भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का नौ सेना दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधन

तिरुवनंतपुरम : 03.12.2025

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मुझे आपके बीच आकर और नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय नौसेना द्वारा किए गए सैन्य क्षमता प्रदर्शन को देखकर अत्यंत हर्ष हो रहा है। मैं आप सबको नौसेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देती हूँ। नौसेना दिवस नौसेनिकों द्वारा हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए निस्वार्थ भाव से की गई सेवा और सर्वोच्च बलिदान को याद करने का उत्सव है।

भारत के लोग राष्ट्र के प्रति सेवा के लिए भारतीय नौसेना के सभी जवानों के प्रति कृतज्ञ भाव से भरे हैं । हमें आप सभी पर गर्व है। सभी देशवासियों की ओर से, मैं आप सभी को आपकी पेशवर-दक्षता, लगन और देशसेवा के लिए धन्यवाद देती हूँ।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय नौसेना द्वारा नौसेना दिवस पर अलग-अलग शहरों में सैन्य-क्षमता का प्रदर्शन किया जाता है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे देशवासियों को हमारी नौसेना की उत्कृष्टता देखने का अवसर प्रदान करना एक स्वागत योग्य कदम है।

हमारी समुद्री विरासत पुरानी है। यह चोल और चेर बेड़े, छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर कुंजली मराक्करों तक हमारी सभ्यतागत स्मृतियों में देखी जा सकती है। केरल की गौरवशाली समुद्री विरासत है। इसके योद्धाओं ने सोलहवीं शताब्दी में यूरोपीय आक्रमण का सामना किया और तटों की रक्षा की थी। मुज़िरिस का प्राचीन बंदरगाह उस समय एक महत्वपूर्ण प्रवेशद्वार था जिसके माध्यम से भारत विश्व के साथ जुड़ा हुआ था।

देवियो और सज्जनो,

हिंद महासागर का क्षेत्र एक अति सामरिक और महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है। यह वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार का एक माध्यम है। चूँकि भारत इसके केंद्र में स्थित है, इसलिए हमारी ज़िम्मेदारी विशेष हो जाती है। हम महासागरों को खुला, स्थिर और नियम-आधारित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 'वसुधैव कुटुम्बकम' के हमारे विचार के अनुसार भारत का दृष्टिकोण प्रतिस्पर्धात्मक नहीं है बल्कि सहयोगात्मक है। हम साझा जागरूकता, क्षमता निर्माण और समुद्रों के शांतिपूर्ण प्रयोग को बढ़ावा देते रहे हैं।

भारतीय नौसेना का मुख्य कार्य हमारे समुद्रों की सुरक्षा करना है। खतरों को समाप्त करने से लेकर समुद्री डकैती से निपटने तक, हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा से लेकर स्वतंत्र नौवहन सुनिश्चित करने तक नौसेना का कार्य पारंपरिक रक्षा से और अधिक है। नौसेना भारत के मानवीय पहलू का भी उदाहरण प्रस्तुत करती है। हिंद महासागर क्षेत्र में नागरिकों को निकालने, सहायता प्रदान करने और मानवीय सहायता पहुँचाने से संबंधित संकटों के दौरान इसने सबसे पहले कार्रवाई सुनिश्चित की है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि हिंद महासागर में प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सुदूर जलक्षेत्रों में बचाव अभियानों तक, भारतीय नौसेना आत्मविश्वास और विश्वसनीयता का उदाहरण बन चुकी है। मुझे विश्वास है कि सागर विजन के अंतर्गत की गई नई पहलों से समुद्री क्षेत्र की जागरूकता बढ़ेगी, मानवीय सहायता दी जा सकेगी तथा अंतरराष्ट्रीय समुद्री कम्युनिटी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

देवियो और सज्जनो,

आज भारत सतत विकास के वाहक के रूप में ब्लू इकॉनोमी की क्षमता का उपयोग करने पर ध्यान दे रहा है। भारतीय नौसेना की इन कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका है। सुरक्षित समुद्री मार्ग प्रदान करके, समुद्री संसाधनों की रक्षा करके, अवैध गतिविधियों की रोकथाम करके और समुद्री शोध को सहयोग देकर, सुरक्षित, समृद्ध और धारणीय महासागरों के हमारे दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करती है।

आधुनिकीकरण के साथ-साथ नई तकनीकों का विकास और उनका उपयोग सशस्त्र बल की युद्ध तत्परता के लिए बहुत महत्व रखता है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय नौसेना भारत में ही जटिल प्लेटफार्मों के डिज़ाइन और निर्माण में अपनी क्षमता प्रमाणित कर रही है। विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, उन्नत विशाखापत्तनम-श्रेणी के विध्वंसक, नीलगिरि-श्रेणी के युद्धपोत और कलवरी-श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण से हमारी क्षमता का पता चलता है। आत्मनिर्भरता से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलती है और रोजगार भी उत्पन्न होता है तथा तकनीकी नवाचार तेज गति से होता है। मुझे विश्वास है कि भारतीय नौसेना निरंतर स्वदेशी तकनीक विकसित करती रहेगी और "विकसित भारत" के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देती रहेगी।

आइए, हम सब मिलकर अपने समुद्री क्षेत्र की रक्षा करने, अपने जहाज़ निर्माताओं को सशक्त बनाने, अपने नाविकों का समर्थन करने और हमारी महान सभ्यता को अपनाने वाले समुद्री भाव को बढ़ावा देने के लिए पुन: प्रतिबद्ध हों। मैं, नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी और आप सब के परिवारों को एक बार फिर बधाई और शुभकामनाएँ देती हूँ। भारतीय नौसेना की सदा विजय हो!

जय हिंद!
जय भारत!

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