भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अल्जीरिया-भारत इकनॉमिक फोरम में संबोधन।
अल्जीयर्स : 14.10.2024
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 59.66 किलोबाइट)
मुझे आज अल्जीरिया-भारत आर्थिक फोरम को संबोधित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मैं, व्यापार और निर्यात संवर्धन मंत्री महामहिम श्री तैयब ज़िटौनी को इस मंच पर उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद देती हूं। मैं, इस कार्यक्रम को संयुक्त रूप से आयोजित करने के लिए अल्जीरियाई इकनॉमिक रिनिवल काउंसिल और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) को भी धन्यवाद देती हूं। दोनों देशों के बीच आयोजित इस तरह के पहले फोरम में दोनों पक्षों की ओर से उत्साह से भाग लेते देखकर मुझे प्रसन्नता हो रही है।
आज सुबह, राष्ट्रपति तेब्बौन के साथ मेरी सार्थक चर्चा हुई है। मैं, उनके सक्षम नेतृत्व में अल्जीरिया की सरकार द्वारा शुरू किए गए बदलावों की प्रशंसा करती हूं। आज के 'नए अल्जीरिया' में सभी स्तरों पर विकास और प्रगति साफ देखी जा सकती है। अल्जीरिया में व्यापक लोकतंत्र और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति तेब्बौन द्वारा किया गया दृढ़ संकल्प सराहनीय है।
भारत और अल्जीरिया के संबंध मधुर और मैत्रीपूर्ण रहे हैं। हमारे सिद्धांत समान हैं और द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय स्तर के अनेक मुद्दों पर हमारा दृष्टिकोण भी समान है। भारत ने अल्जीरिया की स्वाधीनता की लड़ाई को पूरा समर्थन दिया और आज, भारत और अल्जीरिया शांति और समृद्धि के रास्ते पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।
भारत-अफ्रीका संबंधों के चलते, भारत-अल्जीरिया संबंधों को आगे बढ़ाना हमारे साझा मूल्यों, समान चुनौतियों और आपसी विश्वास के लिए आवश्यक है। आज, भारत का अफ्रीका के साथ लगभग 84 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है और भारत ने 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का संचयी निवेश किया है तथा भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
अल्जीरिया के तेजी से विकास और बढ़ती अर्थव्यवस्था विभिन्न क्षेत्रों में अनेक अवसर उपलब्ध कराती है। अल्जीरिया की लगभग 4% जीडीपी वृद्धि दर और पिछले दो वर्षों के दौरान 9000 निवेश परियोजनाओं के पंजीकरण ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। मैं चाहूंगी की भारतीय कंपनियां, अल्जीरियाई अर्थव्यवस्था द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसरों का लाभ उठाएँ और यहाँ निवेश करें।
हम, भारत को अल्जीरिया के एक मजबूत विकास भागीदार के रूप में देखते हैं। हमारे दोनों देशों के बीच कुल आपसी व्यापार 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। हालाँकि, मैं कहना चाहूंगी कि हमारे आर्थिक संबंधों का पूरा उपयोग किया जाना बाकी है। यह ऊर्जा, निर्माण, ऑटोमोबाइल, उर्वरक और फार्मास्यूटिकल्स में किए जा रहे सहयोग को बढ़ाने और उज्जवल भविष्य को देखते हुए नए व्यापार और निवेश अवसरों का पता लगाने का समय है।
आज विश्व में अनिश्चितता का माहौल है, फिर भी भारत में तेजी से विकास हो रहा है। भारत, की वर्तमान अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की है और पिछले कुछ वर्षों में भारत ने राजनीतिक स्थिरता, नीति पूर्वानुमान और सुधार उन्मुख-आर्थिक एजेंडे के कारण प्रभावशाली प्रगति की है, जिससे '[ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' काल की शुरुआत हुई है। निरंतर 8% विकास दर, कुशल प्रतिभा पूल, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और 12 स्मार्ट औद्योगिक शहरों की स्थापना जैसे कार्यक्रमों ने नए अवसर उपलब्ध किए हैं। विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वस्तु एवं सेवा कर जैसे कई अन्य सुधार लागू किए गए हैं। इससे भारत में व्यवसाय करना और व्यवसाय में विस्तार करना आसान हो गया है। मैं अल्जीरियाई कंपनियों को हमारी "मेक-इन इंडिया" और "मेक फॉर द वर्ल्ड" पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करती हूं।
भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आईटी, फिन-टेक, फार्मा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप और नवीकरणीय जैसे क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। हमें इन क्षेत्रों में अपने अनुभव अल्जीरियाई भागीदारों के साथ साझा करने में प्रसन्नता होगी। अल्जीरिया में भारतीय समुदाय, हालांकि छोटा है, किन्तु अल्जीरियाई अर्थव्यवस्था में, विशेष रूप से विकास के विभिन्न क्षेत्रों में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। अल्जीरिया में भारतीयों द्वारा किए जा रहे व्यवसाय में भारतीयों और अल्जीरिया के स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध है, जो लोगों से लोगों के हमारे जीवंत संबंधों का उदाहरण है।
राष्ट्रपति तेब्बौन और हमारा दृढ़ विश्वास है कि अब वह समय आ गया है कि हम इस साझेदारी को और मजबूत करें और दोनों देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करें। हम सभी स्तरों और सभी क्षेत्रों पर नियमित मंत्रणा और बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आज का यह इकनॉमिक फोरम हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है और मैं कामना करती हूँ की इसमें होने वाला विचार-विमर्श सफलता लाए।
जय हिंद!
