भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 77 आरआर (2024 बैच) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों से मुलाकात के अवसर पर संबोधन
Rashtrapati Bhavan : 27.10.2025
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प्रिय परिवीक्षाधीन अधिकारियो,
मैं आप सबको आपके प्रशिक्षण का पहला चरण पूरा करने पर बधाई देती हूँ। कड़ी प्रतिस्पर्धी परीक्षा के बाद देश की प्रतिष्ठित पुलिस सेवा में चयनित होने के लिए आप अत्यंत प्रशंसा के पात्र हैं।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपकी दीक्षांत परेड दस दिन पहले ही आयोजित की गई थी। मुझे विश्वास है कि आपके साथ-साथ आपके गौरवान्वित माता-पिता और परिवार के सदस्य भी इस जीवंत और प्रभावशाली परेड की यादों को संजोकर रखेंगे।
प्रसन्नता की बात है कि 174 परिवीक्षाधीन अधिकारियों के इस बैच में 62 महिला अधिकारी भी हैं। लगभग 36 प्रतिशत अर्थात् एक-तिहाई से भी ज़्यादा महिलाओं के साथ आपके बैच में अब तक की सबसे ज़्यादा महिला अधिकारियों का प्रतिनिधित्व है। मुझे विश्वास है कि महिला आईपीएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व और बढ़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में आपके बैच सहित, आईपीएस के कई बैचों में, महिला प्रशिक्षु अधिकारियों ने सर्वश्रेष्ठ परिवीक्षाधीन अधिकारियों का पुरस्कार हासिल किया है। महिला पुलिस अधिकारियों की उपलब्धियाँ इस बात पर ज़ोर देती हैं कि उत्कृष्टता महिला-पुरूष का भेदभाव नहीं करती है। मैं जानती हूं कि इस बैच का प्रत्येक अधिकारी उच्चतम उपलब्धियाँ हासिल करने में सक्षम हैं। अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करके आप राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान देंगी।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा सुदृढ़ की गई देश की एकता को बनाए रखने और उसे मज़बूत बनाने में अपार योगदान दिया है। आईपीएस सेवा अन्य अखिल भारतीय सेवाओं सहित हमारे संघीय ढाँचे को एकजुट रखने और राष्ट्र की एकता और अखंडता को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
आईपीएस अधिकारियों को जहाँ भी वे तैनात होते हैं, राष्ट्रीय दृष्टिकोण रखकर कार्य करना होता है।
प्रिय परिवीक्षाधीन अधिकारियो,
युवा अधिकारियों के पास शक्ति और अधिकार होते हैं, इसलिए ध्यान रखें कि अधिकार के साथ जवाबदेही जुड़ी हुई है। आपके द्वारा किए जाने वाले कार्य और आचरण पर जनता हमेशा नजर रखती है। आपको यह स्मरण रखना है और नैतिक को ही महत्व देना है न कि जो फायदेमंद है। आपात स्थितियों से निपटने के दौरान भी न्यायसंगत और निष्पक्ष प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है। हालाँकि आपको कानूनों और व्यवस्था से बहुत से अधिकार मिलते हैं लेकिन वास्तविक अधिकार व्यक्तिगत और पेशेवर ईमानदारी में निहित होता है। नैतिक आचरण से आपको सभी का सम्मान और विश्वास प्राप्त होगा।
प्रिय परिवीक्षार्थियो,
यह ध्यान रखना जरूरी है कि औपनिवेशिक शक्तियों ने अपने देशों में नागरिकों की भागीदारी पर आधारित पुलिस व्यवस्थाएँ विकसित कीं थी। लेकिन उन्होंने भारत जैसे उपनिवेशों में भय, अविश्वास और दूरी पर आधारित पुलिस व्यवस्थाएँ बनाईं। पुलिस व्यवस्था में सांस्कृतिक वि-उपनिवेशीकरण की प्रक्रिया आईपी अथवा भारतीय पुलिस को आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) में बदलने के साथ शुरू हुई। यह परिवर्तन शासन करने के बजाय सेवा करने के विचार पर आधारित एक नया दृष्टिकोण लाने के लिए था। भारतीय पुलिस व्यवस्था का अर्थ है विशेषकर समाज के कमजोर वर्गों के लिए सेवा, संवेदनशीलता और सहानुभूति की भावना को बनाए रखना। लोग, विशेषकर हाशिए पर पड़े लोग पुलिस को एक भयावह इकाई के रूप में नहीं, बल्कि एक सहारे के रूप में देखें।
एक पुलिस अधिकारी को लगभग हर समय अपराध और अपराधियों से निपटना पड़ता है। इससे उनमें असंवेदनशीलता आ सकती है और उनके मानवीय गुणों पर असर पड़ सकता है। एक प्रभावी अधिकारी बनने के लिए आप सबको अपने करुणामय स्वभाव को अक्षुण्ण रखने के लिए विशेष प्रयास करने हैं। जिनकी आप सेवा करेंगे उन लोगों के प्रति भी आप सबको संवेदनशील रहना है और साथ ही आपकी टीम के सदस्यों के साथ भी।
प्रिय परिवीक्षार्थियो,
आपके बैच के साथियों द्वारा साझा किए गए अनुभवों से पता चलता है कि आप सबका प्रशिक्षण कार्यक्रम वर्तमान तकनीकों, संदर्भों और अपेक्षाओं के अनुसार बनाया गया है।
तकनीक से पुलिसिंग के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन आए हैं। लगभग दस साल पूर्व 'डिजिटल अरेस्ट' शब्द को समझना नामुमकिन होता। आज यह नागरिकों के लिए एक भयावह खतरा बन गया है। भारत के पास एआई का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ी से बढ़ता यूजर आधार है। इसका प्रभाव पुलिस व्यवस्था पर भी पड़ेगा। आपको एआई सहित नई-नई तकनीकों को अपनाने में उन लोगों से कई कदम आगे रहना आवश्यक है जो इन तकनीकों का गलत मकसद के लिए प्रयोग करते हैं।
भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें देश की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने और इसे तेज़ी प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक और निजी निवेश की आवश्यकता है। किसी भी राज्य अथवा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए कानून और व्यवस्था का सही होना एक पूर्व आवश्यकता है। निवेश बढ़ाने और विकास में गति लाने के लिए प्रभावी पुलिस व्यवस्था आर्थिक प्रोत्साहनों जितनी ही महत्वपूर्ण है। ऐसे में भविष्य के लिए तैयार युवा अधिकारी पुलिस बल की विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
मुझे विश्वास है कि अपनी प्रतिबद्धता और योगदान से आप अपना, अपने परिवार, अपने बैच और साथ ही देश का नाम रोशन करेंगे। मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ।
धन्यवाद!
जय हिंद!
जय भारत!
