भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का रक्षा वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन सेवा, भारतीय कारपोरेट विधि सेवा और केंद्रीय श्रम सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 18.06.2025

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का रक्षा वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन सेवा, भारतीय कारपोरेट विधि सेवा और केंद्रीय श्रम सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन(हिन्दी, 516.17 किलोबाइट)

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA  SMT DROUPADI MURMU

भारतीय कारपोरेट विधि सेवा, रक्षा वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन सेवा और केंद्रीय श्रम सेवा के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियो,

मैं, इन प्रतिष्ठित सेवाओं में आपके चयन के लिए आप सभी को बधाई देती हूँ। आपकी उपलब्धि आपके दृढ़ संकल्प और श्रम का प्रतीक है। अब आपको सार्वजनिक सेवा की चुनौतियों का सामना करना, इसलिए आपको यह स्मरण रखना चाहिए कि आपके निर्णयों और कार्यों से लोगों के जीवन में परिवर्तन आता है। अपने-अपने क्षेत्रों में आपको सुशासन और पारदर्शिता लानी है तथा जवाबदेही में अग्रणी रहना है।

भारतीय कारपोरेट विधि सेवा के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियो, कारपोरेट क्षेत्र हमारे देश की आर्थिक वृद्धि और विकास का एक प्रमुख स्तंभ है। कारपोरेट कानूनों के कार्यान्वयन और प्रवर्तन का दायित्व संभालने वाले अधिकारियों के रूप में, आपका कार्य व्यवसाय के लिए ऐसा वातावरण बनाने में केंद्रीय भूमिका निभानी है जो पारदर्शी, जवाबदेह हो तथा नवाचार और उद्यमशीलता के लिए अनुकूल हो। आपके निर्णय से न केवल नीति और विनियमन प्रभावित होता है वरन् नागरिकों और निवेशकों द्वारा हमारे संस्थानों में बने विश्वास पर भी इनका प्रभाव पड़ता है।

कंपनी अधिनियम, 2013 में भारत के कारपोरेट विनियामक ढांचे की व्यवस्था की गई है। इसमें स्वतंत्र और महिला निदेशकों की नियुक्ति, और सतर्कता तंत्र की स्थापना जैसे कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी और सुशासन के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। हमारे कारपोरेट क्षेत्र की विविधता को जानते हुए इस अधिनियम में लघु और मध्यम उद्यमों के लिए विशिष्ट सहायता और विनियामक राहत की भी व्यवस्था की गई है।

हालाँकि, आपकी ज़िम्मेदारी का क्षेत्र वैधानिक प्रावधानों को लागू करने से अधिक व्यापक है। यह सुनिश्चित करना आपका कर्तव्य है कि कानून को न केवल लागू किया जाए बल्कि उसे समझा जाए, उसका सम्मान किया जाए और उसे इस प्रकार लागू किया जाए जिसमें सभी के लिए न्याय, निष्पक्षता को बढ़ावा मिले और सबको अवसर मिलें।

केंद्रीय श्रम सेवा के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियो,

केंद्रीय श्रम सेवा के अधिकारी के रूप में, आपने ऐसे क्षेत्र की सेवा करना चुना है जो हमारे देश के सामाजिक और आर्थिक कल्याण का केंद्र है। आपका कार्य महत्वपूर्ण भी है और बहुआयामी भी - एक ओर आप सबको उस कानून का संरक्षण करना है, जिसमें श्रमिकों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करने वाले श्रम कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। दूसरी ओर सामाजिक न्याय के लिए आपको सहानुभूतिपूर्ण मध्यस्थ और समर्थक के रूप में कार्य करना है, निष्पक्ष श्रम प्रथाओं, सामंजस्यपूर्ण औद्योगिक संबंधों और कामकाजी लोगों के समग्र कल्याण को बढ़ावा देना है। आपके द्वारा लिए गए निर्णय और आपके द्वारा किए गए कार्यों का उद्योग और समाज दोनों पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। आप सब अपनी कार्य-प्रणाली से नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच जटिल संबंधों में संतुलन बना सकते हैं। आप परस्पर सम्मान, उत्पादकता और समानता का वातावरण बनाने में भी मदद कर सकते हैं ।

मैं आप सभी से कहना चाहूंगी कि आप अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी, न्याय के गहन भाव और विनम्रता की भावना के साथ पूरा करें। आप हमेशा अपने कार्यों में समानुभूति के भाव के साथ करें। आपकी सेवा में आपकी पहचान केवल कानूनों के प्रवर्तन से तो हो, साथ ही निष्पक्षता, संवाद और आपकी सेवा के अंतर्गत लोगों के उत्थान के प्रति आपकी प्रतिबद्धता से भी हो।

रक्षा वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन सेवा के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियो, आप सबकी जिम्मेदारी डिजाइन, विकास, उत्पादन, ओवरहाल और मरम्मत के दौरान सैन्य विमानन भंडार की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। इसीलिए गुणवत्ता आश्वासन पेशेवर के रूप में आपकी भूमिका वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।

सैन्य विमानन क्षेत्र में गुणवत्ता से अभिप्राय तकनीकी विशेषताओं को पूरा करना ही नहीं है बल्कि परिचालन सुरक्षा, मिशन की तैयारी रखना, विश्वसनीयता और रणनीतिक श्रेष्ठता सुनिश्चित करना भी है। आप सबकी प्रमुख जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि सभी सैन्य विमानन सामान चाहे वे स्वदेश में निर्मित हों अथवा आयातित हों, सभी उच्चतम वैश्विक मानकों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले और उड़ान योग्यता आवश्यकताओं को पूरा करते हों। रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए न केवल सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है, बल्कि निजी क्षेत्र को सक्रिय रूप से सहायता देने और सक्षम बनाने की भी आवश्यकता है। सहायक नीतियों और टेक्नोलोजी ट्रांस्फर के माध्यम से निजी उद्यमों को रक्षा इकोसिस्टम से जोड़कर, भारत अपने स्वदेशीकरण प्रयासों में तेजी ला सकता है और हम भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित कर सकते हैं।

वर्तमान "रक्षा क्षेत्र में सुधार वर्ष" के दौरान, आपको सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत युद्ध के लिए तैयार बलों में परिवर्तित करने के लिए अभिनव दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जो मल्टी-डोमेन एकीकृत संचालन में सक्षम हों।

मैं आशा करती हूं कि आज यहां उपस्थित सभी परिवीक्षा अधिकारी विकसित भारत के निर्माण के लिए अटूट प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगे। आप सब में सार्थक परिवर्तन लाने की क्षमता है। परिवर्तन की इस महान जिम्मेदारी से सदा प्रेरणा लेते रहें।

मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ।

धन्यवाद!
जय हिंद!
जय भारत!

समाचार पत्रिका के लिए सदस्यता लें

सदस्यता का प्रकार
वह न्यूज़लेटर चुनें जिसकी आप सदस्यता लेना चाहते हैं।
सब्सक्राइबर का ईमेल पता