भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

मुंबई : 06.07.2023

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भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

आज महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित इस नागरिक अभिनंदन में उपस्थित होकर मुझे विशेष प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। मैं महाराष्ट्र के सभी निवासियों का उत्साहपूर्ण स्वागत के लिए हृदय से आभार व्यक्त करती हूं। कल मुझे नागपुर में स्थित श्री महालक्ष्मी जगदम्बा शक्तिपीठ के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। आज यहाँ आने से पहले मैंने श्री सिद्धि-विनायक मंदिर में गणपति बाप्पा के दर्शन किये तथा सभी देशवासियों के कल्याण के लिए प्रार्थना की। महाराष्ट्र की इस पावन भूमि पर आकर मुझे अपार आनंद और शांति की अनुभूति हुई है।

महाराष्ट्र समृद्ध इतिहास और जीवंत संस्कृति से युक्त राज्य है। यह क्षेत्र देश का अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक केंद्र रहा है। तीर्थ स्थलों, विश्व धरोहर स्थलों और लोकप्रिय खाद्य पदार्थों से लेकर हिल स्टेशनों और खूबसूरत समुद्री तटों सहित विविधतापूर्ण प्राकृतिक सौन्दर्य तक, महाराष्ट्र में हर व्यक्ति के लिए विशेष आकर्षण के कारण विद्यमान हैं। अजंता-एलोरा गुफाओं की अनुपम कला के कारण महाराष्ट्र का विश्व के मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान है। महाराष्ट्र के लोगों ने अपनी समृद्ध विरासत को संरक्षित रखा है। अभी हाल ही में राज्य के निवासियों ने आषाढ़ी एकादशी के पर्व को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया है।

महाराष्ट्र के लोगों को उनके उदार दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। मुंबई, नागपुर और पुणे जैसे अनेक शहरों में देश के सभी क्षेत्रों से लोग आकर बसते हैं, और यहाँ के समाज में घुल-मिल जाते हैं। वे लोग अपनी प्रगति के साथ-साथ महाराष्ट्र और पूरे देश के विकास में अपना योगदान देते हैं।

देवियो और सज्जनो,

महाराष्ट्र के संत ज्ञानेश्वर, संत नामदेव, संत एकनाथ और संत तुकाराम जैसे अनेक संतों ने भारतीय समाज को समानता, स्नेह और भक्ति के द्वारा एकजुट बनाया। महाराष्ट्र की रत्नगर्भा भूमि जिन महान विभूतियों की जन्मस्थली और कर्मस्थली रही है उनकी संख्या इतनी बड़ी है कि एक सम्बोधन में सबका उल्लेख करना असंभव है। महाराष्ट्र केसरी छत्रपति शिवाजी ने आत्म सम्मान तथा राष्ट्र गौरव का महानतम उदाहरण प्रस्तुत किया है।

समाज सुधार के क्षेत्र में महाराष्ट्र ने अग्रणी भूमिका निभाई है। महिलाओं की शिक्षा और पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में महाराष्ट्र के लोग सदैव सचेत रहे हैं। जोतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले से लेकर बाबासाहब भीमराव आंबेडकर तक महाराष्ट्र में समतामूलक समाज के निर्माताओं की प्रभावशाली परंपरा रही है।

आधुनिक भारत के इतिहास में गोपाल कृष्ण गोखले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मार्गदर्शक माने जाते हैं। 'स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच.' का उद्घोष करने वाले बाल गंगाधर तिलक ने देश के स्वाधीनता संग्राम को नेतृत्व दिया।

देवियो और सज्जनो,

महाराष्ट्र ने संगीत और कला के क्षेत्रों में भी उच्चतम स्तर की प्रतिभाओं को प्रस्तुत किया है। विष्णु नारायण भातखण्डे, विष्णु दिगंबर पलुस्कर, दत्ता त्रेय विष्णु पलुस्कर से लेकर किशोरी अमोनकर तक भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान कलाकारों की परंपरा यहाँ जीवंत रही है और आज भी निरंतर प्रवाह में है। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की कर्म स्थली भी महाराष्ट्र में ही रही। महाराष्ट्र के लोक संगीत और लोक कलाएं भी पूरे देश में लोकप्रिय हैं। संगीत और लोक नृत्य के विभिन्न रूप राज्य के समृद्ध अतीत की झलक देते हैं। मराठी रंग-मंच तथा मराठी सिनेमा की अपनी अलग पहचान रही है। महाराष्ट्र के कला प्रेमी लोगों ने समृद्ध कला परम्पराओं को जीवंत बनाए रखा है।

मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है। मुंबई, अनेक उद्योगों का केंद्र रहा है। मुंबई सहित सम्पूर्ण महाराष्ट्र ने देश की अर्थव्यवस्था के विकास में प्रमुख योगदान दिया है। Manufacturing, finance, international trade, mass-media, petroleum, fashion technology और अन्य अनेक क्षेत्रों में महाराष्ट्र की अग्रणी भूमिका रहती है। देश के कुल Manufacturing output में लगभग 15 प्रतिशत योगदान के साथ महाराष्ट्र अग्रणी राज्य है। आज भारत विश्व में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत की इस सफलता में महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण योगदान है।

मुंबई में पूरे देश से लोग अपने सपनों को पूरा करने की उम्मीद लेकर आते रहे हैं। हर प्रकार की चुनौतियों के बावजूद जीवन में आगे बढ़ते रहने का उत्साह बनाए रखना मुंबई के लोगों की विशेष पहचान है।

हिन्दी फिल्म उद्योग के कारण, देशवासियों के मनो-मस्तिष्क में, मुंबई का विशेष स्थान है। मुंबई चित्रकला, नाटक और साहित्य का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। साथ ही, चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्रों में मुंबई, पुणे और नागपुर सहित अनेक शहरों में सराहनीय कार्य होते रहे हैं।

मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र के लोग आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक उत्कृष्टता के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे। अमृत काल के दौरान महाराष्ट्र देश के समावेशी विकास में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

मैं महाराष्ट्र के सभी निवासियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करती हूँ।

धन्यवाद!  जय हिन्द!   
जय भारत!

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