भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जन समारोह, सेनापति में संबोधन

सेनापति : 12.12.2025

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जन समारोह,  सेनापति में संबोधन(हिन्दी, 51.72 किलोबाइट)

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA  SMT. DROUPADI MURMU AT THE PUBLIC FUNCTION IN SENAPATI

मुझे सेनापति में आप सबके बीच उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है, यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली आदिवासी विरासत के लिए जाना जाता है।

आज देश नुपी लाल स्मृति दिवस मना रहा है। नुपी लाल महिलाओं के लिए सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने की क्षमता का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

देवियो और सज्जनो,

मणिपुर समृद्ध सांस्कृतिक विविधता वाला राज्य है और यहां बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय रहते हैं। यह विविधता सेनापति जिले में भी देखकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। मुझे बताया गया है कि इस जिले में अनेक जनजातीय समुदाय हैं।

मुझे ताफौ नागा गांव में आयोजित एक अभिनंदन समारोह में शामिल होने का अवसर मिला, वहां सेनापति जिले के जनजातीय भाई-बहनों के प्रतिनिधियों ने मेरा हार्दिक स्वागत किया। मैंने वहां आंतरिक विस्थापित लोगों से भी बातचीत की। मराम जनजाति समूह को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के रूप में स्वीकार किया गया है। यह मणिपुर का एकमात्र विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह है। मराम जनजाति की अनूठी संस्कृति और परंपराओं का भारत की जनजातीय विविधता में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसलिए, इस जनजातीय समुदाय पर विशेष ध्यान देने, सकारात्मक सहयोग करने और इनके स्थायी विकास के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री जनमन मिशन के तहत अनेक पहलें शुरू की गई हैं। ये पहलें विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच, शिक्षा के विस्तार, आवास सहायता, आजीविका के साधन बढ़ाने, कौशल विकास और दूरस्थ बस्तियों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के उत्थान के लिए शुरु की गई हैं। हमने अभी एक लघु फिल्म के माध्यम से प्रधानमंत्री जनमन मिशन के तहत इस जिले में चलाए जा रहे परिवर्तनकारी कार्यों को देखा है। मुझे विश्वास है कि इस मिशन के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रमों से जनजातीय समुदायों, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों का जीवन स्तर और बेहतर होगा।

देवियो और सज्जनो,

मणिपुर के जनजातीय समुदायों का सम्मान, सुरक्षा सुनिश्चित करना और विकास के अवसर देना तथा देश की प्रगति में उनकी और अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है। भारत सरकार मणिपुर के समावेशी और सतत विकास के लिए स्थानीय नेताओं, सिविल सोसाइटी और विभिन्न समुदायों के साथ मिलकर काम कर रही है। भारत सरकार देश के प्रत्येक नागरिक तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान है। हाल के वर्षों में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों सहित सड़क और पुल कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पेयजल और बिजली आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में निवेश किया गया है जिससे उन्हें लाभ मिला है। कौशल प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूह और वन धन जैसी आजीविका योजनाएं चलाई गई हैं जिनसे लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। इन कार्यक्रमों से पता चलता है कि सरकार, आदिवासी समुदायों की विशेष पहचान और परंपराओं का सम्मान करती है और उनका सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुझे प्रसन्नता है कि आज मैंने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। मुझे विश्वास है कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक बुनियादी ढांचा सुदृढ़ होगा। मुझे संस्थागत भवनों की आधारशिला रखकर भी प्रसन्नता हो रही है और मुझे आशा है कि इनका निर्माण पूर्ण होने पर इनसे क्षेत्र के हजारों परिवारों के जीवन स्तर में सुधार होगा और दूरस्थ समुदायों को आवश्यक सेवाएं मिलेंगी।

देवियो और सज्जनो,

मणिपुर की शक्ति उसकी विविध संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं में निहित है। पहाड़ियां और घाटी हमेशा से एक ही क्षेत्र के दो सुंदर पक्ष रहे हैं। मेरा सभी समुदायों से आग्रह है कि शांति, समझ और सुलह के प्रयासों में सहयोग करना जारी रखें। भारत सरकार मणिपुर के लोगों की आकांक्षाओं को समझती है। मैं, शांतिपूर्ण और खुशहाल भविष्य के लिए आपकी चिंताओं और इच्छा के प्रति सहानुभूति रखती हूं।

मैं मणिपुर के लोगों के उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की कामना करती हूँ।

धन्यवाद!
जय हिंद!
जय भारत!

समाचार पत्रिका के लिए सदस्यता लें

सदस्यता का प्रकार
वह न्यूज़लेटर चुनें जिसकी आप सदस्यता लेना चाहते हैं।
सब्सक्राइबर का ईमेल पता