संसद के 39 प्रतिशत से अधिक सदस्य महिलाएँ हैं — यह gender equality और inclusive governance का प्रेरणादायक उदाहरण है।
भारत में भी हाल ही में हमने एक ऐतिहासिक कानून पारित किया है, जिसके अंतर्गत संसद के निचले सदन तथा राज्य विधानसभाओं में एक- तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। हमें विश्वास है कि यह कदम निर्णय-प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को और सशक्त करेगा तथा अधिक न्यायसंगत एवं प्रगतिशील शासन व्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा।
मेरा मानना है कि लोकतंत्र तब सार्थक होता है जब उसका लाभ समाज के हर व्यक्ति तक पहुँचे। भारत के अनुभव ने सिखाया है कि जब निर्णय और संसाधन स्थानीय स्तर तक पहुँचते हैं, तो विकास स्थायी होता है।
हमारे गाँव की पंचायती राज व्यवस्था और नगरपालिकाओं ने नागरिकों को अपनी नियति स्वयं गढ़ने की शक्ति दी है। Grassroots democracy ने करोड़ों लोगों को गरीबी से ऊपर उठाया, शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुँच बढ़ाई, और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित किया।
अंगोला की स्थानीय शासन को सशक्त करने की पहल भी, इसी विचार से मेल खाती है। भारत में “Digital India” अभियान ने यह सिद्ध किया है कि technology केवल सुविधा नहीं, बल्कि समानता का साधन है। भारत digital public infrastructure, Aadhaar, UPI Payment systems, और e-governance में अपने अनुभवों को आपके साथ साझा करने के लिए तत्पर है।
माननीया सभापति महोदया और आदरणीय सदस्यगण, वर्तमान समय में विश्व अनेक संघर्षों और अनिश्चितताओं से गुजर रहा है, जिनका प्रतिकूल प्रभाव विशेष रूप से Global South के देशों के आर्थिक विकास पर पड़ रहा है।
अफ्रीका में लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों के समाधान हेतु, अंगोला के नेतृत्व और शान्ति प्रयासों की भारत सराहना करता है। भारत UN Peacekeeping Missions में सबसे बड़ा troop contributing देश है और विश्व में, विशेषकर अफ्रीका में, शांति के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहा है।
माननीया सभापति महोदया,
भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर तीव्र गति से अग्रसर है। हमारी प्राचीन philosophy की भावना ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ — अर्थात् “विश्व एक परिवार है” — हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मार्गदर्शक सिद्धांत बनी रहेगी।
आइए, हम शांति, समृद्धि और विकास के लिए सहभागी बनें। आइए, हम अपने साझेदारी की पूरी क्षमता को उजागर करें, ताकि भारत और अंगोला के नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित हो सके।
एक बार फिर, मैं माननीया सभापति महोदया और इस सदन के सभी सदस्यगणों का हृदय से धन्यवाद करती हूँ।
धन्यवाद!
