भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संबोधन(HINDI)

नई दिल्ली : 03.04.2023
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भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संबोधन

आज उपाधि प्राप्त कर रहे सभी विद्यार्थियों को मैं बधाई देती हूं। यह ख़ुशी की बात है कि आज बहुत बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने अपने जीवन और करियर का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त किया है। यह अवसर, विद्यार्थियों के साथ-साथ, उनके शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस डिग्री या सर्टिफिकेट से आप सबके लिए, जीवन में आगे बढ़ने के नए रास्ते भी खुलते हैं।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आज डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्राप्त कर रहे लगभग 2,80,000 विद्यार्थियों में girl-students की संख्या 55 प्रतिशत के करीब है। इस समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में आधे से अधिक girl-students हैं। शिक्षा सहित, विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की निरंतर उन्नति को देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है।

देवियो और सज्जनो,

शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत Gross Enrolment Ratio प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में IGNOU बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

‘Access to Higher Education’ को बढ़ावा देने में IGNOU की सराहनीय भूमिका रही है। मुझे यह जानकर विशेष प्रसन्नता हुई है कि कुल विद्यार्थियों में से करीब 50 प्रतिशत विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से हैं, तथा 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। दूर-दराज के इलाकों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में इस विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। IGNOU के शिक्षण-कार्यक्रमों में flexibility की सहायता से, अनेक विद्यार्थियों ने अपने काम-काज, परिवार के भरण-पोषण तथा अन्य जिम्मेदारियों को निभाते हुए उच्च-शिक्षा प्राप्त की है।

मुझे बताया गया है कि वर्तमान में 35 लाख से अधिक विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसमें 40 अन्य देशों के विद्यार्थी भी शामिल हैं।

देवियो और सज्जनो,

शिक्षा की ज्योति से, अंधकार में प्रकाश फैलता है। मुझे यह जानकर विशेष प्रसन्नता हो रही है कि हजारों jail-inmates भी IGNOU से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह शिक्षा, jail-inmates के rehabilitation तथा कारावास से निकलने के बाद, एक बेहतर जिंदगी शुरू करने में उनके लिए सहायक होगी।

शिक्षा की धारा, निराशा में आशा का संचार करती है तथा जीवन में आगे बढ़ने की योग्यता प्रदान करती है। उच्च शिक्षा से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह प्रसन्नता की बात है कि बड़ी संख्या में दिव्यांग विद्यार्थी भी IGNOU से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

बहुत से विद्यार्थियों को, अपनी ‘responsibilities’ और ‘circumstances’ की वजह से higher education को जारी रखने में कठिनाई होती है। ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में IGNOU जैसे संस्थान मदद कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति जो अभी नौकरी या स्व-रोजगार में व्यस्त हैं, वे भी skill-upgrade करने तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए IGNOU से अपनी शिक्षा जारी रख रहे हैं। ऐसे ‘earner और learner’, distance education के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करके ‘under-employment’ से बाहर आ सकते है और प्रगति के नए स्तर प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, distance education की व्यापक सामाजिक-आर्थिक उपयोगिता है। ऐसे विद्यार्थियों को distance education के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान करके IGNOU एक बहुत उपयोगी सेवा प्रदान कर रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में, भारत को ‘Global Knowledge Superpower’ के रूप में प्रतिष्ठित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस शिक्षा नीति में, अन्य महत्वपूर्ण सुझावों के साथ-साथ, भारतीय परम्पराओं के प्रति गौरव का अनुभव करने तथा भारतीय भाषाओं को अध्ययन का माध्यम बनाने पर ज़ोर दिया गया है। भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने से, बड़े पैमाने पर, विश्व-स्तरीय नवीन ज्ञान-विज्ञान का सृजन संभव हो सकेगा। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि IGNOU के शिक्षक 'स्वयं प्रभा' चैनलों और अन्य online माध्यमों के जरिये हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त अनेक भारतीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

प्यारे विद्यार्थियों,

आज आप सबको जो उपाधियां मिली हैं, वे आपकी कड़ी मेहनत और शिक्षा के प्रति आपके समर्पण एवं प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। इस विश्व-विद्यालय के पूर्व छात्र, सिविल सर्विसेज, समाज सेवा, कला और संस्कृति तथा खेल-कूद समेत, विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं। मुझे बताया गया है कि open learning के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करके, आज कई civil-servants देश के प्रशासन में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आप सबने जो ज्ञान और कौशल अर्जित किया है, वह आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होगा।

अंत में, आप सभी विद्यार्थियों को मैं एक बार फिर बधाई देती हूं। मुझे विश्वास है कि इस विश्व-विद्यालय द्वारा, distance learning के विश्व-स्तर के प्रतिमान स्थापित किये जाएंगे तथा शिक्षा के जरिये राष्ट्र-निर्माण में, महत्वपूर्ण योगदान दिया जाएगा।

धन्यवाद,  
जय हिन्द!  
जय भारत!

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