शुक्रान!
अल्जीयर्स : 14.10.2024
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 633.7 किलोबाइट)
मुझे आज अल्जीरिया-भारत आर्थिक फोरम को संबोधित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मैं, व्यापार और निर्यात संवर्धन मंत्री महामहिम श्री तैयब ज़िटौनी को इस मंच पर उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद देती हूं। मैं, इस कार्यक्रम को संयुक्त रूप से आयोजित करने के लिए अल्जीरियाई इकनॉमिक रिनिवल काउंसिल और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) को भी धन्यवाद देती हूं। दोनों देशों के बीच आयोजित इस तरह के पहले फोरम में दोनों पक्षों की ओर से उत्साह से भाग लेते देखकर मुझे प्रसन्नता हो रही है।
आज सुबह, राष्ट्रपति तेब्बौन के साथ मेरी सार्थक चर्चा हुई है। मैं, उनके सक्षम नेतृत्व में अल्जीरिया की सरकार द्वारा शुरू किए गए बदलावों की प्रशंसा करती हूं। आज के 'नए अल्जीरिया' में सभी स्तरों पर विकास और प्रगति साफ देखी जा सकती है। अल्जीरिया में व्यापक लोकतंत्र और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति तेब्बौन द्वारा किया गया दृढ़ संकल्प सराहनीय है।
भारत और अल्जीरिया के संबंध मधुर और मैत्रीपूर्ण रहे हैं। हमारे सिद्धांत समान हैं और द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय स्तर के अनेक मुद्दों पर हमारा दृष्टिकोण भी समान है। भारत ने अल्जीरिया की स्वाधीनता की लड़ाई को पूरा समर्थन दिया और आज, भारत और अल्जीरिया शांति और समृद्धि के रास्ते पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।
भारत-अफ्रीका संबंधों के चलते, भारत-अल्जीरिया संबंधों को आगे बढ़ाना हमारे साझा मूल्यों, समान चुनौतियों और आपसी विश्वास के लिए आवश्यक है। आज, भारत का अफ्रीका के साथ लगभग 84 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है और भारत ने 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का संचयी निवेश किया है तथा भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
अल्जीरिया के तेजी से विकास और बढ़ती अर्थव्यवस्था विभिन्न क्षेत्रों में अनेक अवसर उपलब्ध कराती है। अल्जीरिया की लगभग 4% जीडीपी वृद्धि दर और पिछले दो वर्षों के दौरान 9000 निवेश परियोजनाओं के पंजीकरण ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। मैं चाहूंगी की भारतीय कंपनियां, अल्जीरियाई अर्थव्यवस्था द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसरों का लाभ उठाएँ और यहाँ निवेश करें।
हम, भारत को अल्जीरिया के एक मजबूत विकास भागीदार के रूप में देखते हैं। हमारे दोनों देशों के बीच कुल आपसी व्यापार 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। हालाँकि, मैं कहना चाहूंगी कि हमारे आर्थिक संबंधों का पूरा उपयोग किया जाना बाकी है। यह ऊर्जा, निर्माण, ऑटोमोबाइल, उर्वरक और फार्मास्यूटिकल्स में किए जा रहे सहयोग को बढ़ाने और उज्जवल भविष्य को देखते हुए नए व्यापार और निवेश अवसरों का पता लगाने का समय है।
आज विश्व में अनिश्चितता का माहौल है, फिर भी भारत में तेजी से विकास हो रहा है। भारत, की वर्तमान अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की है और पिछले कुछ वर्षों में भारत ने राजनीतिक स्थिरता, नीति पूर्वानुमान और सुधार उन्मुख-आर्थिक एजेंडे के कारण प्रभावशाली प्रगति की है, जिससे '[ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' काल की शुरुआत हुई है। निरंतर 8% विकास दर, कुशल प्रतिभा पूल, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और 12 स्मार्ट औद्योगिक शहरों की स्थापना जैसे कार्यक्रमों ने नए अवसर उपलब्ध किए हैं। विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वस्तु एवं सेवा कर जैसे कई अन्य सुधार लागू किए गए हैं। इससे भारत में व्यवसाय करना और व्यवसाय में विस्तार करना आसान हो गया है। मैं अल्जीरियाई कंपनियों को हमारी "मेक-इन इंडिया" और "मेक फॉर द वर्ल्ड" पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करती हूं।
भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आईटी, फिन-टेक, फार्मा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप और नवीकरणीय जैसे क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। हमें इन क्षेत्रों में अपने अनुभव अल्जीरियाई भागीदारों के साथ साझा करने में प्रसन्नता होगी। अल्जीरिया में भारतीय समुदाय, हालांकि छोटा है, किन्तु अल्जीरियाई अर्थव्यवस्था में, विशेष रूप से विकास के विभिन्न क्षेत्रों में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। अल्जीरिया में भारतीयों द्वारा किए जा रहे व्यवसाय में भारतीयों और अल्जीरिया के स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध है, जो लोगों से लोगों के हमारे जीवंत संबंधों का उदाहरण है।
राष्ट्रपति तेब्बौन और हमारा दृढ़ विश्वास है कि अब वह समय आ गया है कि हम इस साझेदारी को और मजबूत करें और दोनों देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करें। हम सभी स्तरों और सभी क्षेत्रों पर नियमित मंत्रणा और बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आज का यह इकनॉमिक फोरम हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है और मैं कामना करती हूँ की इसमें होने वाला विचार-विमर्श सफलता लाए।
जय हिंद!
शुक्रान!