भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का National Board of Examinations in Medical Sciences के 22वें दीक्षांत एवं पुरस्कार समारोह में संबोधन

नई दिल्ली : 10.05.2024

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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का National Board of Examinations in Medical Sciences के 22वें दीक्षांत एवं पुरस्कार समारोह में संबोधन

आज Diploma, Doctorate और Fellowship की उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं बधाई देती हूं। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की मैं विशेष सराहना करती हूं।

पिछले लगभग चार दशकों से चिकित्सा शिक्षा में योगदान देने के लिए मैं NBEMS से जुड़े वर्तमान और पूर्ववर्ती लोगों की भी सराहना करती हूं।   मुझे बताया गया है कि NBEMS के प्रयासों से देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता में काफी वृद्धि हुई है। मुझे विश्वास है कि uniform standards of education and examination के लक्ष्य को तो आप सब हासिल करते ही रहेंगे, साथ ही साथ भारत में स्वास्थ्य सेवा के प्रतिमानों को विश्व-स्तरीय बनाने के प्रयासों को आप महत्वपूर्ण योगदान देंगे।  

मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि आज उपाधियां प्राप्त करने वाले लगभग 12,400 विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या छात्रों से लगभग 750 अधिक है। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में भी छात्राओं और छात्रों की संख्या में लगभग 35 का अंतर है, यानी छात्राओं की संख्या अधिक है। अधिकांश परिवारों के संदर्भ में यह बात कही जा सकती है कि लड़कियों को सीमाओं का अहसास कराया जाता है, अंकुश लगाए जाते हैं, कम आजादी दी जाती है, सुविधाएं भी कम मिलती हैं। परिवार से बाहर भी, समाज में, सार्वजनिक क्षेत्रों में, लड़कियों को अपनी सुरक्षा तथा समाज की स्वीकृति के बारे में अतिरिक्त सचेत रहना पड़ता है। ऐसे परिवेश में, योग्यता के सर्वोच्च मानकों पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करके, हमारी बेटियां नए भारत का नया चित्र प्रस्तुत कर रही हैं। मैं यहां उपस्थित सभी बेटियों को हृदय से साधुवाद देती हूं।

Medical education में Post Graduate और उससे भी ऊपर के स्तर की उच्च शिक्षा में छात्राओं का आगे बढ़ना हमारे समाज और देश की बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस राष्ट्रीय उपलब्धि में सक्रिय योगदान देने के लिए मैं NBEMS की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देती हूं। साथ ही, मैं छात्राओं के परिवार-जनों की विशेष प्रशंसा करती हूं।

प्रिय विद्यार्थियो,

आप सब specialist doctors हैं। देश की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में आप का उच्च स्थान है। आप सभी जानते हैं कि अलग-अलग तरह की medical emergencies का समाधान करने के लिए अलग-अलग समय सीमाएं मानी जाती हैं जिसे प्रायः golden hour कहा जाता है। यदि golden hour के दौरान उपचार मिल जाए तो मरीज की जान बच जाती है और वह ठीक हो जाता है।

आप जैसे विशेषज्ञ चिकित्सकों में विशेष संवेदनशीलता भी होनी चाहिए, और होगी भी। मुझे विश्वास है कि आप सब कभी किसी emergency patient को कहीं और जाने के लिए नहीं कहेंगे। हो सकता है कि उस मरीज को, उसके शुभचिंतक किसी तरह, शायद पैदल ही, आपके clinic तक लाए हों।  

न्यायपालिका के क्षेत्र में कहा जाता है, Justice delayed is justice denied. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में तो समय का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि Treatment delayed may be life denied.  कभी-कभी ऐसे दुखद समाचार मिलते हैं कि यदि समय से उपचार मिल जाता तो, व्‍यक्ति की प्राण रक्षा हो जाती।

