भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मावफलांग, मेघालय में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान संबोधन।

मावफलांग : 16.01.2024

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मावफलांग, मेघालय में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान संबोधन।(हिन्दी, 662.21 किलोबाइट)

भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मावफलांग, मेघालय में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान संबोधन

मुझे, यहां बड़ी संख्या में आए हुए मेघालय के जनजातीय भाइयों और बहनों से मिलकर प्रसन्नता हुई है। मैं, वास्तव में आपके साथ बातचीत करने की उत्सुक थी। मैं जब मेघालय पहुंची, तो मैंने अनुभव किया कि इस राज्य को वास्तव में प्रकृति का विलक्षण आशीर्वाद प्राप्त है।

मुझे बताया गया है कि मावफलांग सेक्रेड ग्रोव मेघालय के सबसे प्रसिद्ध 'लॉ-किनटांग' और प्राचीन पवित्र उपवनों से भरा है। 700 वर्ष से अधिक पुराने इस वन में पूरी दुनिया से कई आगंतुक, पर्यटक और खोजकर्ता आते रहते हैं। वे हमारे पूर्वजों की बुद्धिमत्ता से अभिभूत होते हैं जिन्होंने प्रकृति के संरक्षण की पारंपरिक अवधारणा को समझा और इसको प्रयोग में लाए। हम सब को जैव विविधता से भरे इन वनों को संरक्षित करने के ठोस उपाय करने चाहिए।

मुझे यह जानकर खुशी हुई कि मेघालय एक मॉडल राज्य के रूप में उभरने के लिए दृढ़ता से प्रयास कर रहा है और आधुनिकता और परंपरा में संतुलन बना कर चल रहा है। अच्छे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, उच्च निर्यात और गतिशील जनसांख्यिकी के साथ, मेघालय विकास का एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है जिससे और राज्य प्रेरणा ले सकते हैं। लाकाडोंग हल्दी और स्ट्रॉ-बेरीज जैसी स्थानीय उपज की बाजार में बहुत मांग है। मुझे बताया गया है कि मेघालय सरकार की "ई-प्रस्ताव प्रणाली" ने 2022 में प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार - सूचना सोसायटी पर विश्व शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएसआईएस) फोरम पुरस्कार जीता है। मैं, इस उपलब्धि के लिए मेघालय सरकार और मेघालय के निवासियों को बधाई देती हूं।

सरकार ने जैव-विविधता को बनाए रखने के लिए इसके संरक्षण के विशेष प्रयास किए हैं। मुझे बताया गया है कि एक हरित मेघालय कार्यक्रम चलाया गया है जिसके माध्यम से समुदायों को प्रकृति के संरक्षण और सुरक्षा के लिए पुरस्कृत भी किया जाता है।

देवियो और सज्जनो,

मुझे आज विभिन्न कनेक्टिविटी और विकासात्मक परियोजनाओं का उद्घाटन करने का अवसर मिला। मुझे विश्वास है कि इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और मेघालय सतत और समावेशी विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।

प्राचीन काल से ही जनजातीय लोग स्वदेशी ज्ञान, संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी रहे हैं। उन जनजातीय प्रथाओं का अध्ययन किया जाना चाहिए कि कैसे मनुष्य और प्रकृति के बीच सहजीवी संबंध बने रह सकते हैं।

मेघालय के लोगों का मानना ​​है कि 'ऊ बासा' अर्थात देवी हरे-भरे जंगलों में निवास करती हैं। मैंने पहले भी यह कहा है कि प्रकृति को दैवीय उपहार के रूप में पूजने की अवधारणा ने संरक्षण प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जनजातीय जीवनशैली का जैव-विविधता संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में बड़ा योगदान है।

देवियो और सज्जनो,

आज, मैंने यहां मेघालय में स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत की। महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों की सफलता और इस श्रृंखला के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह देखकर प्रेरणा मिलती है कि महिलाएं केवल केवल लाभार्थी ही नहीं हैं बल्कि परिवर्तन भी लाने में सक्षम हैं।

मैं, संरक्षण और जलवायु से जुड़े कार्यों में महिलाओं की भूमिका पर भी कुछ कहना चाहूंगी। यह स्थापित तथ्य है कि महिलाएं संरक्षण प्रयासों में मूल भूमिका निभाती हैं। जनजातीय समाजों में महिलाएं पर्यावरण की सुरक्षा करने का पथ प्रशस्त करती हैं और अनुकूलन और शमन को बढ़ावा देने के लिए अपने ज्ञान और कौशल को साझा करती हैं। जलवायु पहलों और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर प्रभावी जलवायु कार्रवाई और जैव-विविधता संरक्षण की दिशा में और अधिक कार्य किया जा सकता है।

देवियो और सज्जनो,

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी विरासत बनी रहे। इसलिए, हमें प्रभावी संरक्षण और प्रबंधन की स्थानीय प्रथाओं का दस्तावेजीकरण भी करना होगा। औषधियों के पारंपरिक ज्ञान की रक्षा के लिए भारत सरकार की पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) एक अच्छी पहल है।

मुझे यकीन है कि सतत विकास का एक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण लेकर चलने और अपने प्राचीन ज्ञान से सीखकर, हम एक साथ विभिन्न चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं और भावी पीढ़ी के लिए इस खूबसूरत ग्रह के प्राकृतिक उपहारों को संरक्षित कर सकते हैं।

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत!

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.