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राष्ट्रपति रिट्रीट

राष्ट्रपति रिट्रीट शिमला में ‘रिट्रीट बिल्डिंग’ और हैदराबाद में ‘राष्ट्रपति निलयम’ की अवस्थिति हमारे देश के राष्ट्रपति के पद की एकीकरण की भूमिका के द्योतक हैं। एक उत्तर में और दूसरा दक्षिण में स्थित ये स्थान, हमारे देश की एकता तथा विविध संस्कृतियों व लोगों की एकता के प्रतीक हैं।

  • रिट्रीट भवन, मशोबरा, शिमलारिट्रीट भवन

    रिट्रीट भवन, मशोबरा, शिमला

    मशोबरा की पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस भवन का अधिग्रहण वायसराय द्वारा 1895 के दौरान किया गया था। राष्ट्रपति वर्ष में कम से कम एक बार इस रिट्रीट में जाते हैं और रिट्रीट में उनके प्रवास के दौरान, उनका मुख्य कार्यालय यहां स्थानांतरित हो जाता है। शिमला रिज टॉप से एक हजार वर्गफुट ऊंचा रिट्रीट रमणीय परिवेश में बसा हुआ है। इस स्थान की वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य ने इस रिट्रीट को शिमला में पर्यटन का एक आकर्षण बना दिया है।

    इस भवन की एक खासियत यह है कि यह दाज्जी दीवार के साथ पूरी तरह लकड़ी के ढांचे से बना हुआ है। मूलत: 1850 में निर्मित इस भन का निर्मित क्षेत्र 10628 वर्ग फुट है।

  • राष्ट्रपति निलयम, बोलारम, हैदराबाद राष्ट्रपति निलयम

    राष्ट्रपति निलयम, बोलारम, हैदराबाद

    भारत की स्वतंत्रता के बाद बोलारम स्थित राष्ट्रपति निलयम की इस इमारत को, हैदराबाद के निजाम से अधिग्रहण करके राष्ट्रपति सचिवालय को सौंप दिया गया था। 1860 के दौरान निर्मित इस इमारत का कुल भू-क्षेत्र 90 एकड़ है। इस एक मंजिला इमारत के परिसर में 11 कमरे हैं। इसमें डाइनिंग हॉल, सिनेमा हॉल, दरबार हॉल, मॉर्निंग रूम, डाइनिंग रूम आदि भी हैं। भारत के राष्ट्रपति वर्ष में कम से कम एक बार राष्ट्रपति निलयम आते हैं और वहां ठहरते हैं तथा निलयम से सरकारी कामकाज का संचालन करते हैं।