यदि सौभाग्य से प्राण रक्षा हो भी जाए तो भी कई स्थितियों में, treatment delayed is health denied. ऐसे उदाहरण paralysis के मरीजों में अक्सर देखने में आते हैं। समय से उपचार न मिल पाने के कारण मरीज अंग-संचालन की क्षमता खो बैठते हैं और दूसरों की सहायता पर आश्रित हो जाते हैं।

उच्चतर तथा उच्चतम विशेषज्ञता हासिल करने के बाद कभी-कभी यह स्थिति पैदा हो जाती है जब चिकित्सक मरीज को केवल अपनी विशेषज्ञता की दृष्टि से देखने लगते हैं। उदाहरण के  लिए cardiac care के विशेषज्ञों को हमेशा यह ध्यान रखना है कि मरीज का शरीर  केवल cardio-vascular system नहीं है। उसी तरह neuro-physician और surgeon को भी यह ध्यान देना है कि मरीज का gastro-intestinal tract को ठीक रखना भी उतना ही जरूरी है। Super-specialists के परामर्शों के बीच मरीज समझ नहीं पाता कि वह क्या करे। बहुत से मरीज बड़े डॉक्टर साहब  के सामने खुलकर बोल भी नहीं पाते हैं। इसलिए, आप सब को यह ध्यान देना है कि मरीज की holistic healing आप सब का लक्ष्य है।

आप जैसे विशेषज्ञ चिकित्सकों से मैं तीन बातों पर ध्यान देने का अनुरोध करूंगी:

Prompt health care  
Sensitive health care  
In-expensive health care

गरीब मरीजों की सेवा के लिए निशुल्क समय दान करके आप सब देश और समाज को अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।

प्रिय विद्यार्थियो,

मैं समझती हूं कि यदि केवल प्रतिष्ठा और धन अर्जित करना ही आपका उद्देश्य होता तो आप कोई और व्यवसाय भी चुन सकते थे। मैं मानती हूं कि आपने medical profession का चुनाव किया है तो आपके मन में कहीं न कहीं मानवता की सेवा करने का भाव अवश्य होगा। उस सेवा-भाव को बचाना है, बढ़ाना है तथा प्रसारित करना है।

अपने seniors में आप उनको आदर्श बनाइए, जिन्होंने खूब स्नेह और सम्मान अर्जित किया है। ऐसे बहुत से डॉक्टर हैं जो बहुत सफल भी हैं और अत्यंत सम्मानित भी हैं। मैं चाहूंगी कि आप सब अपने जीवन में सफलता और सार्थकता का सामंजस्य बनाकर बहुत आगे बढ़ें।  

यह जानकर मुझे प्रसन्नता हुई है कि doctor-population ratio की दृष्टि से हमारे देश में डॉक्टरों की उपलब्धता अंतर-राष्ट्रीय मानकों  के अनुरूप है। फिर भी, हमारे देश की विशाल आबादी को देखते हुए डॉक्टरों की उपलब्धता निरंतर बढ़ाने की आवश्यकता है। इस दिशा में NBEMS का प्रयास बहुत महत्वपूर्ण है। आप सब का यह प्रयास होना चाहिए कि संख्या के साथ-साथ गुणवत्ता को भी प्राथमिकता दी जाए। Number यानी quantity के साथ-साथ standard यानी quality पर समान रूप से ध्यान देना चाहिए।

भारत के डॉक्टरों ने विश्व स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई है। Affordable Medicare के कारण हमारा देश medical tourism का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण अंग हमारे डॉक्टर ही हैं। आप जैसे विशेषज्ञ डॉक्टर देश की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक ऊंचाई पर ले जाएंगे, यह मेरा विश्वास है।   
विशेषज्ञ डॉक्टरों की आप सब की यह पीढ़ी वर्ष 2047 के विकसित भारत की विकसित स्वास्थ्य सेवाओं को नेतृत्व प्रदान करेगी, इसी विश्वास और आशीर्वाद के साथ मैं आप सब के स्वर्णिम भविष्य की मंगल-कामना करती हूं।

धन्यवाद!  
जय हिन्द!  
जय भारत!

 

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