भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का MNR Educational Trust के स्वर्ण जयंती समारोह में सम्बोधन

हैदराबाद : 20.12.2023

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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का MNR Educational Trust के स्वर्ण जयंती समारोह में सम्बोधन

शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों को मैं विशेष महत्व देती हूं। शिक्षा के माध्यम से ही जीवन में आगे बढ़ने के द्वार खुलते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के बल पर ही कोई भी व्यक्ति सक्रिय रह सकता है।

आपके इस संस्थान ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में योगदान दिया है, इसके लिए मैं संस्थापकों, प्रबंधन के सदस्यों तथा सभी विद्यार्थियों और लाभार्थियों को बधाई देती हूं।

किसी संस्थान द्वारा निरंतर 50 वर्षों तक सक्रिय रहना और आगे बढ़ते रहना इस तथ्य को रेखांकित करता है कि संस्थान की शुरुआत स्पष्ट लक्ष्यों के साथ की गई थी और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर सार्थक और सुविचारित प्रयास जारी रहे हैं। आपकी संस्था द्वारा अपनी स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश करने के लिए मैं आप सबको बधाई देती हूं।

देवियो और सज्जनो,

यह राज्य गोदावरी नदी के आशीर्वाद से सिंचित है। लगभग एक वर्ष पहले, जब मुझे राष्ट्रपति के रूप में तेलंगाना की पहली यात्रा करने का अवसर मिला था तब मुझे श्री सीतारामचन्द्र देवस्थानम् में आशीर्वाद लेने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ था। उस यात्रा के दौरान मैंने रामप्पा देवालयम् और यादाद्रि पर स्थित श्रीलक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के दर्शन भी किए थे।

तेलंगाना का यह क्षेत्र सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत सम्पन्न रहा है। मैं आशा करती हूं कि इस संस्थान से जुड़े आप सब लोग ऐसा प्रयास करें जिससे कि, केवल आपके शिक्षण-संस्थानों के विद्यार्थी ही नहीं बल्कि पूरे देश के युवा तेलंगाना की महान सांस्कृतिक परंपरा से सुपरिचित हो सकें।

तेलंगाना में सातवाहन, काकतीय और चालुक्य वंशों के शासन के दौरान संस्कृति और कला के क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां इतिहास में दर्ज हैं। तेलंगाना के लोग आधुनिक युग के महान कवियों दाशरथि कृष्णम् आचार्युलु तथा कालोजी, की कविताओं तथा जीवन-मूल्यों से प्रेरणा लेते हैं। जब भी मैं तेलंगाना आती हूं, मुझे दाशरथि कृष्णम् आचार्युलु जी की यह अद्भुत पंक्ति सहज ही याद आती है:

ना तेलंगाणा, 
कोटि रतनाल वीणा

अर्थात्, मेरा तेलंगाना करोड़ों रत्नों से जटित वीणा के समान है।

देवियो और सज्जनो,

आज भारत विश्व की Knowledge Economy में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारत की इस प्रतिष्ठा में तेलंगाना, विशेषकर हैदराबाद में स्थित IT companies और यहां के प्रतिभाशाली IT professionals का बहुत बड़ा योगदान है। आज तेलंगाना सहित, भारत के IT professionals की प्रशंसा पूरे विश्व में होती है। इस सफलता में शिक्षण संस्थानों का सराहनीय योगदान है।

हैदराबाद एक प्रमुख healthcare hub भी है। इस क्षेत्र में medical students को शिक्षा प्रदान करने वाले आप के संस्थान जैसे institutions की भूमिका सराहनीय है। Engineering सहित, सभी professions में हैदराबाद में शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है।

देवियो और सज्जनो,

तेलंगाना राज्य की स्थापना समावेशी विकास के लक्ष्य के साथ की गई थी। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सबके लिए सुलभ बनाना इस राज्य के और पूरे देश के समग्र विकास के लिए अनिवार्य है। आपकी संस्था द्वारा वंचित वर्गों के लोगों के शैक्षणिक विकास और स्वास्थ्य कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए। साथ ही, आपकी संस्था द्वारा महिलाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देकर उनके सशक्तीकरण के लिए अधिकाधिक योगदान होना चाहिए।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सक्रिय संस्थानों को समग्र राष्ट्र-निर्माण में सहयोग करने की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इसके लिए आप सब को ग्रामीण शिक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए चिकित्सा सुविधाओं पर विशेष ध्यान देना होगा।

देवियो और सज्जनो,

आज सभी देशवासी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ जुड़े हुए हैं। शिक्षित भारत और स्वस्थ भारत ही सही अर्थों में विकसित भारत के रूप में प्रतिष्ठित होगा।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में योगदान देते हुए, स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश करने के लिए मैं आप सब को पुनः बधाई देती हूं। मुझे विश्वास है कि आपका यह संस्थान शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में निष्ठापूर्वक प्रयासरत रहेगा।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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