भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का संयुक्त राष्ट्र सैन्य अभियान में योगदान देने वाले देशों के सेना प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने वाले सेना प्रमुखों/उप-प्रमुखों और उनके जीवनसाथियों से मुलाकात के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 16.10.2025

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का संयुक्त राष्ट्र सैन्य अभियान में योगदान देने वाले देशों के सेना प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने वाले सेना प्रमुखों/उप-प्रमुखों और उनके जीवनसाथियों से मुलाकात के अवसर पर संबोधन(हिन्दी, 54.82 किलोबाइट)

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA  SMT. DROUPADI MURMU  ON THE OCCASION OF CALL ON BY CHIEFS/VICE-CHIEFS OF ARMY ALONG WITH SPOUSES FROM 32 FRIENDLY NATIONS PARTICIPATING THE ARMY CHIEFS’ CONCLAVE FOR UNITED  NATIONS TROOP CONTRIBUTING COUNTRIES

मैं आप सभी का भारत आगमन पर हार्दिक स्वागत करती हूँ। सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का दृढ़ता से पालन करता रहा है। यह एक ऐसा विशेष अवसर है जहां संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक एक साथ मिल पाते हैं। आप सबका यहाँ आना विश्व शांति के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। मुझे बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक पूरी दुनिया में 71 विभिन्न मिशनों में तैनात हैं।

मुझे यह भी बताया गया है कि वर्तमान में लगभग 68,000 कर्मी ग्यारह संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सेवा दे रहे हैं। इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक कर्मी वर्दीधारी हैं। इन मिशनों का उद्देश्य निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की मुश्किलों को कम करना है। विश्व के सुदूर और दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों ने अदम्य साहस और करुणा का परिचय दिया है।

भारत को संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों की स्थापना के बाद से इसमें एक निरंतर योगदानकर्ता होने पर गर्व है। हमारे शांति रक्षकों ने विश्व के बेहद चुनौतीपूर्ण अभियानों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

भारत ने शांति स्थापना के अभियानों में महिला-पुरुष समावेशन में उल्लेखनीय प्रगति की है। महिला शांति रक्षकों ने स्थानीय समुदायों को बल प्रदान किया है और लोगों में विश्वास बढ़ाया है। हमारे कॉम्बेट इंजीनियरों, चिकित्सा दलों और पुलिस ने भी महत्वपूर्ण जीवन रक्षक सेवाएँ और अन्य सहायता सुविधाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण कार्य किया है।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि शांति स्थापना अभियानों में हमारी वर्षों की भागीदारी के माध्यम से, भारतीय शांति सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश और उसमें निहित आदर्शों को तो कायम रखा ही है; साथ ही, एक विशेष स्थान भी बनाया है और उन्होंने संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में सेवा करके लोगों की सद्भावना अर्जित की है।

आप सभी अपने-अपने देशों के सर्वोत्तम मूल्यों और लोकाचार के गौरवशाली प्रतिनिधि हैं। आप अपने-अपने देशों के श्रेष्ठ मूल्यों और व्यवहार के गौरव के साथ आए हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस कार्यक्रम के दौरान हुई चर्चाओं और विचार-विमर्शों से समयनुकूल और व्यावहारिक विचार सामने आए हैं। मुझे उम्मीद है कि इस सम्मेलन के परिणामस्वरूप हमारे शांति सैनिकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी।

शांति स्थापना के महत्वपूर्ण कार्य के लिए वीर महिला और पुरुष सैनिक भेजने वाले राष्ट्रों के रूप में हमें सामूहिक रूप से ऐसे प्रयास करने चाहिएं जिनसे सैन्य योगदान देने वाले देशों की आवाज़ को और मज़बूती मिले। हमें स्थानीय हितधारकों के साथ भी सक्रियता से अधिक से अधिक जुड़ाव बढ़ाना चाहिए। इससे एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद मिलेगी जिसमें शांति, थोपी गई शांति नहीं होगी बल्कि मिल-जुलकर स्थापित की गई शांति होगी।

भारत की ओर से मैं एक बार फिर आपका हार्दिक अभिनंदन करती हूँ। मैं आपकी प्रतिबद्धता, त्याग और मानवता की सेवा के लिए आपकी प्रशंसा करती हूँ। मैं उन शांति सैनिकों को भी नमन करती हूँ जिन्होंने घर से दूर रहकर खतरों का सामना विजय पाने के लिए नहीं वरन् करुणा के कारण किया है।

मुझे विश्वास है कि प्रौद्योगिकी से लाभ उठाने पर हुई चर्चा शांति अभियानों में नई संभावनाओं को सामने लाएगी। प्रौद्योगिकी मानवता के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने का एक प्रभावी माध्यम हो सकती है। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन और इसी तरह के उद्देश्य के साथ चलाए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों से नए विचार सामने आएंगे, सहयोग में विस्तार होगा और स्थायी मित्रता को बढ़ावा मिलेगा। आइए हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति अपने संकल्प को केवल एक दायित्व के रूप में नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों को सुरक्षित रखने के एक वादे के रूप में पुन: याद करें। शांति संरक्षक के रूप में हमें विश्व में एक ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहाँ प्रत्येक बच्चा सुरक्षित महसूस करे, समाज में सद्भावना का विस्तार हो और संघर्ष की स्थिति इतिहास बन जाए।

धन्यवाद। 
जय हिन्द!

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