रूसी फैडरेशन से संसदीय शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति जी से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 27.02.2013

रूसी फैडरेशन के एक संसदीय शिष्टमंडल ने, फैडरेशन की काउंसिल की अध्यक्षा, महामान्या श्रीमती वेलेंटिना आई मेट्वेंको के नेतृत्व में, 26 फरवरी, 2013 को राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की।

शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि रूस, कई दशकों से भारत का मित्र तथा प्रमुख साझीदार रहा है। भारत-रूस की विशेष तथा गौरवशाली कार्यनीतिक साझीदारी, एक विशिष्ट तथा बहु-आयामी संबंध है जो स्थाईत्व तथा गर्मजोशी से परिपूर्ण है। रूस, भारत की विदेश नीति के लिए एक मुख्य प्राथमिकता बना हुआ है। औद्योगिकीकरण तथा रक्षा सुदृढ़ीकरण के शुरुआती दौर में सोवियत संघ से प्राप्त सहयोग से लेकर कार्यनीतिक सेक्टरों में संयुक्त डिजायन और विकास में मजबूत पारस्परिक संबंध के रूप में भारत-रूस कार्यनीतिक साझीदारी, द्विपक्षीय मंच पर हमारे हितों के उल्लेखनीय तालमेल का प्रतीक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंध ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार तथा अर्थशास्त्र, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, संस्कृति तथा लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों जैसे कई क्षेत्रों में अच्छी तरह उन्नतिशील हैं। भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश का स्तर उसकी क्षमता से कहीं नीचे है। दोनों देशों को ईमानदारी तथा सुव्यवस्थित प्रयास करते हुए 2015 तक 20 बिलियन अमरीकी डालर के द्विपक्षीय व्यवसाय के आंकड़ो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, विशिष्ट क्षेत्रों सहित, खास उपाय करने होंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय आदान-प्रदान द्विपक्षीय रिश्तों के महत्त्वपूर्ण भाग होते हैं। भारत, दोनों देशों की संसदों के बीच सभी स्तरों पर और अधिक संसदीय आदान-प्रदान बढ़ाना चाहेगा। दोनों देशों की संघीय विधानमंडलों के बीच अधिक आदान-प्रदान हमारे जीवंत तथा ऊर्जाशील रिश्तों में नया आयाम जोड़ सकते हैं।

रूसी संसदीय शिष्टमंडल की नेता ने कहा कि भारत, रूस का एक विश्वसनीय और सच्चा मित्र है। भारत-रूस संबंध समय पर खरे उतरे हैं। वे वैश्विक राजनीति में महत्त्वपूर्ण कारक हैं। रूस को भारत की हैसियत तथा उसका प्रभाव बढ़ने पर प्रसन्नता है क्योंकि हमारे नज़रिए और हित मिलते हैं और हम मिलकर वैश्विक घटनाक्रमों को बेहतर ढंग से प्रभावित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि अन्तर-संसदीय संबंध, अन्य सेक्टरों में हमारे रिश्तों के मुकाबले पिछड़ रहे हैं और इस बात की जरूरत है कि दोनों देशों के सांसद रिश्तों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में ठोस योगदान दें।

यह विज्ञप्ति 1415 बजे जारी की गई

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