भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का AWWA द्वारा आयोजित ‘अस्मिता’ कार्यक्रम में सम्बोधन

नई दिल्ली : 21.08.2023

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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का AWWA द्वारा आयोजित ‘अस्मिता’ कार्यक्रम में सम्बोधन

सबसे पहले मैं सभी देशवासियों की ओर से समस्त ‘वीर नारी’ बहनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हूं। मुझे यह जानकर संतोष हुआ है कि वीर-नारी बहनों के कल्याण के लिए ‘आह्वान’ नामक योजना चलाई जा रही है। इसके लिए मैं ‘आवा’ की विशेष सराहना करती हूं।

जिन बहनों को आज अस्मिता Icons के रूप में सम्मानित किया गया है, उनकी मैं विशेष सराहना करती हूं।

कुछ देर पहले ही, हमारी दो बहनों ने अपने अनुभव सबके साथ साझा किए हैं। सुश्री जया प्रभा महतो जी और डॉक्टर संजना नायर जी के वक्तव्यों से सभी को प्रेरणा मिली होगी, यह मेरा विश्वास है। मुझे बताया गया है कि बाद में अन्य कुछ बहनें भी अपनी स्मृतियां प्रस्तुत करेंगी। उनके अनुभव भी आप सब में ऊर्जा का संचार करेंगे, यह मैं निश्चित रूप से कह सकती हूं।

‘आवा’ द्वारा यहां प्रदर्शित की गई Entrepreneur Exhibition से भारत की नारी प्रतिभा की सुंदर झलक देखने को मिली है। हमारी बहनें, decoration से लेकर utility तक, अनेक सुंदर और उपयोगी वस्तुएं कुशलता के साथ बना रही हैं और प्रस्तुत कर रही हैं। मैं आशा करती हूं कि उद्यमशील महिलाओं की प्रतिभा और परिश्रम को निरंतर प्रोत्साहन मिलता रहेगा। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मैं श्रीमती अर्चना पांडे जी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं। मैं ‘आवा’ की सभी प्रतिभावान सदस्यों की प्रशंसा करती हूं।

देवियो और सज्जनो,

‘अस्मिता’ शब्द के प्रचलित अर्थ हैं: ‘अस्तित्व का बोध होना’ तथा ‘आत्म- गौरव का भाव होना’। नारी समुदाय में आत्म-गौरव की भावना के आधार पर ही एक गौरवशाली समाज और राष्ट्र का निर्माण करना संभव होता है। किसी भी बदलाव की शुरुआत, विचारों में बदलाव के साथ ही होती है। कुछ पुराने विचारों को छोड़ने और नए विचारों को अपनाने की जरूरत होती है। एक पुरानी कहावत है ‘Behind every successful man, there is a woman’. इस कहावत की जगह आज यह कहना चाहिए, ‘Beside every successful man, there is a woman’. ऐसी सोच के साथ ही, नारी की अस्मिता को मजबूत बनाना तथा नारी के आत्म-गौरव का सम्मान करना, संभव हो सकेगा।

यहां अधिकांश बहनें किसी न किसी की धर्मपत्नी के रूप में उपस्थित हैं। यह अच्छी बात है। ‘आवा’ की स्थापना ही सैनिकों की धर्म-पत्नियों की प्रतिभा के सकारात्मक उपयोग के उद्देश्य से की गई थी। लेकिन आप सब बहनों की अपनी अलग अस्मिता भी है। शिव और शक्ति का, सृष्टि के निर्माण और विकास में समान और समग्र योगदान है। नारी और पुरुष रथ के दो पहियों की तरह हैं।

जन्म देने की क्षमता केवल नारी में ही है। नारी में नेतृत्व देने की क्षमता भी है, यह विश्वास सभी बहनों में होना चाहिए। नारीत्व में नेतृत्व समाहित है।

अनेक समारोहों में मेरी मुलाक़ात ऐसी बहनों और बेटियों से होती रहती है जो विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के शिखर पर आसीन हैं। उनमें से अधिकांश बहनों और बेटियों ने सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए, गंभीर चुनौतियों का सामना किया है। Missile से Music तक, हमारी बहनों ने असाधारण सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सरल शब्दों में कहें तो ‘नारी में अपार शक्ति है, नारी कुछ भी कर सकती है।’

नारी शक्ति में इसी अदम्य आस्था के साथ मैं आप सब के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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